पुत्रदा एकादशी आज:संतान के सौभाग्य की कामना से किया जाता है ये व्रत, शिव-विष्णु और हनुमान के साथ ही मंगल ग्रह की भी करें पूजा

आज (5 अगस्त) पुत्रदा (पवित्रा) एकादशी है। सावन, एकादशी और मंगलवार के योग में भगवान शिव, श्रीहरि के साथ ही मंगल ग्रह और हनुमान जी की पूजा का शुभ योग है। सावन में शिव पूजा, एकादशी के स्वामी श्रीहरि हैं, मंगलवार का कारक ग्रह मंगल है और मंगलवार को हनुमान का अवतार हुआ था। इस वजह से आज इन चारों देवताओं की पूजा जरूर करें। उज्जैन के ज्योतिषाचार्य पं. मनीष शर्मा के मुताबिक, सावन शुक्ल एकादशी यानी पुत्रदा एकादशी व्रत से संतान से जुड़ी समस्याएं दूर होती हैं। ये व्रत संतान के सुखद भविष्य की कामना से किया जाता है। एकादशी व्रत में दिनभर निराहार रहना पड़ता है। जो लोग भूखे नहीं रह पाते हैं, वे फलाहार और दूध का सेवन कर सकते हैं। एकादशी के दिन व्रत और विष्णु पूजा करने से जाने-अनजाने में किए सभी पाप कर्मों से मुक्ति मिल जाती है। भक्त के दुख दूर होते हैं और कार्यों में सफलता मिलती है। एकादशी व्रत के बारे में स्कंद पुराण में बताया गया है। भगवान श्रीकृष्ण ने पांडव युधिष्ठिर को सालभर की सभी एकादशियों का महत्व समझाया था। सावन, मंगलवार और एकादशी के योग में कर सकते हैं ये शुभ काम

Aug 5, 2025 - 16:30
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पुत्रदा एकादशी आज:संतान के सौभाग्य की कामना से किया जाता है ये व्रत, शिव-विष्णु और हनुमान के साथ ही मंगल ग्रह की भी करें पूजा
आज (5 अगस्त) पुत्रदा (पवित्रा) एकादशी है। सावन, एकादशी और मंगलवार के योग में भगवान शिव, श्रीहरि के साथ ही मंगल ग्रह और हनुमान जी की पूजा का शुभ योग है। सावन में शिव पूजा, एकादशी के स्वामी श्रीहरि हैं, मंगलवार का कारक ग्रह मंगल है और मंगलवार को हनुमान का अवतार हुआ था। इस वजह से आज इन चारों देवताओं की पूजा जरूर करें। उज्जैन के ज्योतिषाचार्य पं. मनीष शर्मा के मुताबिक, सावन शुक्ल एकादशी यानी पुत्रदा एकादशी व्रत से संतान से जुड़ी समस्याएं दूर होती हैं। ये व्रत संतान के सुखद भविष्य की कामना से किया जाता है। एकादशी व्रत में दिनभर निराहार रहना पड़ता है। जो लोग भूखे नहीं रह पाते हैं, वे फलाहार और दूध का सेवन कर सकते हैं। एकादशी के दिन व्रत और विष्णु पूजा करने से जाने-अनजाने में किए सभी पाप कर्मों से मुक्ति मिल जाती है। भक्त के दुख दूर होते हैं और कार्यों में सफलता मिलती है। एकादशी व्रत के बारे में स्कंद पुराण में बताया गया है। भगवान श्रीकृष्ण ने पांडव युधिष्ठिर को सालभर की सभी एकादशियों का महत्व समझाया था। सावन, मंगलवार और एकादशी के योग में कर सकते हैं ये शुभ काम

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