लखनऊ पब्लिक स्कूल में टेराकोटा कला कार्यशाला:30 बच्चों ने बनाईं बुद्ध-शिव की मूर्तियां, कला प्रेमियों की उमड़ी भीड़
लखनऊ पब्लिक स्कूल, वृंदावन योजना सेक्टर 9 में राज्य संग्रहालय लखनऊ और संस्कृति विभाग उत्तर प्रदेश के सहयोग से 11 दिवसीय टेराकोटा म्यूरल और मूर्ति कला कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला में 30 प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया। प्रतिभागियों ने गौतम बुद्ध, शिव महादेव, नायिका, संगीतकार और सांकेतिक चिन्हों की मूर्तियां बनाईं। स्कूल परिसर में प्रतिभागियों की कलाकृतियों की प्रदर्शनी लगाई गई। इसे देखने के लिए अभिभावक और कला प्रेमी बड़ी संख्या में पहुंचे। कार्यशाला का उद्देश्य बच्चों को मिट्टी से जुड़ाव और पारंपरिक कला की बारीकियों से परिचित कराना था। कलाकार ऋषभ कुमार ने प्रतिभागियों को मार्गदर्शन दिया। समापन पर सभी प्रतिभागियों को सम्मानित किया गया समापन समारोह में राज्य संग्रहालय लखनऊ की सहायक निदेशक डॉ. मीनाक्षी खेमका, डॉ. अनीता चौरसिया, प्रमोद कुमार और परवेज़ खान मौजूद रहे। स्कूल के शिक्षक राजेश कुमार, सोनी चौरसिया और संदीप कुमार भी कार्यक्रम में शामिल हुए। सभी ने बच्चों की प्रतिभा की सराहना की। कार्यक्रम में बच्चों के साथ उनके माता-पिता की भी सक्रिय भागीदारी रही। समापन पर सभी प्रतिभागियों को पुरस्कार और प्रमाण पत्र दिए गए। यह कार्यशाला बच्चों की रचनात्मकता को नई दिशा देने में सफल रही।

लखनऊ पब्लिक स्कूल, वृंदावन योजना सेक्टर 9 में राज्य संग्रहालय लखनऊ और संस्कृति विभाग उत्तर प्रदेश के सहयोग से 11 दिवसीय टेराकोटा म्यूरल और मूर्ति कला कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला में 30 प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया। प्रतिभागियों ने गौतम बुद्ध, शिव महादेव, नायिका, संगीतकार और सांकेतिक चिन्हों की मूर्तियां बनाईं। स्कूल परिसर में प्रतिभागियों की कलाकृतियों की प्रदर्शनी लगाई गई। इसे देखने के लिए अभिभावक और कला प्रेमी बड़ी संख्या में पहुंचे। कार्यशाला का उद्देश्य बच्चों को मिट्टी से जुड़ाव और
पारंपरिक कला की बारीकियों से परिचित कराना था। कलाकार ऋषभ कुमार ने प्रतिभागियों को मार्गदर्शन दिया। समापन पर सभी प्रतिभागियों को सम्मानित किया गया समापन समारोह में राज्य संग्रहालय लखनऊ की सहायक निदेशक डॉ. मीनाक्षी खेमका, डॉ. अनीता चौरसिया, प्रमोद कुमार और परवेज़ खान मौजूद रहे। स्कूल के शिक्षक राजेश कुमार, सोनी चौरसिया और संदीप कुमार भी कार्यक्रम में शामिल हुए। सभी ने बच्चों की प्रतिभा की सराहना की। कार्यक्रम में बच्चों के साथ उनके माता-पिता की भी सक्रिय भागीदारी रही। समापन पर सभी प्रतिभागियों को पुरस्कार और प्रमाण पत्र दिए गए। यह कार्यशाला बच्चों की रचनात्मकता को नई दिशा देने में सफल रही।
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