मेवाड़ में जलाशय अपार, सूरत संवारो सरकार

उदयपुर. झीलों के शहर के रूप में पहचाना जाता है उदयपुर। लेकिन, यहां केवल झीलें ही नहीं, प्राचीन और कलात्मक बावड़ियां और अन्य जलाशय भी बड़ी तादाद में है। जानकारों के अनुसार अकेले उदयपुर शहर में करीब सवा सौ से ज्यादा प्राचीन बावड़ियां है। यह बात और है कि झीलें आबाद है और बावड़िया और अन्य जलाशय बदहाल। जिले में भी कई जगह जलाशयों की दुर्गति हो रही है। प्राचीन जलाशयों में बावड़ियों, कुएं और तालाबों का बड़ा महत्व था। कालखण्ड के अनुरूप यहां जलाशयों का निर्माण किया था, लेकिन अब अधिकांश दुर्दशा का शिकार है। जलाशय केवल पानी उपलब्ध कराने के स्रोत ही नहीं थे, बल्कि सामाजिक सद्भाव और सांस्कृतिक विरासत के परिचायक भी रहे हैं।

Jun 5, 2025 - 05:20
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मेवाड़ में जलाशय अपार, सूरत संवारो सरकार
उदयपुर. झीलों के शहर के रूप में पहचाना जाता है उदयपुर। लेकिन, यहां केवल झीलें ही नहीं, प्राचीन और कलात्मक बावड़ियां और अन्य जलाशय भी बड़ी तादाद में है। जानकारों के अनुसार अकेले उदयपुर शहर में करीब सवा सौ से ज्यादा प्राचीन बावड़ियां है। यह बात और है कि झीलें आबाद है और बावड़िया और अन्य जलाशय बदहाल। जिले में भी कई जगह जलाशयों की दुर्गति हो रही है। प्राचीन जलाशयों में बावड़ियों, कुएं और तालाबों का बड़ा महत्व था। कालखण्ड के अनुरूप यहां जलाशयों का निर्माण किया था, लेकिन अब अधिकांश दुर्दशा का शिकार है। जलाशय केवल पानी उपलब्ध कराने के स्रोत ही नहीं थे, बल्कि सामाजिक सद्भाव और सांस्कृतिक विरासत के परिचायक भी रहे हैं।

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