स्वामी अवधेशानंद जी गिरि के जीवन सूत्र:माता-पिता की कृपा ही परमात्मा की कृपा के द्वार खोलती है, इनका कभी अनादर न करें
माता-पिता जन्मदाता ही नहीं, बल्कि हमारे जीवन के आधार और देवता हैं। इनका अनादर करना सबसे बड़ा अधर्म है। हमें सदैव माता-पिता की सेवा के लिए तत्पर रहना चाहिए, यही संतान का धर्म है। अपने धर्म को कभी न त्यागें, क्योंकि इनकी कृपा ही परमात्मा की कृपा के द्वार खोलती है। आज जूनापीठाधीश्वर आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी अवधेशानंद जी गिरि के जीवन सूत्र में जानिए जीवन में उन्नति के अवसर किसकी वजह से मिलते हैं? आज का जीवन सूत्र जानने के लिए ऊपर फोटो पर क्लिक करें।

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