जालौन में अधिवक्ता संगोष्ठी:वकीलों को बताया समाज का आईना, न्याय व्यवस्था में सक्रिय भूमिका का आह्वान
जालौन जिले के कोंच के मथुरा प्रसाद महाविद्यालय में शनिवार को अखिल भारतीय अधिवक्ता परिषद के तत्वाधान में एक विशेष अधिवक्ता संगोष्ठी का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में अधिवक्ताओं की सामाजिक भूमिका, उनकी जिम्मेदारियां एवं राष्ट्र निर्माण में उनके योगदान पर विस्तृत चर्चा हुई। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि हाई कोर्ट के अधिवक्ता एवं भाजपा के पूर्व प्रवक्ता अरविंद सिंह रहे, जिन्होंने कहा कि अधिवक्ता केवल अदालत तक सीमित नहीं हैं, बल्कि वे समाज का आईना होते हैं। उन्होंने कहा, "एक श्रेष्ठ और चरित्रवान अधिवक्ता समाज की दिशा तय करने की क्षमता रखता है।" उन्होंने यह भी बताया कि देश के कई महान विचारक और नेता जैसे डॉ. राजेंद्र प्रसाद, डॉ. भीमराव अंबेडकर और मदन मोहन मालवीय भी अधिवक्ता रहे हैं। संगोष्ठी की अध्यक्षता वरिष्ठ अधिवक्ता उदयकरण सक्सेना (इलाहाबाद हाईकोर्ट) ने की। उन्होंने अधिवक्ताओं से आह्वान किया कि वे न्याय और सामाजिक परिवेश में अपनी सक्रिय भूमिका निभाएं। कार्यक्रम संयोजक के रूप में अधिवक्ता परिषद के जिलाध्यक्ष ओमशंकर अग्रवाल एवं पूर्व कोषाध्यक्ष बार संघ कोंच, ऋषभ सीरौठिया सक्रिय रहे। संगोष्ठी में वक्ताओं ने बताया कि अधिवक्ता जीवन के हर चरण में आवश्यक होते हैं—जन्म प्रमाण पत्र से लेकर मृत्यु प्रमाण पत्र तक, जाति, निवास, आय प्रमाण पत्र या फिर शिक्षा में प्रवेश—हर जगह उनकी भूमिका अहम होती है। अधिवक्ताओं को समाज का उत्प्रेरक बताते हुए कहा गया कि वे सामाजिक चेतना को दिशा देने में सक्षम हैं। संगोष्ठी में अधिवक्ताओं की जिम्मेदारियों, समाज में उनकी भूमिका और वर्तमान परिदृश्य में उनकी सहभागिता पर गंभीर मंथन हुआ। कार्यक्रम का समापन राष्ट्रहित में अधिवक्ताओं की भूमिका को और सशक्त बनाने के संकल्प के साथ हुआ। इस अवसर पर पूर बार संघ अध्यक्ष विज्ञान सिरोठिया, संजीव तिवारी, केदारनाथ निरंजन, ओमप्रकाश अग्रवाल, राजेश तिवारी, कृपासागर, हरिकेश सिंह, अमरबाबू पाठक, राजकुमार गोयल, शशांक श्रीवास्तव, राहुल अवस्थी और चंद्रेश गोस्वामी सहित कई अधिवक्ता उपस्थित रहे।

जालौन जिले के कोंच के मथुरा प्रसाद महाविद्यालय में शनिवार को अखिल भारतीय अधिवक्ता परिषद के तत्वाधान में एक विशेष अधिवक्ता संगोष्ठी का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में अधिवक्ताओं की सामाजिक भूमिका, उनकी जिम्मेदारियां एवं राष्ट्र निर्माण में उनके योगदान पर विस्तृत चर्चा हुई। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि हाई कोर्ट के अधिवक्ता एवं भाजपा के पूर्व प्रवक्ता अरविंद सिंह रहे, जिन्होंने कहा कि अधिवक्ता केवल अदालत तक सीमित नहीं हैं, बल्कि वे समाज का आईना होते हैं। उन्होंने कहा, "एक श्रेष्ठ और चरित्रवान अधिवक्ता समाज की दिशा तय करने की क्षमता रखता है।" उन्होंने यह भी बताया कि देश के कई महान विचारक और नेता जैसे डॉ. राजेंद्र प्रसाद, डॉ. भीमराव अंबेडकर और मदन मोहन मालवीय भी अधिवक्ता रहे हैं।
संगोष्ठी की अध्यक्षता वरिष्ठ अधिवक्ता उदयकरण सक्सेना (इलाहाबाद हाईकोर्ट) ने की। उन्होंने अधिवक्ताओं से आह्वान किया कि वे न्याय और सामाजिक परिवेश में अपनी सक्रिय भूमिका निभाएं। कार्यक्रम संयोजक के रूप में अधिवक्ता परिषद के जिलाध्यक्ष ओमशंकर अग्रवाल एवं पूर्व कोषाध्यक्ष बार संघ कोंच, ऋषभ सीरौठिया सक्रिय रहे। संगोष्ठी में वक्ताओं ने बताया कि अधिवक्ता जीवन के हर चरण में आवश्यक होते हैं—जन्म प्रमाण पत्र से लेकर मृत्यु प्रमाण पत्र तक, जाति, निवास, आय प्रमाण पत्र या फिर शिक्षा में प्रवेश—हर जगह उनकी भूमिका अहम होती है। अधिवक्ताओं को समाज का उत्प्रेरक बताते हुए कहा गया कि वे सामाजिक चेतना को दिशा देने में सक्षम हैं। संगोष्ठी में अधिवक्ताओं की जिम्मेदारियों, समाज में उनकी भूमिका और वर्तमान परिदृश्य में उनकी सहभागिता पर गंभीर मंथन हुआ। कार्यक्रम का समापन राष्ट्रहित में अधिवक्ताओं की भूमिका को और सशक्त बनाने के संकल्प के साथ हुआ। इस अवसर पर पूर बार संघ अध्यक्ष विज्ञान सिरोठिया, संजीव तिवारी, केदारनाथ निरंजन, ओमप्रकाश अग्रवाल, राजेश तिवारी, कृपासागर, हरिकेश सिंह, अमरबाबू पाठक, राजकुमार गोयल, शशांक श्रीवास्तव, राहुल अवस्थी और चंद्रेश गोस्वामी सहित कई अधिवक्ता उपस्थित रहे।
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