झांसी में रेपिस्ट ने अपने वकील को मार डाला:लचर पैरवी से नाराज था पड़ाेसी, बोला- शादी करनी थी, उसी के रेप में सजा होने वाली थी

झांसी में गुरसराय के पूर्व चेयरमैन एवं पूर्व एडीजीसी भान प्रकाश सिरवारिया की हत्या का पुलिस ने खुलासा कर दिया। ये वारदात भान प्रकाश के पड़ोसी सचिन वर्मा ने की थी। उस पर नाबालिग लड़की के साथ रेप करने का केस चल रहा था। सचिन की तरफ से कोर्ट में एडवोकेट भान प्रकाश पैरवी कर रहे थे। पुलिस का कहना है कि उनकी लचर पैरवी की वहज से अगले महीने सचिन को सजा होने वाली थी। इससे नाराज होकर सचिन ने 5 जुलाई को घर में घुसकर अपने वकील को ही गला घोंटकर मार डाला था। शुक्रवार को पुलिस ने थाने ले जाकर सचिन से पूछताछ की गई तो पहले तो वह बरगलाता रहा। लेकिन पुलिस ने सख्ती से पूछताछ की गई तो वह टूट गया और हत्या का जुर्म कबूल करते हुए अपनी खौफनाक वारदात की कहानी सुना डाली। अब पूरा मामला सिलसिलेवार विस्तार से पढ़ते हैं पोस्टमार्टम से पता चला था कि हत्या हुई भान प्रकाश सिरवारिया मूलरूप से गुरसराय के रहने वाले थे। फिलहाल वे अपनी पत्नी सुशीला के साथ नवाबाद थाना क्षेत्र के तालपुरा में रहते थे। पत्नी की मानसिक हालत ठीक नहीं है। रोजाना की तरह 5 अगस्त की सुबह वह मॉर्निंग वॉक से घर लौटे थे। कुछ समय बाद कमरे के अंदर उनकी लाश मिली थी। हाथ-पैर रस्सी से बंधे थे। पुलिस ने पंचनामा भरकर शव का पोस्टमार्टम कराया। इसमें पता चला कि भान प्रकाश की गला घोंटकर हत्या की गई। पुलिस ने अज्ञात के खिलाफ केस दर्ज करके आरोपी की तलाश शुरू की। एक दिन पहले झगड़ा हुआ था एसपी सिटी ज्ञानेंद्र कुमार सिंह ने बताया- भान प्रकाश के घर का मुख्य गेट अंदर से बंद था। पहले पुलिस को आशंका थी कि अंदर रहने वाले ने ही वारदात को अंजाम दिया। पुलिस ने वहां रहने वाले किराएदार समेत परिजन की मोबाइल की सीडीआर निकाली। उनसे पूछताछ हुई लेकिन पुलिस को सुराग नहीं मिला। इसके बाद मोहल्ले से सुराग जुटाए गए। तब पता चला कि भान प्रकाश और पड़ोसी सचिन वर्मा का घटना से एक दिन पहले झगड़ा हुआ था। पुलिस सचिन के घर पहुंची तो वो फरार था। शुक्रवार को उसे सब्जी मंडी के पास पशु चिकित्सालय के सामने से गिरफ्तार कर लिया गया। सचिन का कबूलनामा- लचर पैरवी से दोबारा जेल जाना पड़ा आरोपी सचिन वर्मा ने पुलिस को बताया- 2021 में मैंने 17 साल की एक किशोरी को अपने प्रेमजाल में फंसा लिया था। उससे शादी करना चाहता था। मैं उसे बहला फुसलाकर भगाकर ले गया। मगर उसकी बहन ने केस दर्ज करा दिया। पुलिस ने किशोरी को बरामद किया और रेप की धारा बढ़ाते हुए मुझे जेल भेज दिया। पड़ोसी होने के नाते मैंने भान प्रकाश से पैरवी कराई। जमानत होने पर जेल से बाहर आ गया। मगर कुछ समय बाद भान प्रकाश ने पैरवी में दिलचस्पी लेना बंद कर दिया। इस वजह से वारंट निकल गए और मुझे दोबारा 3 माह तक जेल में रहना पड़ा। फीस की जगह बाइक गिरवी रखी आरोपी ने आगे बताया- भान प्रकाश ब्याज पर पैसा देने का काम करते थे। कुछ पैसे मैंने उसने उधार ले लिए। उनकी फीस का पैसा भी बढ़ता जा रहा है। 60 हजार रुपए होने पर भान प्रकाश ने मेरी अपाचे बाइक गिरवी रख ली थी। मगर पिछली तारीख पर कोर्ट गया तो पता चला कि 19 सितंबर को फैसले की तारीख है। उस दिन केस में मुझे सजा होने वाली है। केस में भान प्रकाश ने जमकर फीस ली और उनकी लचर पैरवी की वजह से सजा होने वाली है। इसलिए मैंने उनकी हत्या का प्लान बनाया। मेरे घर की छत भान प्रकाश की छत से लगी है। 5 अगस्त की सुबह मैं भान प्रकाश के घर पहुंचा। वहां पर गला दबाकर उनकी हत्या कर दी। फिर छत के रास्ते से घर लौट आया। रिटायरमेंट के बाद कर रहे थे निजी प्रैक्टिस भान प्रकाश 2000 से 2005 तक गुरसराय नगर पंचायत के अध्यक्ष रहे। इसके बाद झांसी में रहकर वकालत करने लगे। कुछ साल पहले ही वो एडीजीसी के पद से रिटायर हुए थे। उनकी पत्नी सुशीला के दिमाग में ढाई साल पहले ब्लड क्लॉट हुआ था, तभी से वह बीमार रहती थीं। उनका मानसिक स्वास्थ्य भी ठीक नहीं रहता था, जिसका इलाज चल रहा है। भान प्रकाश के दो बच्चे हैं। बड़ी बेटी कविता की शादी 30 साल हो चुकी है। वहीं, बेटा मृत्युंजय अलीगढ़ में रहकर यूपीएससी की तैयारी कर रहा है।

Aug 9, 2025 - 07:29
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झांसी में रेपिस्ट ने अपने वकील को मार डाला:लचर पैरवी से नाराज था पड़ाेसी, बोला- शादी करनी थी, उसी के रेप में सजा होने वाली थी
झांसी में गुरसराय के पूर्व चेयरमैन एवं पूर्व एडीजीसी भान प्रकाश सिरवारिया की हत्या का पुलिस ने खुलासा कर दिया। ये वारदात भान प्रकाश के पड़ोसी सचिन वर्मा ने की थी। उस पर नाबालिग लड़की के साथ रेप करने का केस चल रहा था। सचिन की तरफ से कोर्ट में एडवोकेट भान प्रकाश पैरवी कर रहे थे। पुलिस का कहना है कि उनकी लचर पैरवी की वहज से अगले महीने सचिन को सजा होने वाली थी। इससे नाराज होकर सचिन ने 5 जुलाई को घर में घुसकर अपने वकील को ही गला घोंटकर मार डाला था। शुक्रवार को पुलिस ने थाने ले जाकर सचिन से पूछताछ की गई तो पहले तो वह बरगलाता रहा। लेकिन पुलिस ने सख्ती से पूछताछ की गई तो वह टूट गया और हत्या का जुर्म कबूल करते हुए अपनी खौफनाक वारदात की कहानी सुना डाली। अब पूरा मामला सिलसिलेवार विस्तार से पढ़ते हैं पोस्टमार्टम से पता चला था कि हत्या हुई भान प्रकाश सिरवारिया मूलरूप से गुरसराय के रहने वाले थे। फिलहाल वे अपनी पत्नी सुशीला के साथ नवाबाद थाना क्षेत्र के तालपुरा में रहते थे। पत्नी की मानसिक हालत ठीक नहीं है। रोजाना की तरह 5 अगस्त की सुबह वह मॉर्निंग वॉक से घर लौटे थे। कुछ समय बाद कमरे के अंदर उनकी लाश मिली थी। हाथ-पैर रस्सी से बंधे थे। पुलिस ने पंचनामा भरकर शव का पोस्टमार्टम कराया। इसमें पता चला कि भान प्रकाश की गला घोंटकर हत्या की गई। पुलिस ने अज्ञात के खिलाफ केस दर्ज करके आरोपी की तलाश शुरू की। एक दिन पहले झगड़ा हुआ था एसपी सिटी ज्ञानेंद्र कुमार सिंह ने बताया- भान प्रकाश के घर का मुख्य गेट अंदर से बंद था। पहले पुलिस को आशंका थी कि अंदर रहने वाले ने ही वारदात को अंजाम दिया। पुलिस ने वहां रहने वाले किराएदार समेत परिजन की मोबाइल की सीडीआर निकाली। उनसे पूछताछ हुई लेकिन पुलिस को सुराग नहीं मिला। इसके बाद मोहल्ले से सुराग जुटाए गए। तब पता चला कि भान प्रकाश और पड़ोसी सचिन वर्मा का घटना से एक दिन पहले झगड़ा हुआ था। पुलिस सचिन के घर पहुंची तो वो फरार था। शुक्रवार को उसे सब्जी मंडी के पास पशु चिकित्सालय के सामने से गिरफ्तार कर लिया गया। सचिन का कबूलनामा- लचर पैरवी से दोबारा जेल जाना पड़ा आरोपी सचिन वर्मा ने पुलिस को बताया- 2021 में मैंने 17 साल की एक किशोरी को अपने प्रेमजाल में फंसा लिया था। उससे शादी करना चाहता था। मैं उसे बहला फुसलाकर भगाकर ले गया। मगर उसकी बहन ने केस दर्ज करा दिया। पुलिस ने किशोरी को बरामद किया और रेप की धारा बढ़ाते हुए मुझे जेल भेज दिया। पड़ोसी होने के नाते मैंने भान प्रकाश से पैरवी कराई। जमानत होने पर जेल से बाहर आ गया। मगर कुछ समय बाद भान प्रकाश ने पैरवी में दिलचस्पी लेना बंद कर दिया। इस वजह से वारंट निकल गए और मुझे दोबारा 3 माह तक जेल में रहना पड़ा। फीस की जगह बाइक गिरवी रखी आरोपी ने आगे बताया- भान प्रकाश ब्याज पर पैसा देने का काम करते थे। कुछ पैसे मैंने उसने उधार ले लिए। उनकी फीस का पैसा भी बढ़ता जा रहा है। 60 हजार रुपए होने पर भान प्रकाश ने मेरी अपाचे बाइक गिरवी रख ली थी। मगर पिछली तारीख पर कोर्ट गया तो पता चला कि 19 सितंबर को फैसले की तारीख है। उस दिन केस में मुझे सजा होने वाली है। केस में भान प्रकाश ने जमकर फीस ली और उनकी लचर पैरवी की वजह से सजा होने वाली है। इसलिए मैंने उनकी हत्या का प्लान बनाया। मेरे घर की छत भान प्रकाश की छत से लगी है। 5 अगस्त की सुबह मैं भान प्रकाश के घर पहुंचा। वहां पर गला दबाकर उनकी हत्या कर दी। फिर छत के रास्ते से घर लौट आया। रिटायरमेंट के बाद कर रहे थे निजी प्रैक्टिस भान प्रकाश 2000 से 2005 तक गुरसराय नगर पंचायत के अध्यक्ष रहे। इसके बाद झांसी में रहकर वकालत करने लगे। कुछ साल पहले ही वो एडीजीसी के पद से रिटायर हुए थे। उनकी पत्नी सुशीला के दिमाग में ढाई साल पहले ब्लड क्लॉट हुआ था, तभी से वह बीमार रहती थीं। उनका मानसिक स्वास्थ्य भी ठीक नहीं रहता था, जिसका इलाज चल रहा है। भान प्रकाश के दो बच्चे हैं। बड़ी बेटी कविता की शादी 30 साल हो चुकी है। वहीं, बेटा मृत्युंजय अलीगढ़ में रहकर यूपीएससी की तैयारी कर रहा है।

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