झूला धीरे से झुलावो झुकि आई बदरा ...:अयोध्या के 100 से ज्यादा मंदिरों में झूलनोत्सव की बहार, सोने-चांदी के दिव्य झूलों पर विराजमान हैं भगवान
अयोध्या के 100 से ज्यादा मंदिरों में झूलनोत्सव की बहार है। सोने-चांदी के दिव्य झूलों पर विराजमान भगवान सिया संग श्रीराम की इस मनोहारी स्वरूप का दर्शन करने के लिए भक्त ही संत-महंत भी आतुर हैं। समूची अयोध्या उत्सव के रंग में दिख रही है।झूलन के पदों से अयोध्या गुंजायमान है और भक्त का समूह मुग्ध। श्रीरामवल्लभाकुंज में झूलन उत्सव का आकर्षण सबसे खास है। न केवल यहां का झूला नक्काशी,विशालता के कारण सबसे खास है बल्कि मंदिर का मुख्य विग्रह ही यहां झूलन पर 12 दिन के लिए विराजमान होता हैं।इस दौरान भगवान का आरती,पूजन,भोग और शयन सब झूलन पर ही परंपरा गत होता है। मेहनौन के विधायक विनय कुमार द्विवेदी, सुल्तानपुर बिनोद कुमार सिंह, महंत कौशल किशोर दास लखनऊ,महंत बलराम दास सहित बड़ी संख्या में भक्त ने भगवान के झूलन का दर्शन किया। अतिथियों को आश्रम के प्रमुख स्वामी राजकुमार दास ने रामनाम और प्रसाद देकर स्वागत किया। दशरथ महल के झूला चांदी और सोने से बना हुआ है।यहां चांदी के झूलन पर सोने के सूर्य और दोनों खंभों में भगवान के सोने से बने चित्रों के साथ ही झूलन की डोर आदि सब सोने की है।यहां राम चारो भैया झूलन पर विराजमान हैं। मंदिर के महंत देवेंद्र प्रसादाचार्य ने बताया कि झूलन रोज शाम 7 बजे से रात 11 बजे तक चल रहा है। प्रसिद्ध राजगोपाल मंदिर में महंत सीताराम शरण के संयोजन में झूलन उत्सव चल रहा है। मंदिर के अधिकारी सर्वेश्वर शरण शरद ने बताया कि प्रसिद्ध लोक कलाकारों की टीम रोज झूलन के पदों का गायन कर रही है। इसी तरह अयोध्या के हनुमत निवास,हनुमत सदन,बधाई भवन,वामन मंदिर,आचार्य पीठ लक्ष्मण किला,सियाराम किला,मणिराम दास जी की छावनी,रामहर्षण कुंज,रंग महल,लवकुश भवन, बड़ा भक्तमाल और जानकीघाट बड़ा स्थान आदि मंदिरों में झूलन उत्सव की धूम मची हुई है।

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