लखनऊ के भातखंडे विश्वविद्यालय की कला कार्यशाला:कथक में 108 प्रतिभागी, 482 लोगों ने हिस्सा लिया; पिछले साल से ज्यादा

भातखंडे संस्कृति विश्वविद्यालय की ग्रीष्मकालीन संगीत, नृत्य और कला कार्यशाला में इस वर्ष रिकॉर्ड भागीदारी देखी जा रही है। कार्यशाला में अब तक 482 लोगों ने पंजीकरण कराया है। यह संख्या पिछले वर्ष 414 थी। कथक नृत्य में सबसे अधिक 108 प्रतिभागी शामिल हुए हैं। कार्यशाला प्रतिदिन सुबह 9 से 11 बजे तक चलती है। इसमें बच्चे, महिलाएं, दिव्यांग और बुजुर्ग सभी कथक, गायन और वादन की विधाएं सीख रहे हैं। प्रशिक्षक हर प्रतिभागी को व्यक्तिगत मार्गदर्शन दे रहे हैं। कथक में बढ़ती रुचि को देखते हुए चार प्रशिक्षक नियुक्त कथक विभाग की स्थापना 1936 में पं. रामलाल कथिक ने की थी। प्रो. मोहनराव कल्याणपुरकर के नेतृत्व में 1939 से 1971 तक विभाग ने प्रगति की। पद्मश्री डॉ. पुरू दाधीच, सुनीति कैकिनी, प्रो. पूर्णिमा पांडे, प्रो. कुमकुम घर और सुभाष दीक्षित ने विभाग को नई ऊंचाइयां दीं। कुलपति प्रो. मांडवी सिंह के अनुसार, कथक में बढ़ती रुचि को देखते हुए चार प्रशिक्षक नियुक्त किए गए हैं। आवश्यकता पड़ने पर और प्रशिक्षक बुलाए जाएंगे। कुलसचिव डॉ. सृष्टि धवन ने बताया कि कार्यशाला में आवेदन की तिथि 31 मई 2025 तक बढ़ा दी गई है। इच्छुक लोग ऑनलाइन या ऑफलाइन आवेदन कर सकते हैं।

Jun 1, 2025 - 00:45
Jun 1, 2025 - 19:47
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लखनऊ के भातखंडे विश्वविद्यालय की कला कार्यशाला:कथक में 108 प्रतिभागी, 482 लोगों ने हिस्सा लिया; पिछले साल से ज्यादा

भातखंडे संस्कृति विश्वविद्यालय की ग्रीष्मकालीन संगीत, नृत्य और कला कार्यशाला में इस वर्ष रिकॉर्ड भागीदारी देखी जा रही है। कार्यशाला में अब तक 482 लोगों ने पंजीकरण कराया है। यह संख्या पिछले वर्ष 414 थी। कथक नृत्य में सबसे अधिक 108 प्रतिभागी शामिल हुए हैं। कार्यशाला प्रतिदिन सुबह 9 से 11 बजे तक चलती है। इसमें बच्चे, महिलाएं, दिव्यांग और बुजुर्ग सभी कथक, गायन और वादन की विधाएं

 सीख रहे हैं। प्रशिक्षक हर प्रतिभागी को व्यक्तिगत मार्गदर्शन दे रहे हैं। कथक में बढ़ती रुचि को देखते हुए चार प्रशिक्षक नियुक्त कथक विभाग की स्थापना 1936 में पं. रामलाल कथिक ने की थी। प्रो. मोहनराव कल्याणपुरकर के नेतृत्व में 1939 से 1971 तक विभाग ने प्रगति की। पद्मश्री डॉ. पुरू दाधीच, सुनीति कैकिनी, प्रो. पूर्णिमा पांडे, प्रो. कुमकुम घर और सुभाष दीक्षित ने विभाग को नई ऊंचाइयां दीं। कुलपति प्रो. मांडवी सिंह के अनुसार, कथक में बढ़ती रुचि को देखते हुए चार प्रशिक्षक नियुक्त किए गए हैं। आवश्यकता पड़ने पर और प्रशिक्षक बुलाए जाएंगे। कुलसचिव डॉ. सृष्टि धवन ने बताया कि कार्यशाला में आवेदन की तिथि 31 मई 2025 तक बढ़ा दी गई है। इच्छुक लोग ऑनलाइन या ऑफलाइन आवेदन कर सकते हैं।

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