सावन पूर्णिमा पर कौन-कौन से शुभ काम करें:पूर्णिमा पर नदी स्नान और सत्यनारायण कथा पढ़ने-सुनने की परंपरा, सप्तऋषियों का करें पूजन

सावन मास की पूर्णिमा 8 और 9 अगस्त को है। 9 अगस्त को सूर्योदय के समय पूर्णिमा तिथि रहेगी, इस कारण इस दिन रक्षाबंधन मनाया जाएगा। सावन पूर्णिमा पर धर्म-कर्म, स्नान, दान और व्रत-उपवास करने की परंपरा है। सावन भगवान शिव का प्रिय माह है और पूर्णिमा पर ये महीना खत्म होता है, इसलिए इस दिन भगवान शिव का विशेष अभिषेक जरूर करना चाहिए। 9 अगस्त को देवी-देवताओं की पूजा करें और भगवान को रक्षासूत्र अर्पित करते हैं। बहनें भाइयों को राखी बांधती हैं। सावन पूर्णिमा पर उपाकर्म यानी यज्ञोपवीत संस्कार भी किया जाता है। ब्राह्मण पुरानी जनेऊ उतारकर नई जनेऊ धारण करते हैं। पूर्णिमा पर भगवान सत्यानारायण की कथा पढ़ने-सुनने की परंपरा है। जानिए सावन पूर्णिमा पर कौन-कौन से शुभ काम कर सकते हैं... पवित्र नदियों में करें स्नान इस दिन गंगा, यमुना, नर्मदा, शिप्रा आदि पवित्र नदियों में स्नान करने का विशेष महत्व है। यदि नदी स्नान संभव न हो तो घर पर ही पानी में गंगाजल मिलाकर स्नान करें। स्नान के समय इस मंत्र का जप करें- गंगे च यमुने चैव गोदावरी सरस्वति। नर्मदे सिन्धु कावेरि जलेऽस्मिन् सन्निधिं कुरु।। ऐसा स्नान भी तीर्थ स्नान के समान पुण्य देता है, ऐसी मान्यता है। व्रत और उपवास करें सावन पूर्णिमा पर श्रद्धा भाव से व्रत रखने की परंपरा है। एक समय फलाहार करके शाम को पूजा के बाद व्रत का पारण किया जाता है। ये व्रत मनोकामना पूर्ति और पुण्य लाभ देने वाला है। इस साल व्रत की पूर्णिमा 8 अगस्त को रहेगी। सत्यानारायण व्रत करें और कथा पढ़ें-सुनें इस दिन भगवान विष्णु के स्वरूप भगवान सत्यानारायण की पूजा और कथा विशेष फलदायी होती है। शाम को फल, पंचामृत, तिल, गेहूं और तुलसी से पूजन करके भगवान सत्यनारायण की संपूर्ण कथा सुननी या पढ़नी चाहिए। दान-पुण्य जरूर करें इस दिन पूजा-पाठ के साथ ही अन्न, वस्त्र, छाता, गाय, सोना, घी, पुस्तकें, फल आदि का दान करने से विशेष पुण्य की प्राप्ति होती है। जरूरतमंद लोगों को दक्षिणा सहित भोजन कराना चाहिए। शिव जी का अभिषेक करें सावन के अंतिम दिन शिव जी का अभिषेक जरूर करें। भगवान शिव को बिल्व पत्र, दूध, जल, भस्म और धतूरा अर्पित करके पूजा करनी चाहिए। सप्त ऋषियों का करें पूजन इस दिन ऋषि कश्यप, वशिष्ठ, अत्रि, भारद्वाज, विश्वामित्र, गौतम, जमदग्नि, इन सप्तऋषियों का पूजन करना चाहिए। सप्त ऋषियों की कृपा से जीवन में सभी सुख मिल सकते हैं, ऐसी मान्यता है। गाय की सेवा करें इस दिन गाय की सेवा, चारा देना, पूजा करना अत्यंत पुण्यकारी होता है। किसी गौशाला में गायों की देखभाल के लिए धन का दान करें। इन मंत्रों का कर सकते हैं जप सावन पूर्णिमा पर इन कामों से बचें

Aug 7, 2025 - 11:22
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सावन पूर्णिमा पर कौन-कौन से शुभ काम करें:पूर्णिमा पर नदी स्नान और सत्यनारायण कथा पढ़ने-सुनने की परंपरा, सप्तऋषियों का करें पूजन
सावन मास की पूर्णिमा 8 और 9 अगस्त को है। 9 अगस्त को सूर्योदय के समय पूर्णिमा तिथि रहेगी, इस कारण इस दिन रक्षाबंधन मनाया जाएगा। सावन पूर्णिमा पर धर्म-कर्म, स्नान, दान और व्रत-उपवास करने की परंपरा है। सावन भगवान शिव का प्रिय माह है और पूर्णिमा पर ये महीना खत्म होता है, इसलिए इस दिन भगवान शिव का विशेष अभिषेक जरूर करना चाहिए। 9 अगस्त को देवी-देवताओं की पूजा करें और भगवान को रक्षासूत्र अर्पित करते हैं। बहनें भाइयों को राखी बांधती हैं। सावन पूर्णिमा पर उपाकर्म यानी यज्ञोपवीत संस्कार भी किया जाता है। ब्राह्मण पुरानी जनेऊ उतारकर नई जनेऊ धारण करते हैं। पूर्णिमा पर भगवान सत्यानारायण की कथा पढ़ने-सुनने की परंपरा है। जानिए सावन पूर्णिमा पर कौन-कौन से शुभ काम कर सकते हैं... पवित्र नदियों में करें स्नान इस दिन गंगा, यमुना, नर्मदा, शिप्रा आदि पवित्र नदियों में स्नान करने का विशेष महत्व है। यदि नदी स्नान संभव न हो तो घर पर ही पानी में गंगाजल मिलाकर स्नान करें। स्नान के समय इस मंत्र का जप करें- गंगे च यमुने चैव गोदावरी सरस्वति। नर्मदे सिन्धु कावेरि जलेऽस्मिन् सन्निधिं कुरु।। ऐसा स्नान भी तीर्थ स्नान के समान पुण्य देता है, ऐसी मान्यता है। व्रत और उपवास करें सावन पूर्णिमा पर श्रद्धा भाव से व्रत रखने की परंपरा है। एक समय फलाहार करके शाम को पूजा के बाद व्रत का पारण किया जाता है। ये व्रत मनोकामना पूर्ति और पुण्य लाभ देने वाला है। इस साल व्रत की पूर्णिमा 8 अगस्त को रहेगी। सत्यानारायण व्रत करें और कथा पढ़ें-सुनें इस दिन भगवान विष्णु के स्वरूप भगवान सत्यानारायण की पूजा और कथा विशेष फलदायी होती है। शाम को फल, पंचामृत, तिल, गेहूं और तुलसी से पूजन करके भगवान सत्यनारायण की संपूर्ण कथा सुननी या पढ़नी चाहिए। दान-पुण्य जरूर करें इस दिन पूजा-पाठ के साथ ही अन्न, वस्त्र, छाता, गाय, सोना, घी, पुस्तकें, फल आदि का दान करने से विशेष पुण्य की प्राप्ति होती है। जरूरतमंद लोगों को दक्षिणा सहित भोजन कराना चाहिए। शिव जी का अभिषेक करें सावन के अंतिम दिन शिव जी का अभिषेक जरूर करें। भगवान शिव को बिल्व पत्र, दूध, जल, भस्म और धतूरा अर्पित करके पूजा करनी चाहिए। सप्त ऋषियों का करें पूजन इस दिन ऋषि कश्यप, वशिष्ठ, अत्रि, भारद्वाज, विश्वामित्र, गौतम, जमदग्नि, इन सप्तऋषियों का पूजन करना चाहिए। सप्त ऋषियों की कृपा से जीवन में सभी सुख मिल सकते हैं, ऐसी मान्यता है। गाय की सेवा करें इस दिन गाय की सेवा, चारा देना, पूजा करना अत्यंत पुण्यकारी होता है। किसी गौशाला में गायों की देखभाल के लिए धन का दान करें। इन मंत्रों का कर सकते हैं जप सावन पूर्णिमा पर इन कामों से बचें

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