चंडीगढ़ फायरमैन भर्ती मामले में दूसरा बैच जांच में शामिल:बायोमेट्रिक-हैंडराइटिंग और सिग्नेचर लेंगे, रोजाना 20 की हो रही जांच
चंडीगढ़ में फायरमैन की 249 भर्तियों पर अब सवाल उठने लगे हैं और इन भर्तियों की गहराई से जांच शुरू हो गई है। हर दिन 20-20 भर्ती उम्मीदवारों को बुलाकर उनके बायोमेट्रिक, हैंडराइटिंग और सिग्नेचर लिए जा रहे हैं, जिन्हें सीएफएसएल (फोरेंसिक लैब) में जांच के लिए भेजा जाएगा। सोमवार को भी 20 फायरमैन को चंडीगढ़ कोर्ट में मजिस्ट्रेट के सामने बुलाकर जांच की जाएगी। इससे पहले रविवार को भी 20 लोगों को बुलाया गया था, लेकिन किसी कारणवश यह प्रक्रिया रद्द करनी पड़ी। अब उन्हें आने वाले बैच में शामिल किया जाएगा। शनिवार को बुलाए गए 20 में से केवल 19 ही पहुंचे, एक उम्मीदवार गैरहाजिर रहा। सभी को सेक्टर-36 थाने ले जाकर चंडीगढ़ पुलिस की फोटो यूनिट ने उनकी तस्वीरें लीं। यह जांच 2023 की एएसआई भर्ती में हुए फर्जीवाड़े के बाद शुरू की गई है, जिसमें परीक्षा के दौरान चार नकली उम्मीदवार पकड़े गए थे। इन्हीं में से एक सतीश को असली कैंडिडेट की जगह पेपर देते हुए रंगे हाथ पकड़ा गया था। पूछताछ में उसने कबूला कि वह सोमवीर नाम के व्यक्ति के साथ मिलकर हर उम्मीदवार से 10 लाख रुपए वसूल रहा था। अब फायरमैन भर्ती के दूसरे चरण की जांच में ग्रुप-बी के 20 कर्मचारियों को भी जांच के लिए बुलाया गया है। 5 महीने बाद दिया नगर निगम ने रिकॉर्ड नगर निगम ने 5 महीने बाद पुलिस को रिकॉर्ड सौंप दिया है। पुलिस बार-बार नगर निगम से रिकॉर्ड मांग रही थी। रिकॉर्ड न मिलने के कारण पुलिस की जांच अटकी हुई थी। पुलिस इससे पहले कई फायरमैन का रिकॉर्ड जांच के लिए सीएफएसएल भेज चुकी है। हालांकि, सीएफएसएल से अभी तक रिपोर्ट नहीं आई है। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि सीएफएसएल को रिपोर्ट के लिए रिमाइंडर भेजा जाएगा। सतीश की निशानदेही पर पुलिस ने दीपक, बृजेंद्र और नवीन को गिरफ्तार किया, जो डेढ़ साल से फायरमैन पद पर कार्यरत थे। जांच में सामने आया कि इनकी जगह किसी और ने परीक्षा दी थी, लेकिन इसके बाद पुलिस की जांच आगे नहीं बढ़ी। पुलिस अभी तक परीक्षा देने वालों को भी गिरफ्तार नहीं कर सकी, जबकि परीक्षा देने वाले अभी भी कई सरकारी संस्थानों में नौकरियां कर रहे हैं।

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