भगत पूरन सिंह ने पीड़ितों के दर्द को अपना समझा, अपने बच्चों की तरह पाला : गड़गज्ज
श्री अकाल तख्त साहिब के कार्यवाहक जत्थेदार ज्ञानी कुलदीप सिंह गडगज्ज ने महान सिख परोपकारी एवं पर्यावरणविद् भगत पूरन सिंह की 33वीं पुण्यतिथि के अवसर पर पिंगलवाड़ा में आयोजित गुरमत कार्यक्रम में भाग लिया। उन्होंने संगत से भगत पूरन सिंह के जीवन से मार्गदर्शन लेने के लिए प्रेरित किया और पर्यावरण संरक्षण पर बल दिया। जत्थेदार ने कुछ देर तक पिंगलवाड़ा के बच्चों द्वारा गाए गए विविध गुरबानी कीर्तन का श्रवण भी किया और बाद में संगत को संबोधित किया। जत्थेदार गड़गज्ज ने कहा कि भगत पूरन सिंह जी ने सच्ची सेवा भावना से जरूरतमंदों, पीड़ितों और पीडि़तों के दर्द को अपना दर्द समझा और उन्हें अपने बच्चों की तरह पाला। उन्होंने कहा कि भगत पूरन सिंह पंथ की एक बहुत ही गौरवशाली शख्सियत थे, जिन पर पूरे सिख समुदाय को गर्व है। उन्होंने कहा कि भगत पूरन सिंह जी ने जीवन भर गुरबाणी की शिक्षाओं के अनुसार सेवा की। उन्होंने कहा कि भगत जी अपने प्रारंभिक जीवन में लुधियाना के गुरुद्वारा रेरू साहिब में गुरु घर में की जा रही सेवा को देखकर प्रभावित हुए और दिल से सच्चे सिख बन गए और आगे चलकर महान सेवाएं दीं। उन्होंने कहा कि भगत पूरन सिंह जी को सच्ची श्रद्धांजलि यही होगी कि हम पेड़ लगाएं और उनका संरक्षण करें। इस अवसर पर पिंगलवाड़ा की मुख्य सेवादार डॉ. इंद्रजीत कौर ने जत्थेदार गडगज्ज को सिरोपा, पुस्तकें, भगत पूरन सिंह की तस्वीर देकर सम्मानित किया।

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