सास की टोकाटाकी से तनाव, महिलाएं झेल रहीं थकावट, गुस्सा

आज की महिलाएं एक साथ ऑफिस और घर की दोहरी जिम्मेदारी संभाल रही हैं। इसके बावजूद उन्हें सास की बार-बार की टोकाटाकी, दखलंदाजी और हमारे समय में ऐसा नहीं होता था जैसे तानों का सामना करना पड़ता है। जब पति भी इस व्यवहार पर चुप्पी साध लेते हैं, तो महिलाएं खुद को अकेला महसूस करने लगती हैं। यही भावनात्मक बोझ धीरे-धीरे मानसिक तनाव में बदलता है और रिश्तों में दूरी का कारण बनता है। शहर के 5 प्रमुख मनोचिकित्सकों से बातचीत में जो आंकड़े सामने आए, वो चौंकाने वाले हैं। इन डॉक्टरों के अनुसार, उनके पास हर दिन औसतन 6-8 महिलाएं ऐसी आ रही हैं जो सास के साथ तनावपूर्ण रिश्ते, पति का साथ न मिलना और घर-ऑफिस दोनों के प्रेशर की वजह से मानसिक थकान, चिड़चिड़ापन, नींद न आना या रोने जैसी स्थिति से गुजर रही हैं। महिलाएं खुलकर बात करें मनोचिकित्सक डॉ. हरप्रीत सिंह कहते हैं कि हर दिन ऐसे कई केस आ रहे हैं जहां महिलाएं बाहर से मजबूत दिखती हैं लेकिन अंदर ही अंदर घुटन महसूस कर रही होती हैं। काउंसलिंग में जब खुलकर बात होती है तो असली समस्या सामने आती हैं। महिलाएं चुप रहने की बजाय पति और सास से बात करें, कुछ बातों को नजरअंदाज करें लेकिन जरूरी बातों पर स्टैंड जरूर लें। पति का सहयोग बेहद जरूरी है ताकि महिला खुद को अकेला महसूस न करे। पति को भी सपोर्टिव भूमिका निभानी चाहिए। अगर समय रहते बात नहीं की गई तो ये दबाव डिप्रेशन और रिश्तों में दरार का कारण बन सकता है। समय रहते बात नहीं की गई तो ये दबाव डिप्रेशन का कारण बन सकता केस 1 : हर दिन तानों से थकी बैंक एम्प्लॉई : 34 साल की बैंक कर्मचारी महिला सुबह 6 बजे उठकर बच्चों और पति को तैयार करती है, फिर ऑफिस जाती है। इसके बावजूद सास कहती हैं - कुछ नहीं करती। जब तानों का सिलसिला नहीं रुका तो वह खुद को गलत समझने लगी। डॉक्टर के पास पहुंची तो समझ आया समस्या काम की नहीं, मान्यता की है। डॉक्टर ने सलाह दी कि वह पति के साथ मिलकर सास से शांतिपूर्वक बात करे व अपनी मेहनत को मान्यता दिलाने की कोशिश करे। केस 2: लैपटॉप देखते ही चिढ़ने लगी सास : 30 साल की आईटी प्रोफेशनल महिला ने मैटरनिटी लीव के बाद वर्क फ्रॉम होम शुरू किया, लेकिन सास ताने मारने लगीं सारा दिन लैपटॉप पर बैठी रहती है। महिला तनाव में रहने लगी। असल तनाव सास की समझ की कमी से था, न कि काम से। डॉक्टर ने सुझाव दिया कि वह सास को अपने काम की प्रकृति समझाएं और छोटे-छोटे घरेलू कामों में हिस्सा लेकर सामंजस्य बनाए रखें। केस 3: छुट्टी का दिन भी नहीं रहा सुकूनभरा : 36 साल की एच आर मैनेजर को छुट्टी के दिन भी आराम नहीं मिलता। सास कभी सफाई करवाती हैं तो कभी रिश्तेदारों के यहां चलने को कहती हैं। पति भी साथ नहीं देता। महिला की थकावट शारीरिक नहीं, भावनात्मक थी। डॉक्टर ने सलाह दी कि महिला पति के साथ मिलकर सास से संवाद करे और कुछ समय खुद के लिए तय करे जिसमें उसे बिना अपराधबोध के आराम मिल सके। केस 4: गुस्सा बच्चों पर निकालने लगी टीचर :एक स्कूल टीचर महिला सास की रोकटोक से इतनी परेशान हो गई कि गुस्सा अपने ही बच्चों पर निकालने लगी। डॉक्टर ने कहा कि महिला को खुद के लिए दिन में कुछ क्वालिटी टाइम निकालना चाहिए और सास की हर बात को सीधे दिल पर लेने की बजाय सीमाएं तय करनी चाहिए।

Aug 8, 2025 - 06:57
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सास की टोकाटाकी से तनाव, महिलाएं झेल रहीं थकावट, गुस्सा
आज की महिलाएं एक साथ ऑफिस और घर की दोहरी जिम्मेदारी संभाल रही हैं। इसके बावजूद उन्हें सास की बार-बार की टोकाटाकी, दखलंदाजी और हमारे समय में ऐसा नहीं होता था जैसे तानों का सामना करना पड़ता है। जब पति भी इस व्यवहार पर चुप्पी साध लेते हैं, तो महिलाएं खुद को अकेला महसूस करने लगती हैं। यही भावनात्मक बोझ धीरे-धीरे मानसिक तनाव में बदलता है और रिश्तों में दूरी का कारण बनता है। शहर के 5 प्रमुख मनोचिकित्सकों से बातचीत में जो आंकड़े सामने आए, वो चौंकाने वाले हैं। इन डॉक्टरों के अनुसार, उनके पास हर दिन औसतन 6-8 महिलाएं ऐसी आ रही हैं जो सास के साथ तनावपूर्ण रिश्ते, पति का साथ न मिलना और घर-ऑफिस दोनों के प्रेशर की वजह से मानसिक थकान, चिड़चिड़ापन, नींद न आना या रोने जैसी स्थिति से गुजर रही हैं। महिलाएं खुलकर बात करें मनोचिकित्सक डॉ. हरप्रीत सिंह कहते हैं कि हर दिन ऐसे कई केस आ रहे हैं जहां महिलाएं बाहर से मजबूत दिखती हैं लेकिन अंदर ही अंदर घुटन महसूस कर रही होती हैं। काउंसलिंग में जब खुलकर बात होती है तो असली समस्या सामने आती हैं। महिलाएं चुप रहने की बजाय पति और सास से बात करें, कुछ बातों को नजरअंदाज करें लेकिन जरूरी बातों पर स्टैंड जरूर लें। पति का सहयोग बेहद जरूरी है ताकि महिला खुद को अकेला महसूस न करे। पति को भी सपोर्टिव भूमिका निभानी चाहिए। अगर समय रहते बात नहीं की गई तो ये दबाव डिप्रेशन और रिश्तों में दरार का कारण बन सकता है। समय रहते बात नहीं की गई तो ये दबाव डिप्रेशन का कारण बन सकता केस 1 : हर दिन तानों से थकी बैंक एम्प्लॉई : 34 साल की बैंक कर्मचारी महिला सुबह 6 बजे उठकर बच्चों और पति को तैयार करती है, फिर ऑफिस जाती है। इसके बावजूद सास कहती हैं - कुछ नहीं करती। जब तानों का सिलसिला नहीं रुका तो वह खुद को गलत समझने लगी। डॉक्टर के पास पहुंची तो समझ आया समस्या काम की नहीं, मान्यता की है। डॉक्टर ने सलाह दी कि वह पति के साथ मिलकर सास से शांतिपूर्वक बात करे व अपनी मेहनत को मान्यता दिलाने की कोशिश करे। केस 2: लैपटॉप देखते ही चिढ़ने लगी सास : 30 साल की आईटी प्रोफेशनल महिला ने मैटरनिटी लीव के बाद वर्क फ्रॉम होम शुरू किया, लेकिन सास ताने मारने लगीं सारा दिन लैपटॉप पर बैठी रहती है। महिला तनाव में रहने लगी। असल तनाव सास की समझ की कमी से था, न कि काम से। डॉक्टर ने सुझाव दिया कि वह सास को अपने काम की प्रकृति समझाएं और छोटे-छोटे घरेलू कामों में हिस्सा लेकर सामंजस्य बनाए रखें। केस 3: छुट्टी का दिन भी नहीं रहा सुकूनभरा : 36 साल की एच आर मैनेजर को छुट्टी के दिन भी आराम नहीं मिलता। सास कभी सफाई करवाती हैं तो कभी रिश्तेदारों के यहां चलने को कहती हैं। पति भी साथ नहीं देता। महिला की थकावट शारीरिक नहीं, भावनात्मक थी। डॉक्टर ने सलाह दी कि महिला पति के साथ मिलकर सास से संवाद करे और कुछ समय खुद के लिए तय करे जिसमें उसे बिना अपराधबोध के आराम मिल सके। केस 4: गुस्सा बच्चों पर निकालने लगी टीचर :एक स्कूल टीचर महिला सास की रोकटोक से इतनी परेशान हो गई कि गुस्सा अपने ही बच्चों पर निकालने लगी। डॉक्टर ने कहा कि महिला को खुद के लिए दिन में कुछ क्वालिटी टाइम निकालना चाहिए और सास की हर बात को सीधे दिल पर लेने की बजाय सीमाएं तय करनी चाहिए।

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