ब्रह्माकुमारीज ने बताया राखी का आध्यात्मिक अर्थ, कहा- तिलक आत्मा की पहचान है

भास्कर न्यूज | लुधियाना ब्रह्माकुमारीज संस्था ने वीरवार को लुधियाना के विश्व शांति सदन, झांडे में राखी पर्व का आध्यात्मिक संदेश देने के लिए विशेष समारोह आयोजित किया। इस मौके पर बीके बहनों ने बताया कि राखी केवल भाई-बहन का पर्व नहीं, बल्कि आत्मा और परमात्मा के रिश्ते को मजबूत करने का प्रतीक है। कार्यक्रम में पूर्व मेयर एचएस गोहलवड़िया, वरिष्ठ सीए संजीव मोहन, सीए अर्चना, ब्लॉक एग्रीकल्चर अफसर डॉ. धनराज, रिटायर्ड एसपी व चाइल्ड वेलफेयर कमेटी के चेयरमैन गुरजीत सिंह रोमाना, स्नेह वेलफेयर की प्रेसिडेंट सोनिया अलग और संस्कारस योगा के सुमित नागपाल सहित कई प्रमुख हस्तियां शामिल हुईं। ब्रह्माकुमारीज लुधियाना उप-ज़ोन की प्रभारी बीके सरस्वती दीदी ने राखी के पीछे की आध्यात्मिक भावना को समझाया। उन्होंने कहा कि राखी का पर्व आत्मिक शुद्धता और परमात्मा से रिश्ते की याद दिलाता है। माथे पर तिलक लगाया जाता है ताकि आत्मा की पहचान बनी रहे। आत्मा का स्थान दोनों आंखों के बीच होता है, जिसे भृकुटि कहते हैं। भाई-बहन के पवित्र रिश्ते को दर्शाने के लिए राखी बांधी जाती है और मिठाई से एक-दूसरे के मधुर जीवन की कामना की जाती है। समारोह के दौरान बीके बहनों ने आध्यात्मिक प्रवचनों और प्रदर्शनी के माध्यम से बताया कि समाज में सकारात्मक परिवर्तन लाने के लिए संस्था क्या प्रयास कर रही है। उन्होंने कहा कि राखी के जरिए हम अपने संकल्पों को भी बांधते हैं और बुराइयों से खुद को बचाने का वचन लेते हैं। कार्यक्रम में सभी मेहमानों को राखी बांधी गई और आत्मिक जागृति का संदेश दिया गया। समारोह में पहुंचे अतिथियों ने संस्था के कार्यों की सराहना की और कहा कि आज के दौर में ऐसे संदेश समाज को सही दिशा देने में मदद करते हैं।

Aug 8, 2025 - 06:57
 0
ब्रह्माकुमारीज ने बताया राखी का आध्यात्मिक अर्थ, कहा- तिलक आत्मा की पहचान है
भास्कर न्यूज | लुधियाना ब्रह्माकुमारीज संस्था ने वीरवार को लुधियाना के विश्व शांति सदन, झांडे में राखी पर्व का आध्यात्मिक संदेश देने के लिए विशेष समारोह आयोजित किया। इस मौके पर बीके बहनों ने बताया कि राखी केवल भाई-बहन का पर्व नहीं, बल्कि आत्मा और परमात्मा के रिश्ते को मजबूत करने का प्रतीक है। कार्यक्रम में पूर्व मेयर एचएस गोहलवड़िया, वरिष्ठ सीए संजीव मोहन, सीए अर्चना, ब्लॉक एग्रीकल्चर अफसर डॉ. धनराज, रिटायर्ड एसपी व चाइल्ड वेलफेयर कमेटी के चेयरमैन गुरजीत सिंह रोमाना, स्नेह वेलफेयर की प्रेसिडेंट सोनिया अलग और संस्कारस योगा के सुमित नागपाल सहित कई प्रमुख हस्तियां शामिल हुईं। ब्रह्माकुमारीज लुधियाना उप-ज़ोन की प्रभारी बीके सरस्वती दीदी ने राखी के पीछे की आध्यात्मिक भावना को समझाया। उन्होंने कहा कि राखी का पर्व आत्मिक शुद्धता और परमात्मा से रिश्ते की याद दिलाता है। माथे पर तिलक लगाया जाता है ताकि आत्मा की पहचान बनी रहे। आत्मा का स्थान दोनों आंखों के बीच होता है, जिसे भृकुटि कहते हैं। भाई-बहन के पवित्र रिश्ते को दर्शाने के लिए राखी बांधी जाती है और मिठाई से एक-दूसरे के मधुर जीवन की कामना की जाती है। समारोह के दौरान बीके बहनों ने आध्यात्मिक प्रवचनों और प्रदर्शनी के माध्यम से बताया कि समाज में सकारात्मक परिवर्तन लाने के लिए संस्था क्या प्रयास कर रही है। उन्होंने कहा कि राखी के जरिए हम अपने संकल्पों को भी बांधते हैं और बुराइयों से खुद को बचाने का वचन लेते हैं। कार्यक्रम में सभी मेहमानों को राखी बांधी गई और आत्मिक जागृति का संदेश दिया गया। समारोह में पहुंचे अतिथियों ने संस्था के कार्यों की सराहना की और कहा कि आज के दौर में ऐसे संदेश समाज को सही दिशा देने में मदद करते हैं।

What's Your Reaction?

like

dislike

love

funny

angry

sad

wow