सोनीपत में रिश्वत लेने वाले इंस्पेक्टर को भेजा जेल:केस से नाम हटाने के मांगे 1 करोड़ मांगे थे; दिल्ली पुलिस में तैनात

सोनीपत जिले में एंटी करप्शन ब्यूरो (ACB) की टीम ने दिल्ली पुलिस के इंस्पेक्टर सुनील जैन और एक निजी स्कूल के क्लर्क को 30 लाख रुपए की रिश्वत मामले में गिरफ्तार किया है। आरोपी क्लर्क संदीप को सोनीपत से और इंस्पेक्टर को दिल्ली से पकड़ा गया। 3 दिन का रिमांड पूरा होने के बाद बुधवार को इंस्पेक्टर सुनील को कोर्ट में पेश कर 14 दिन के लिए जेल भेज दिया गया है। आरोपी के पास से केस नंबर 219 से जुड़ी फाइल बरामद की गई है। क्लर्क संदीप पहले ही रविवार को रिमांड के बाद जेल भेजा जा चुका है। दिल्ली पुलिस के उच्च अधिकारियों की जांच होगी जानकारी के मुताबिक रिश्वत की डिमांड करने वाली ऑडियो में इंस्पेक्टर सुनील ने शिकायतकर्ता से एक करोड़ की रिश्वत मांगने के दौरान कहा था कि यह पैसा अकेला उसके पास नहीं रहेगा। यह पैसा उच्च अधिकारियों में भी बांटा जाएगा। ACB अब चैन बनाकर रिकॉर्डिंग के आधार पर अन्य अधिकारियों की संलिप्तता को भी चेक कर रही है कि आखिर कौन-कौन रिश्वत कांड में शामिल था। क्लर्क संदीप को कमीशन के 50 हजार मिलने थे रिमांड के दौरान संदीप से ACB को कई अहम सुराग मिले हैं, जिसके आधार पर जांच को आगे बढ़ाया जा रहा है। ACB अब 70 लाख की रिश्वत डील से जुड़ी और भी जानकारियों को खंगाल रही है। 30 लाख की रिश्वत जब संदीप को दी गई थी तो उसे पैसा के होने की जानकारी थी। क्लर्क संदीप को भी 30 लाख की रिश्वत में से 50 हजार कमीशन के दिए जाने थे। इसलिए संदीप भी रिश्वत कांड में शामिल हो गया। हालांकि मामले को लेकर एसीबी अन्य और भी कनेक्शन जांच कर रही है। इंस्पेक्टर की योजना, रिश्वत हरियाणा में क्यों मंगवाई गई इंस्पेक्टर सुनील जैन ने खुद को बचाने के लिए बड़ी प्लानिंग की थी। उसे डर था कि अगर वह दिल्ली में रिश्वत लेगा तो एक बार फिर से पकड़ा जा सकता है। इसलिए उसने योजना बनाकर रिश्वत की पहली किश्त हरियाणा में अपने भाई के स्कूल के क्लर्क संदीप के जरिए मंगवाई। संदीप उसी स्कूल में क्लर्क है, और स्कूल का मालिक सुनील का भाई है। ACB की टीम ने संदीप को रंगे हाथों 30 लाख रुपए लेते हुए पकड़ा, जबकि इंस्पेक्टर को दिल्ली से गिरफ्तार किया गया। पहले भी जेल जा चुका है सुनील, 2020 में हुई थी बहाली गौरतलब है कि आरोपी इंस्पेक्टर सुनील जैन 2014 में भी रिश्वत मामले में जेल जा चुका है। उसने लगभग 6 साल जेल में बिताए और 2020 में बाहर आने के बाद दोबारा दिल्ली पुलिस में बहाल हो गया था। बहाली के बाद भी उसने रिश्वतखोरी नहीं छोड़ी और अब एक बार फिर बड़ा रिश्वत मामला सामने आया है। एक करोड़ की डील, 70 लाख में बनी बात जानकारी के मुताबिक, प्रवीन लाकडा के खिलाफ अलीपुर थाने में दर्ज केस नंबर 219 को इंस्पेक्टर सुनील जैन को ट्रांसफर कर दिया गया था। उसने शिकायतकर्ता प्रवीन लाकडा से एक मुकदमे से नाम हटाने और दूसरे केस में धारा कम करने के बदले एक करोड़ रुपए की रिश्वत मांगी थी। बाद में सौदा 70 लाख में तय हो गया था। इसी डील की पहली किश्त 30 लाख रुपए के दौरान ACB ने दोनों को गिरफ्तार कर लिया। क्या था मामला सोनीपत जिले के बड़वासनी गांव निवासी विपिन कुमार ने रोहतक ACB को दिल्ली पुलिस की इन्वेस्टिगेशन यूनिट में तैनात इंस्पेक्टर सुनील जैन के खिलाफ शिकायत दी थी। शिकायत के अनुसार, उसके रिश्तेदार प्रवीन लाकड़ा पर दिल्ली के अलीपुर थाने में दो केस दर्ज हैं, जिनमें से एक केस इंस्पेक्टर सुनील के पास था। दिल्ली में प्रवीन लाकड़ा का एक अन्य प्रॉपर्टी डीलर प्रवीण गुप्ता से विवाद हुआ था, जिसके चलते अलीपुर थाने में दो एफआईआर दर्ज हुईं। इन्हीं केसों से नाम निकालने और धाराएं हल्की करने के बदले सुनील ने रिश्वत की मांग की थी।

Aug 8, 2025 - 06:56
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सोनीपत में रिश्वत लेने वाले इंस्पेक्टर को भेजा जेल:केस से नाम हटाने के मांगे 1 करोड़ मांगे थे; दिल्ली पुलिस में तैनात
सोनीपत जिले में एंटी करप्शन ब्यूरो (ACB) की टीम ने दिल्ली पुलिस के इंस्पेक्टर सुनील जैन और एक निजी स्कूल के क्लर्क को 30 लाख रुपए की रिश्वत मामले में गिरफ्तार किया है। आरोपी क्लर्क संदीप को सोनीपत से और इंस्पेक्टर को दिल्ली से पकड़ा गया। 3 दिन का रिमांड पूरा होने के बाद बुधवार को इंस्पेक्टर सुनील को कोर्ट में पेश कर 14 दिन के लिए जेल भेज दिया गया है। आरोपी के पास से केस नंबर 219 से जुड़ी फाइल बरामद की गई है। क्लर्क संदीप पहले ही रविवार को रिमांड के बाद जेल भेजा जा चुका है। दिल्ली पुलिस के उच्च अधिकारियों की जांच होगी जानकारी के मुताबिक रिश्वत की डिमांड करने वाली ऑडियो में इंस्पेक्टर सुनील ने शिकायतकर्ता से एक करोड़ की रिश्वत मांगने के दौरान कहा था कि यह पैसा अकेला उसके पास नहीं रहेगा। यह पैसा उच्च अधिकारियों में भी बांटा जाएगा। ACB अब चैन बनाकर रिकॉर्डिंग के आधार पर अन्य अधिकारियों की संलिप्तता को भी चेक कर रही है कि आखिर कौन-कौन रिश्वत कांड में शामिल था। क्लर्क संदीप को कमीशन के 50 हजार मिलने थे रिमांड के दौरान संदीप से ACB को कई अहम सुराग मिले हैं, जिसके आधार पर जांच को आगे बढ़ाया जा रहा है। ACB अब 70 लाख की रिश्वत डील से जुड़ी और भी जानकारियों को खंगाल रही है। 30 लाख की रिश्वत जब संदीप को दी गई थी तो उसे पैसा के होने की जानकारी थी। क्लर्क संदीप को भी 30 लाख की रिश्वत में से 50 हजार कमीशन के दिए जाने थे। इसलिए संदीप भी रिश्वत कांड में शामिल हो गया। हालांकि मामले को लेकर एसीबी अन्य और भी कनेक्शन जांच कर रही है। इंस्पेक्टर की योजना, रिश्वत हरियाणा में क्यों मंगवाई गई इंस्पेक्टर सुनील जैन ने खुद को बचाने के लिए बड़ी प्लानिंग की थी। उसे डर था कि अगर वह दिल्ली में रिश्वत लेगा तो एक बार फिर से पकड़ा जा सकता है। इसलिए उसने योजना बनाकर रिश्वत की पहली किश्त हरियाणा में अपने भाई के स्कूल के क्लर्क संदीप के जरिए मंगवाई। संदीप उसी स्कूल में क्लर्क है, और स्कूल का मालिक सुनील का भाई है। ACB की टीम ने संदीप को रंगे हाथों 30 लाख रुपए लेते हुए पकड़ा, जबकि इंस्पेक्टर को दिल्ली से गिरफ्तार किया गया। पहले भी जेल जा चुका है सुनील, 2020 में हुई थी बहाली गौरतलब है कि आरोपी इंस्पेक्टर सुनील जैन 2014 में भी रिश्वत मामले में जेल जा चुका है। उसने लगभग 6 साल जेल में बिताए और 2020 में बाहर आने के बाद दोबारा दिल्ली पुलिस में बहाल हो गया था। बहाली के बाद भी उसने रिश्वतखोरी नहीं छोड़ी और अब एक बार फिर बड़ा रिश्वत मामला सामने आया है। एक करोड़ की डील, 70 लाख में बनी बात जानकारी के मुताबिक, प्रवीन लाकडा के खिलाफ अलीपुर थाने में दर्ज केस नंबर 219 को इंस्पेक्टर सुनील जैन को ट्रांसफर कर दिया गया था। उसने शिकायतकर्ता प्रवीन लाकडा से एक मुकदमे से नाम हटाने और दूसरे केस में धारा कम करने के बदले एक करोड़ रुपए की रिश्वत मांगी थी। बाद में सौदा 70 लाख में तय हो गया था। इसी डील की पहली किश्त 30 लाख रुपए के दौरान ACB ने दोनों को गिरफ्तार कर लिया। क्या था मामला सोनीपत जिले के बड़वासनी गांव निवासी विपिन कुमार ने रोहतक ACB को दिल्ली पुलिस की इन्वेस्टिगेशन यूनिट में तैनात इंस्पेक्टर सुनील जैन के खिलाफ शिकायत दी थी। शिकायत के अनुसार, उसके रिश्तेदार प्रवीन लाकड़ा पर दिल्ली के अलीपुर थाने में दो केस दर्ज हैं, जिनमें से एक केस इंस्पेक्टर सुनील के पास था। दिल्ली में प्रवीन लाकड़ा का एक अन्य प्रॉपर्टी डीलर प्रवीण गुप्ता से विवाद हुआ था, जिसके चलते अलीपुर थाने में दो एफआईआर दर्ज हुईं। इन्हीं केसों से नाम निकालने और धाराएं हल्की करने के बदले सुनील ने रिश्वत की मांग की थी।

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