उन्नाव गैंगरेप में दो दोषियों को 20-20 साल की सजा:29-29 हजार का लगाया जुर्माना, पीड़िता को मिलेगी राशि
उन्नाव जिले के अजगैन कोतवाली क्षेत्र में वर्ष 2017 में हुई नाबालिग लड़की के साथ सामूहिक दुष्कर्म की दिल दहला देने वाली घटना में विशेष न्यायालय ने ऐतिहासिक फैसला सुनाया है। पॉक्सो एक्ट के तहत गठित विशेष अदालत ने शनिवार को इस जघन्य अपराध में दोषी पाए गए दो आरोपियों – चंदन और राजू – को 20-20 वर्ष के कठोर कारावास की सजा सुनाई है। इसके साथ ही दोनों पर 29-29 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है, जिसमें से आधी रकम पीड़िता को बतौर मुआवजा दी जाएगी। यह मामला 19 जून 2017 की रात का है, जब अजगैन क्षेत्र के एक गांव में तीन युवकों – चंदन, गुड्डू और राजू – ने एक नाबालिग लड़की को घर में सोते समय जबरन उठा लिया और चंदन के घर ले जाकर उसके साथ सामूहिक दुष्कर्म किया। पीड़िता ने जब विरोध किया तो उसे जातिसूचक गालियां दी गईं और पूरे परिवार को जान से मारने की धमकी दी गई। यह सनसनीखेज वारदात गांव में दहशत का माहौल बना गई थी। पीड़िता की मां ने 11 सितंबर 2017 को थाने में शिकायत दर्ज कराई, जिसके आधार पर मुकदमा पंजीकृत हुआ और सभी आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया। मामले की गंभीरता को देखते हुए पुलिस ने तेज़ी से जांच पूरी कर 13 दिसंबर 2017 को अदालत में चार्जशीट दाखिल कर दी। हालांकि, सुनवाई के दौरान एक आरोपी गुड्डू की मृत्यु हो गई, जिससे उस पर मुकदमा स्थगित कर दिया गया। विशेष न्यायाधीश शैलेंद्र सिंह यादव ने इस मामले की सुनवाई के दौरान अभियोजन पक्ष द्वारा प्रस्तुत पुख्ता साक्ष्यों और चश्मदीद गवाहों के बयानों के आधार पर चंदन और राजू को दोषी करार दिया। दोनों को भारतीय दंड संहिता की धारा 376डी (सामूहिक बलात्कार) और पॉक्सो एक्ट के तहत दोषी ठहराया गया। कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि ऐसे अपराधों में सख्त सजा न केवल पीड़िता को न्याय दिलाने के लिए आवश्यक है, बल्कि समाज में एक सशक्त संदेश देने के लिए भी जरूरी है। अदालत ने यह भी आदेश दिया कि लगाए गए जुर्माने की 50% राशि पीड़िता को मुआवजे के रूप में दी जाए।

उन्नाव जिले के अजगैन कोतवाली क्षेत्र में वर्ष 2017 में हुई नाबालिग लड़की के साथ सामूहिक दुष्कर्म की दिल दहला देने वाली घटना में विशेष न्यायालय ने ऐतिहासिक फैसला सुनाया है। पॉक्सो एक्ट के तहत गठित विशेष अदालत ने शनिवार को इस जघन्य अपराध में दोषी पाए गए दो आरोपियों – चंदन और राजू – को 20-20 वर्ष के कठोर कारावास की सजा सुनाई है। इसके साथ ही दोनों पर 29-29 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है, जिसमें से आधी रकम पीड़िता को बतौर मुआवजा दी जाएगी। यह मामला 19 जून 2017 की रात का है, जब अजगैन क्षेत्र के एक गांव में तीन युवकों – चंदन, गुड्डू और राजू – ने एक नाबालिग लड़की को घर में सोते समय जबरन उठा लिया और चंदन के घर ले जाकर उसके साथ सामूहिक दुष्कर्म किया। पीड़िता ने जब विरोध किया तो उसे जातिसूचक गालियां दी गईं और पूरे परिवार को जान से मारने की धमकी दी गई। यह सनसनीखेज वारदात गांव में दहशत का माहौल बना गई थी। पीड़िता की मां ने 11 सितंबर 2017
को थाने में शिकायत दर्ज कराई, जिसके आधार पर मुकदमा पंजीकृत हुआ और सभी आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया। मामले की गंभीरता को देखते हुए पुलिस ने तेज़ी से जांच पूरी कर 13 दिसंबर 2017 को अदालत में चार्जशीट दाखिल कर दी। हालांकि, सुनवाई के दौरान एक आरोपी गुड्डू की मृत्यु हो गई, जिससे उस पर मुकदमा स्थगित कर दिया गया। विशेष न्यायाधीश शैलेंद्र सिंह यादव ने इस मामले की सुनवाई के दौरान अभियोजन पक्ष द्वारा प्रस्तुत पुख्ता साक्ष्यों और चश्मदीद गवाहों के बयानों के आधार पर चंदन और राजू को दोषी करार दिया। दोनों को भारतीय दंड संहिता की धारा 376डी (सामूहिक बलात्कार) और पॉक्सो एक्ट के तहत दोषी ठहराया गया। कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि ऐसे अपराधों में सख्त सजा न केवल पीड़िता को न्याय दिलाने के लिए आवश्यक है, बल्कि समाज में एक सशक्त संदेश देने के लिए भी जरूरी है। अदालत ने यह भी आदेश दिया कि लगाए गए जुर्माने की 50% राशि पीड़िता को मुआवजे के रूप में दी जाए।
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