सत्येंद्र जैन को सीबीआई की क्लीनचिट:अदालत में कहा कि जांच में नहीं मिले सबूत; AAP नेता बोले बीजेपी ने झूठ फैलाया

आम आदमी पार्टी के दिल्ली के सीनियर नेता, दिल्ली के पूर्व पीडब्ल्यूडी मंत्री व पंजाब के सह-प्रभारी सत्येंद्र जैन को सीबीआई केस में क्लीन चिट दी गई है। कोर्ट ने कहा कि जांच में कोई आपराधिक गतिविधि या सरकारी नुकसान सामने नहीं आया है, इसलिए आगे की कार्रवाई का कोई औचित्य नहीं है। 2018 में दर्ज हुआ था यह केस सीबीआई ने यह केस 28 मई 2018 को दिल्ली के उपराज्यपाल कार्यालय से मिले रेफरेंस के आधार पर दर्ज किया था। आरोप था कि पीडब्ल्यूडी के लिए क्रिएटिव टीम की भर्ती में टेंडर की शर्तें जानबूझकर बदली गईं, ताकि एक निजी कंपनी को फायदा मिल सके। चार साल की जांच के बाद सीबीआई ने क्लोजर रिपोर्ट दाखिल की। रिपोर्ट में कहा गया है कि न तो किसी को आर्थिक लाभ मिला, न ही कोई भ्रष्टाचार सामने आया है। आठ साल जांच, लेकिन एक रुपया नहीं मिला दिल्ली के पूर्व एजुकेशन मंत्री और पंजाब प्रभारी मनीष सिसोदिया ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' पर पोस्ट डालकर लिखा है कि — "8 साल की जांच, CBI-ED की रेड, मीडिया ट्रायल, बच्चों के कपड़े तक खंगाले गए… लेकिन कोर्ट में खुद CBI ने कहा - '1 रुपये का भी भ्रष्टाचार नहीं मिला।' तो जिन्होंने झूठा केस गढ़ा, जिन्होंने सत्येंद्र जैन को विलेन बनाकर चैनलों पर चीख-चीखकर TRP बटोरी? जिन्होंने 'भ्रष्टाचार उजागर' की भाजपाई स्क्रिप्ट पढ़-पढ़कर सत्येंद्र को जेल भेजने का जश्न मनाया? BJP और उसकी झूठ फैलाने की नौकरी बजाकर जीने वाली जमात को अब माफ़ी मांगनी चाहिए — देश से, सच्चाई से, और उस परिवार से जिसे 8 साल तक बदनाम किया गया। क्या झूठ फैलाने वालों की कोई जवाबदेही नहीं होती? दिल्ली सरकार के पैसे का कोई नुकसान नहीं — सीबीआई ने भर्ती प्रक्रिया में कानून का उल्लंघन नहीं पाया। कोर्ट ने सीबीआई की क्लोजर रिपोर्ट स्वीकार कर ली। सीबीआई ने पीडब्ल्यूडी भर्ती केस में क्लोजर रिपोर्ट लगाई। 2019 के पीडब्ल्यूडी केस में सीबीआई ने क्लोजर रिपोर्ट फाइल की।

Aug 5, 2025 - 16:35
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सत्येंद्र जैन को सीबीआई की क्लीनचिट:अदालत में कहा कि जांच में नहीं मिले सबूत; AAP नेता बोले बीजेपी ने झूठ फैलाया
आम आदमी पार्टी के दिल्ली के सीनियर नेता, दिल्ली के पूर्व पीडब्ल्यूडी मंत्री व पंजाब के सह-प्रभारी सत्येंद्र जैन को सीबीआई केस में क्लीन चिट दी गई है। कोर्ट ने कहा कि जांच में कोई आपराधिक गतिविधि या सरकारी नुकसान सामने नहीं आया है, इसलिए आगे की कार्रवाई का कोई औचित्य नहीं है। 2018 में दर्ज हुआ था यह केस सीबीआई ने यह केस 28 मई 2018 को दिल्ली के उपराज्यपाल कार्यालय से मिले रेफरेंस के आधार पर दर्ज किया था। आरोप था कि पीडब्ल्यूडी के लिए क्रिएटिव टीम की भर्ती में टेंडर की शर्तें जानबूझकर बदली गईं, ताकि एक निजी कंपनी को फायदा मिल सके। चार साल की जांच के बाद सीबीआई ने क्लोजर रिपोर्ट दाखिल की। रिपोर्ट में कहा गया है कि न तो किसी को आर्थिक लाभ मिला, न ही कोई भ्रष्टाचार सामने आया है। आठ साल जांच, लेकिन एक रुपया नहीं मिला दिल्ली के पूर्व एजुकेशन मंत्री और पंजाब प्रभारी मनीष सिसोदिया ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' पर पोस्ट डालकर लिखा है कि — "8 साल की जांच, CBI-ED की रेड, मीडिया ट्रायल, बच्चों के कपड़े तक खंगाले गए… लेकिन कोर्ट में खुद CBI ने कहा - '1 रुपये का भी भ्रष्टाचार नहीं मिला।' तो जिन्होंने झूठा केस गढ़ा, जिन्होंने सत्येंद्र जैन को विलेन बनाकर चैनलों पर चीख-चीखकर TRP बटोरी? जिन्होंने 'भ्रष्टाचार उजागर' की भाजपाई स्क्रिप्ट पढ़-पढ़कर सत्येंद्र को जेल भेजने का जश्न मनाया? BJP और उसकी झूठ फैलाने की नौकरी बजाकर जीने वाली जमात को अब माफ़ी मांगनी चाहिए — देश से, सच्चाई से, और उस परिवार से जिसे 8 साल तक बदनाम किया गया। क्या झूठ फैलाने वालों की कोई जवाबदेही नहीं होती? दिल्ली सरकार के पैसे का कोई नुकसान नहीं — सीबीआई ने भर्ती प्रक्रिया में कानून का उल्लंघन नहीं पाया। कोर्ट ने सीबीआई की क्लोजर रिपोर्ट स्वीकार कर ली। सीबीआई ने पीडब्ल्यूडी भर्ती केस में क्लोजर रिपोर्ट लगाई। 2019 के पीडब्ल्यूडी केस में सीबीआई ने क्लोजर रिपोर्ट फाइल की।

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