लैंड पूलिंग पॉलिसी के विरोध में AAP नेता का इस्तीफा:बोले- किसान होने के नाते उनके साथ खड़ा हूं, सरकार निती पर दोबारा विचार करे
पंजाब में लैंड पूलिंग नीति को लेकर विवाद लगातार गहराता जा रहा है। राज्यभर में किसान संगठन इस नीति के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं और कई जगहों पर धरने-प्रदर्शन जारी हैं। किसानों का कहना है कि यह नीति उनकी जमीन और रोज़गार के लिए खतरा है। किसानों के विरोध को देखते हुए अब राजनीतिक हलकों में भी इस मुद्दे ने जोर पकड़ लिया है। मोगा में आम आदमी पार्टी के पूर्व जिला प्रधान और जिला योजना बोर्ड के चेयरमैन हरमनजीत सिंह बराड़ दीदारे वाला ने लैंड पूलिंग नीति के विरोध में अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। बराड़ ने अपने फ़ेसबुक अकाउंट पर लिखा कि मैं इस नीति का विरोध करता हूं। एक किसान होने के नाते मैं किसानों के साथ खड़ा हूं और सरकार से अपील करता हूं कि इस मसले पर दोबारा विचार करें। बराड़ के इस्तीफे ने लैंड पूलिंग विवाद को और तूल दे दिया है। क्या है लैंड पूलिंग मामला, पढ़ें दरअसल, पंजाब सरकार की नई लैंड पूलिंग नीति के तहत किसानों की जमीनों को विकास परियोजनाओं के लिए पूल कर, बदले में उन्हें विकसित प्लॉट देने की योजना है। लेकिन किसान संगठनों का आरोप है कि यह नीति उन्हें उनकी उपजाऊ जमीनों से बेदखल करने और रियल एस्टेट प्रोजेक्ट्स को बढ़ावा देने की साजिश है। पंजाब के विभिन्न जिलों में किसान यूनियनें लगातार धरने दे रही हैं और सरकार से इस नीति को तुरंत वापस लेने की मांग कर रही हैं। बराड़ जैसे आप नेताओं का खुलकर विरोध करना यह संकेत देता है कि अब लैंड पूलिंग नीति को लेकर सरकार पर राजनीतिक दबाव भी बढ़ता जा रहा है।

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