रक्षाबंधन पर हैं दो शुभ मुहूर्त:एस्ट्रोलॉजर आशिमा बोलीं राहुकाल से पहले और शाम को राखी बांधना रहेगा शुभ
रक्षाबंधन का पर्व आज 9 अगस्त को पूरे देश में मनाया जा रहा है। इस दिन बहनें अपने भाई की कलाई पर राखी बांधकर उसके दीर्घायु और सुख-समृद्धि की कामना करती हैं। एस्ट्रोलॉजर आशिमा शर्मा के अनुसार, राखी बांधने का पहला शुभ मुहूर्त सुबह 7:45 बजे से 9:26 बजे तक रहेगा। दूसरा शुभ समय शाम 4:07 बजे से 5:45 बजे तक है। बहनें इन दोनों समय में राखी बांध सकती हैं। राहुकाल में राखी न बांधें एस्ट्रोलॉजर आशिमा ने बताया कि सुबह 9:07 से 10:47 बजे तक राहुकाल रहेगा। इस अवधि में कोई भी शुभ कार्य करना वर्जित माना जाता है, इसलिए राखी बांधने से बचना चाहिए। ब्रह्म मुहूर्त आज सुबह 4:22 से 5:04 बजे तक है। जो पूजा-पाठ और ध्यान के लिए अत्यंत शुभ माना जाता है। रक्षाबंधन पर पूजा करने और रक्षासूत्र अर्पित करने का विशेष महत्व होता है। उनका कहना है कि शुभ मुहूर्त में राखी बांधने से पारिवारिक सुख, धार्मिक पुण्य और आत्मिक संतोष प्राप्त होता है। वहीं राहुकाल या अशुभ समय में ऐसा करने से ग्रहों का नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है। राखी बांधने की शुभ चौघड़ियां रक्षाबंधन की पूजा विधि पूजा-विधि के अनुसार, सुबह स्नान कर भगवान की पूजा करें। बहनें पूजा की थाली में रोली, अक्षत, दीपक, कुमकुम, राखियां और मिठाई रखें। शुभ मुहूर्त में भाई के माथे पर तिलक लगाकर दाहिने हाथ पर राखी बांधें। इसके बाद मिठाई खिलाकर आरती करें और उसकी लंबी उम्र की प्रार्थना करें। रक्षाबंधन से जुड़ी पौराणिक कथाएं 1. श्रीकृष्ण-द्रौपदी कथा: महाभारत काल में भगवान श्रीकृष्ण की उंगली से खून बहने पर द्रौपदी ने अपनी साड़ी फाड़कर बांध दी थी। तब श्रीकृष्ण ने उसकी रक्षा करने का वचन दिया था। 2. लक्ष्मी और राजा बली की कथा: एक बार देवी लक्ष्मी ने राजा बली को राखी बांधी और बदले में भगवान विष्णु को बैकुंठ लौटने की अनुमति मिली थी। 3. यम और यमुना की कथा: यमराज को उनकी बहन यमुना ने राखी बांधी थी। तब यम ने उसे अमरत्व का वरदान दिया।

What's Your Reaction?






