कोचिंग की दौड़ : 8वीं के बाद स्कूल हो रहे खाली, बिना योग्यता बच्चों पर थोपी जा रही नीट व जेईई की पढ़ाई

नागौर. प्रदेश के सरकारी स्कूलों में आठवीं के बाद विद्यार्थियों की संख्या में तेजी से कमी आ रही है। यूं तो इसकी कई वजह है, लेकिन पिछले कुछ सालों में इसकी बड़ी वजह बच्चों का कोचिंग संस्थानों की ओर से जाना है। जिले सहित प्रदेश के कई स्कूल ऐसे हैं, जहां जो दसवीं के बाद 11वीं व 12वीं में बच्चों की संख्या दहाई का आंकड़ा भी पार नहीं कर रहा है। प्रदेश में संचालित 134 स्वामी विवेकानन्द मॉडल स्कूल एवं 3737 महात्मा गांधी राजकीय विद्यालयों में भी बच्चों की संख्या कम हो रही है, जबकि ये विद्यालय सरकार ने अंग्रेजी माध्यम में पढ़ाई कराने के लिए खोले थे। नागौर जिला मुख्यालय पर संचालित एकमात्र केन्द्रीय विद्यालय में भी 10वीं तक प्रवेश लेने वाले बच्चों की कतार रहती है, लेकिन 11वीं में अच्छा परिणाम होने के बावजूद टीसी कटवा रहे हैं। वजह एक ही है कि बच्चे को कोटा व सीकर जैसे शहरों में नीट व जेईई की तैयारी के लिए भेज रहे हैं।

Aug 4, 2025 - 12:35
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कोचिंग की दौड़ : 8वीं के बाद स्कूल हो रहे खाली, बिना योग्यता बच्चों पर थोपी जा रही नीट व जेईई की पढ़ाई
नागौर. प्रदेश के सरकारी स्कूलों में आठवीं के बाद विद्यार्थियों की संख्या में तेजी से कमी आ रही है। यूं तो इसकी कई वजह है, लेकिन पिछले कुछ सालों में इसकी बड़ी वजह बच्चों का कोचिंग संस्थानों की ओर से जाना है। जिले सहित प्रदेश के कई स्कूल ऐसे हैं, जहां जो दसवीं के बाद 11वीं व 12वीं में बच्चों की संख्या दहाई का आंकड़ा भी पार नहीं कर रहा है। प्रदेश में संचालित 134 स्वामी विवेकानन्द मॉडल स्कूल एवं 3737 महात्मा गांधी राजकीय विद्यालयों में भी बच्चों की संख्या कम हो रही है, जबकि ये विद्यालय सरकार ने अंग्रेजी माध्यम में पढ़ाई कराने के लिए खोले थे। नागौर जिला मुख्यालय पर संचालित एकमात्र केन्द्रीय विद्यालय में भी 10वीं तक प्रवेश लेने वाले बच्चों की कतार रहती है, लेकिन 11वीं में अच्छा परिणाम होने के बावजूद टीसी कटवा रहे हैं। वजह एक ही है कि बच्चे को कोटा व सीकर जैसे शहरों में नीट व जेईई की तैयारी के लिए भेज रहे हैं।

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