कडवल के कांग्रेस में शामिल होने पर भड़के बैंस:बोले-पार्टी प्रोटोकाल के उलट हो रहा काम, चन्नी ने कहा-किसी के कहने से कुछ नहीं होता

लुधियाना में पूर्व विधायक सिमरजीत सिंह बैंस से छत्तीस का आंकड़ा रखने वाले कमलजीत सिंह कड़वल ने आज कांग्रेस में वापसी कर ली है। कमलजीत कड़वल को पूर्व सीएम एवं जालंधर से सांसद चरणजीत सिंह चन्नी ने कांग्रेस में शामिल किया है। इसे लेकर पूर्व विधायक सिमरजीत सिंह बैंस ने पूर्व CM चरणजीत सिंह पर बड़े सवाल खड़े कर दिए है। वहीं पूर्व सीएम चरणजीत सिंह चन्नी ने भी बैंस पर पलटवार किया है। बैंस ने कहा कि किसी भी पार्टी जब किसी नेता को शामिल किया जाता है तो उसे समय पार्टी हाई कमान या प्रदेश प्रधान उसे पार्टी में शामिल करता है। लेकिन आज जब एक व्यक्ति को पार्टी में शामिल किया गया उसे समय पार्टी प्रधान वहां पर नहीं थे। पार्टी के प्रोटोकॉल के उलट है। पूर्व मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी ने कहा भारत भूषण आशू कांग्रेस पार्टी के वर्किंग प्रधान है। पार्टी के जनरल सेक्रेटरी की परमिशन लेकर ही किसी को पार्टी में शामिल किया जाता है। कांग्रेस में किसी तरह की अनबन नहीं है। किसी एक व्यक्ति के कहने से कुछ नहीं होता। ऐसे तो कोई भी उठकर कुछ कह देगा। इस तरह की कोई भी बात होती है तो वह पार्टी के अंदर करनी चाहिए। कांग्रेस हाई कमान से की जांच की मांग प्रदेश प्रधान अमरिंदर सिंह राजा वडिंग जब लुधियाना से लोकसभा चुनाव लड़ रहे थे उस समय भी कुछ लोग उनके साथ छोड़ गए थे, जो अब दोबारा शामिल होने आ रहे हैं। बैंस ने कहा कि यह जांच का विषय है कि उसे समय वह लोग किसके इशारे पर पार्टी छोड़कर गए थे और अब दोबारा किसके इशारे पर पार्टी में शामिल करवाए जा रहे हैं। बैंस ने कहा जब बैंस ब्रदर भी कांग्रेस में शामिल हुए थे तो उन्हें भी पार्टी हाई कमान राहुल गांधी ने शामिल किया था। कांग्रेस हाई कमान से मांग है कि इस मामले की निष्पक्षता से जांच करवाई जाए। बता दे कि कमलजीत सिंह कड़वल 1 साल पहले भाजपा में शामिल हुए थे। करीब 6 महीने पहले आम आदमी पार्टी में ज्वाइन की और अब फिर कांग्रेस में वापसी की है। यहां बता दें हलका आत्म नगर से कमलजीत सिंह कड़वल विधान सभा का चुनाव सिमरजीत सिंह बैंस के खिलाफ लड़ चुके है। चुनाव दौरान ही बैंस समर्थकों और कड़वल समर्थकों की झड़प तक हो चुकी है। उस मामले में पुलिस ने सिमरजीत सिंह बैंस, उनके बेटे समेत 28 लोगों के खिलाफ इरादतन हत्या का केस दर्ज किया था। 30 साल साथ रहे, 2014 चुनाव के बाद बढ़ीं दूरियां हलका आत्म नगर से पूर्व विधायक सिमरजीत सिंह बैंस और कांग्रेस के कमलजीत सिंह कड़वल किसी समय क्लासमेट हुआ करते थे, लेकिन दोनों एक ही हलके से एक दूसरे के आमने-सामने चुनाव लड़ चुके है। बैंस व कड़वल आठवीं क्लास से दोस्त रहे। करीब 30 साल तक इकट्ठा रहे। जिसके बाद दोनों इकट्ठे राजनीति में भी उतरे। 2014 में लोकसभा चुनाव के दौरान सिमरजीत बैंस अकाली दल से अलग होकर आजाद चुनाव में उतरे थे। इस दौरान बैंस व कड़वल ने पार्टी छोड़ दी थी। इन चुनाव के बाद कड़वल ने बैंस का साथ छोड़ दिया था। हालाकि करीब छह महीने बाद कमलजीत कड़वल दोबारा शिअद में शामिल हो गए थे। इसके बाद दोनों में दूरियां बढ़ती चली गईं। बैंस और कड़वल द्वारा स्टेज पर भी एक दूसरे पर कई तरह के आरोप लगाए गए थे। दोनों में पहले भी कई बार आमने सामने हो चुके हैं। 2022 में हुई थी झड़प 2022 में गिल रोड पर क्वालिटी धर्म कांटा के पास सबसे संवेदनशील माने जाते हलका आत्म नगर से उस समय लोक इंसाफ पार्टी के उम्मीदवार सिमरजीत सिंह बैंस और कांग्रेस पार्टी के उम्मीदवार कमलजीत सिंह कड़वल के बोर्ड लगाने को लेकर समर्थकों में झड़प हो गई थी। मामला इतना बड़ गया था कि दोनों तरफ से जमकर पथराव किया गया। हालाकि इस दौरान विधायक बैंस के भाई परमजीत सिंह पम्मा व समर्थक और कांग्रेस के दो समर्थक जख्मी हो गए थे। पढ़े कौन हैं सिमरजीत सिंह बैंस 2017 में बनाई थी खुद की पार्टी संगरूर के मौजूदा सांसद सिमरनजीत सिंह मान के साथ राजनीतिक करियर शुरू करने वाले सिमरजीत सिंह बैंस, सुखबीर सिंह बादल की अगुआई में अकाली दल में शामिल हो गए थे। शिअद में उनके ऊपर कई आरोप लगते रहे। बैंस के खिलाफ तहसीलदार को कार्यालय में घुसकर मारपीट करने का भी मामला दर्ज हुआ था। अकाली दल द्वारा चुनाव टिकट नहीं दिए जाने से नाराज होकर उन्होंने पार्टी छोड़ दी थी। इसके बाद सिमरजीत ने आत्म नगर और बलविंदर ने लुधियाना विधानसभा सीट से चुनाव लड़ा और जीत गए। बैंस ने 2017 में हुए विधानसभा चुनाव में लोक इंसाफ पार्टी बनाई और AAP से गठजोड़ कर लिया। इस बार भी दोनों भाई चुनाव जीत गए। साल 2022 में हुए विधानसभा चुनाव में उनकी पार्टी ने अकेले चुनाव लड़ा, लेकिन AAP की लहर के सामने टिक नहीं पाए और हार गए। 2024 लोक सभा चुनाव से पहले राहुल गांधी ने सिमरजीत सिंह बैंस और बलविंदर सिंह बैंस को कांग्रेस में शामिल किया था। सिमरजीत सिंह बैंस ने लोकसभा चुनाव में प्रदेश प्रधान अमरिंदर सिंह राजा वड़िंग की काफी मदद की थी जिस कारण उन्हें वड़िंग का करीबी भी माना जाता है। वहीं 2027 में सिमरजीत सिंह बैंस की हलका आत्म नगर से कांग्रेस पार्टी द्वारा सीट दिए जाने की चर्चा भी है लेकिन अब कमलजीत कड़वल के आने के बाद कही न कही कांग्रेस ने बैंस के पेरेलल दावेदार खड़ा कर दिया है। 2 बार जेल जा चुके हैं बैंस सिमरजीत सिंह बैंस 2 बार जेल जा चुके हैं। वर्ष 2009 में उन पर तहसीलदार के साथ मारपीट करने का आरोप लगा था। इस केस में वह जेल काट चुके हैं। इसके बाद 10 जुलाई 2021 में उन पर महिला ने रेप करने की कोशिश का आरोप लगाया था। इसके बाद पुलिस ने मामला दर्ज कर उन्हें जेल भेज दिया था।

Jun 2, 2025 - 03:16
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कडवल के कांग्रेस में शामिल होने पर भड़के बैंस:बोले-पार्टी प्रोटोकाल के उलट हो रहा काम, चन्नी ने कहा-किसी के कहने से कुछ नहीं होता
लुधियाना में पूर्व विधायक सिमरजीत सिंह बैंस से छत्तीस का आंकड़ा रखने वाले कमलजीत सिंह कड़वल ने आज कांग्रेस में वापसी कर ली है। कमलजीत कड़वल को पूर्व सीएम एवं जालंधर से सांसद चरणजीत सिंह चन्नी ने कांग्रेस में शामिल किया है। इसे लेकर पूर्व विधायक सिमरजीत सिंह बैंस ने पूर्व CM चरणजीत सिंह पर बड़े सवाल खड़े कर दिए है। वहीं पूर्व सीएम चरणजीत सिंह चन्नी ने भी बैंस पर पलटवार किया है। बैंस ने कहा कि किसी भी पार्टी जब किसी नेता को शामिल किया जाता है तो उसे समय पार्टी हाई कमान या प्रदेश प्रधान उसे पार्टी में शामिल करता है। लेकिन आज जब एक व्यक्ति को पार्टी में शामिल किया गया उसे समय पार्टी प्रधान वहां पर नहीं थे। पार्टी के प्रोटोकॉल के उलट है। पूर्व मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी ने कहा भारत भूषण आशू कांग्रेस पार्टी के वर्किंग प्रधान है। पार्टी के जनरल सेक्रेटरी की परमिशन लेकर ही किसी को पार्टी में शामिल किया जाता है। कांग्रेस में किसी तरह की अनबन नहीं है। किसी एक व्यक्ति के कहने से कुछ नहीं होता। ऐसे तो कोई भी उठकर कुछ कह देगा। इस तरह की कोई भी बात होती है तो वह पार्टी के अंदर करनी चाहिए। कांग्रेस हाई कमान से की जांच की मांग प्रदेश प्रधान अमरिंदर सिंह राजा वडिंग जब लुधियाना से लोकसभा चुनाव लड़ रहे थे उस समय भी कुछ लोग उनके साथ छोड़ गए थे, जो अब दोबारा शामिल होने आ रहे हैं। बैंस ने कहा कि यह जांच का विषय है कि उसे समय वह लोग किसके इशारे पर पार्टी छोड़कर गए थे और अब दोबारा किसके इशारे पर पार्टी में शामिल करवाए जा रहे हैं। बैंस ने कहा जब बैंस ब्रदर भी कांग्रेस में शामिल हुए थे तो उन्हें भी पार्टी हाई कमान राहुल गांधी ने शामिल किया था। कांग्रेस हाई कमान से मांग है कि इस मामले की निष्पक्षता से जांच करवाई जाए। बता दे कि कमलजीत सिंह कड़वल 1 साल पहले भाजपा में शामिल हुए थे। करीब 6 महीने पहले आम आदमी पार्टी में ज्वाइन की और अब फिर कांग्रेस में वापसी की है। यहां बता दें हलका आत्म नगर से कमलजीत सिंह कड़वल विधान सभा का चुनाव सिमरजीत सिंह बैंस के खिलाफ लड़ चुके है। चुनाव दौरान ही बैंस समर्थकों और कड़वल समर्थकों की झड़प तक हो चुकी है। उस मामले में पुलिस ने सिमरजीत सिंह बैंस, उनके बेटे समेत 28 लोगों के खिलाफ इरादतन हत्या का केस दर्ज किया था। 30 साल साथ रहे, 2014 चुनाव के बाद बढ़ीं दूरियां हलका आत्म नगर से पूर्व विधायक सिमरजीत सिंह बैंस और कांग्रेस के कमलजीत सिंह कड़वल किसी समय क्लासमेट हुआ करते थे, लेकिन दोनों एक ही हलके से एक दूसरे के आमने-सामने चुनाव लड़ चुके है। बैंस व कड़वल आठवीं क्लास से दोस्त रहे। करीब 30 साल तक इकट्ठा रहे। जिसके बाद दोनों इकट्ठे राजनीति में भी उतरे। 2014 में लोकसभा चुनाव के दौरान सिमरजीत बैंस अकाली दल से अलग होकर आजाद चुनाव में उतरे थे। इस दौरान बैंस व कड़वल ने पार्टी छोड़ दी थी। इन चुनाव के बाद कड़वल ने बैंस का साथ छोड़ दिया था। हालाकि करीब छह महीने बाद कमलजीत कड़वल दोबारा शिअद में शामिल हो गए थे। इसके बाद दोनों में दूरियां बढ़ती चली गईं। बैंस और कड़वल द्वारा स्टेज पर भी एक दूसरे पर कई तरह के आरोप लगाए गए थे। दोनों में पहले भी कई बार आमने सामने हो चुके हैं। 2022 में हुई थी झड़प 2022 में गिल रोड पर क्वालिटी धर्म कांटा के पास सबसे संवेदनशील माने जाते हलका आत्म नगर से उस समय लोक इंसाफ पार्टी के उम्मीदवार सिमरजीत सिंह बैंस और कांग्रेस पार्टी के उम्मीदवार कमलजीत सिंह कड़वल के बोर्ड लगाने को लेकर समर्थकों में झड़प हो गई थी। मामला इतना बड़ गया था कि दोनों तरफ से जमकर पथराव किया गया। हालाकि इस दौरान विधायक बैंस के भाई परमजीत सिंह पम्मा व समर्थक और कांग्रेस के दो समर्थक जख्मी हो गए थे। पढ़े कौन हैं सिमरजीत सिंह बैंस 2017 में बनाई थी खुद की पार्टी संगरूर के मौजूदा सांसद सिमरनजीत सिंह मान के साथ राजनीतिक करियर शुरू करने वाले सिमरजीत सिंह बैंस, सुखबीर सिंह बादल की अगुआई में अकाली दल में शामिल हो गए थे। शिअद में उनके ऊपर कई आरोप लगते रहे। बैंस के खिलाफ तहसीलदार को कार्यालय में घुसकर मारपीट करने का भी मामला दर्ज हुआ था। अकाली दल द्वारा चुनाव टिकट नहीं दिए जाने से नाराज होकर उन्होंने पार्टी छोड़ दी थी। इसके बाद सिमरजीत ने आत्म नगर और बलविंदर ने लुधियाना विधानसभा सीट से चुनाव लड़ा और जीत गए। बैंस ने 2017 में हुए विधानसभा चुनाव में लोक इंसाफ पार्टी बनाई और AAP से गठजोड़ कर लिया। इस बार भी दोनों भाई चुनाव जीत गए। साल 2022 में हुए विधानसभा चुनाव में उनकी पार्टी ने अकेले चुनाव लड़ा, लेकिन AAP की लहर के सामने टिक नहीं पाए और हार गए। 2024 लोक सभा चुनाव से पहले राहुल गांधी ने सिमरजीत सिंह बैंस और बलविंदर सिंह बैंस को कांग्रेस में शामिल किया था। सिमरजीत सिंह बैंस ने लोकसभा चुनाव में प्रदेश प्रधान अमरिंदर सिंह राजा वड़िंग की काफी मदद की थी जिस कारण उन्हें वड़िंग का करीबी भी माना जाता है। वहीं 2027 में सिमरजीत सिंह बैंस की हलका आत्म नगर से कांग्रेस पार्टी द्वारा सीट दिए जाने की चर्चा भी है लेकिन अब कमलजीत कड़वल के आने के बाद कही न कही कांग्रेस ने बैंस के पेरेलल दावेदार खड़ा कर दिया है। 2 बार जेल जा चुके हैं बैंस सिमरजीत सिंह बैंस 2 बार जेल जा चुके हैं। वर्ष 2009 में उन पर तहसीलदार के साथ मारपीट करने का आरोप लगा था। इस केस में वह जेल काट चुके हैं। इसके बाद 10 जुलाई 2021 में उन पर महिला ने रेप करने की कोशिश का आरोप लगाया था। इसके बाद पुलिस ने मामला दर्ज कर उन्हें जेल भेज दिया था।

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