पिता की हत्या में बेटे- बहू को उम्रकैद:लखीमपुर में दोनों पर लगाया 10-10 हजार का जुर्माना, जायदाद के लिए की थी हत्या
लखीमपुर खीरी में एक पिता की हत्या के मामले में कोर्ट ने बड़े बेटे और उसकी पत्नी को उम्रकैद की सजा सुनाई है। एडीजे देवेंद्र नाथ सिंह की अदालत ने दोनों पर 10-10 हजार रुपये का अर्थदंड भी लगाया है। यह मामला फरवरी 2016 का है। थाना फूलबेहड़ के सुंदरवल में तहव्वुर हुसैन अपने छोटे बेटे मेराज के साथ रहते थे। बड़ा बेटा अतहर हुसैन जायदाद को लेकर पिता से नाराज था। वह गांव में कहता था कि पिता उसकी जायदाद छोटे भाई मेराज को दे देंगे। इसलिए वह उन्हें जिंदा नहीं छोड़ेगा। 6 फरवरी 2016 की रात करीब 2 बजे मेराज को पिता की आवाज सुनाई दी। जब वह देखने गया तो उसका भाई अतहर और भाभी रुखसाना पिछले दरवाजे से भाग रहे थे। तहव्वुर हुसैन चारपाई पर खून से लथपथ पड़े थे। उनके सिर पर चाकू के कई वार किए गए थे। मेराज की शिकायत पर पुलिस ने अतहर और रुखसाना के खिलाफ हत्या का केस दर्ज किया। अभियोजन पक्ष ने कोर्ट में कई गवाह पेश किए। सभी सबूतों की जांच के बाद कोर्ट ने दोनों को दोषी करार दिया। यह फैसला शुक्रवार को सुनाया गया।

लखीमपुर खीरी में एक पिता की हत्या के मामले में कोर्ट ने बड़े बेटे और उसकी पत्नी को उम्रकैद की सजा सुनाई है। एडीजे देवेंद्र नाथ सिंह की अदालत ने दोनों पर 10-10 हजार रुपये का अर्थदंड भी लगाया है। यह मामला फरवरी 2016 का है। थाना फूलबेहड़ के सुंदरवल में तहव्वुर हुसैन अपने छोटे बेटे मेराज के साथ रहते थे। बड़ा बेटा अतहर हुसैन जायदाद को लेकर पिता से नाराज था। वह गांव में कहता था
कि पिता उसकी जायदाद छोटे भाई मेराज को दे देंगे। इसलिए वह उन्हें जिंदा नहीं छोड़ेगा। 6 फरवरी 2016 की रात करीब 2 बजे मेराज को पिता की आवाज सुनाई दी। जब वह देखने गया तो उसका भाई अतहर और भाभी रुखसाना पिछले दरवाजे से भाग रहे थे। तहव्वुर हुसैन चारपाई पर खून से लथपथ पड़े थे। उनके सिर पर चाकू के कई वार किए गए थे। मेराज की शिकायत पर पुलिस ने अतहर और रुखसाना के खिलाफ हत्या का केस दर्ज किया। अभियोजन पक्ष ने कोर्ट में कई गवाह पेश किए। सभी सबूतों की जांच के बाद कोर्ट ने दोनों को दोषी करार दिया। यह फैसला शुक्रवार को सुनाया गया।
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