मेरठ में भगतजी के हेल्दी समोसे:सेहत के साथ स्वाद में भी लाजवाब; 13 साल से लोगों के दिलों में बनाई है खास जगह

मेरठ का भगतजी स्वीट्स। यहां के लाजवाब समोसे और मिठाई लोगों के दिलों में खास जगह बनाए हैं। वेस्टर्न कचहरी रोड पर यह दुकान पिछले 13 साल से चल रही है। जैसे ही समोसे तलने शुरू होते हैं, उनकी खुशबू अगली दो गलियों तक फैल जाती है। यही खुशबू लोगों इनकी दुकान पर खींच लाती है। दुकान मालिक प्रताप सिंह कहते हैं कि अपनी मेहनत और स्वाद के जादू से इस छोटी-सी दुकान को मेरठ की पहचान बना दिया है। खासतौर पर उनके समोसे और बालूशाही की हर कोई तारीफ करता है। मेरठ कॉलेज के छात्रों से लेकर मोहल्ले के बुजुर्गों तक, हर उम्र के लोग भगतजी के समोसों के दीवाने हैं। स्वाद, परंपरा और भरोसे का ये मेल ही इसे खास बनाता है। स्वाद के साथ सेहत का भी ख्याल भगतजी स्वीट्स की सबसे बड़ी खासियत उनके समोसे हैं। प्रताप सिंह बताते हैं कि उनके समोसे में कम तेल और हाई क्वालिटी वाले मसालों का इस्तेमाल होता है। समोसों में चटपटे स्वाद के लिए साबुत मसाले लाकर पीसे जाते हैं। चुने हुए आलू का इस्तेमाल किया जाता है। खास बात यह है कि समोसों में हींग डाली जाती है। ये सेहत के लिए नुकसानदायक नहीं हैं। समोसे के साथ परोसी जाने वाली मीठी और खट्टी चटनी स्वाद को 4 गुना बढ़ा देती है। समोसे को खास बनाता है इसका मसाला प्रताप सिंह बताते हैं कि समोसों की पिट्ठी (मसाला) तैयार करने के लिए खास मसालों का मिश्रण बनाते हैं। इसमें धनिया, सौंफ, अमचूर, गरम मसाला, लाल मिर्च, हरी मिर्च, काला नमक, सफेद नमक और हींग शामिल हैं। ये मसाले न सिर्फ स्वाद बढ़ाते हैं, बल्कि समोसों को एक अनोखा जायका देते हैं। समोसे की बाहरी परत को कुरकुरा बनाने के लिए मैदा और रवा का यूज किया जाता है। दुकान पर रोजाना 400 से 500 समोसे बिकते हैं। जैसे ही समोसे तलने शुरू होते हैं, कस्टमर की भीड़ लग जाती है। मेरठ कॉलेज के पास होने की वजह से छात्रों के बीच ये समोसे काफी फेमस हैं। मौसम के हिसाब से मिठाइयों की बहार समोसों के अलावा भगतजी स्वीट्स अपनी पारंपरिक मिठाइयों के लिए भी मेरठ में खास पहचान रखती है। दुकान के मालिक प्रताप सिंह बताते हैं कि यहां घी में बनी बालूशाही, घेवर, मिल्क केक, रसमलाई और बर्फी जैसी मिठाइयां लोगों को खूब पसंद आती हैं। खासकर सावन के मौसम में घेवर की मांग सबसे ज्यादा होती है। यहां की खासियत यह है कि सभी मिठाइयों के लिए मावा दुकान पर ही ताजा तैयार किया जाता है। इससे मिठाइयों का स्वाद और क्वालिटी हमेशा बनी रहती है। दुकान पर कुल 5 कर्मचारी रोजाना मेहनत से समोसे और मिठाइयां तैयार करते हैं। पढ़िए कस्टमर क्या कहते हैं? -------------------------------- ये खबर भी पढ़ें... यूपी के जिला अस्पताल बनेंगे प्राइवेट जैसे, कैंसर-हार्ट का इलाज होगा, काबिल डॉक्टर तैनात होंगे हार्ट की बीमारी और कैंसर का इलाज यूपी के जिला अस्पतालों में होने लगे। न्यूरोलॉजी, न्यूरो सर्जरी, आंखों का इलाज, हड्‌डी और घुटना प्रत्यारोपण जैसी सेवाएं मिलने लगें। तो जाहिर सी बात है कि लोगों को बहुत ज्यादा राहत मिलेगी। लेकिन, अब ऐसा होने वाला है। यूपी के जिला अस्पतालों का रांची मॉडल पर कायाकल्प करने की तैयारी है। पढ़िए पूरी खबर...

Aug 7, 2025 - 11:15
 0
मेरठ में भगतजी के हेल्दी समोसे:सेहत के साथ स्वाद में भी लाजवाब; 13 साल से लोगों के दिलों में बनाई है खास जगह
मेरठ का भगतजी स्वीट्स। यहां के लाजवाब समोसे और मिठाई लोगों के दिलों में खास जगह बनाए हैं। वेस्टर्न कचहरी रोड पर यह दुकान पिछले 13 साल से चल रही है। जैसे ही समोसे तलने शुरू होते हैं, उनकी खुशबू अगली दो गलियों तक फैल जाती है। यही खुशबू लोगों इनकी दुकान पर खींच लाती है। दुकान मालिक प्रताप सिंह कहते हैं कि अपनी मेहनत और स्वाद के जादू से इस छोटी-सी दुकान को मेरठ की पहचान बना दिया है। खासतौर पर उनके समोसे और बालूशाही की हर कोई तारीफ करता है। मेरठ कॉलेज के छात्रों से लेकर मोहल्ले के बुजुर्गों तक, हर उम्र के लोग भगतजी के समोसों के दीवाने हैं। स्वाद, परंपरा और भरोसे का ये मेल ही इसे खास बनाता है। स्वाद के साथ सेहत का भी ख्याल भगतजी स्वीट्स की सबसे बड़ी खासियत उनके समोसे हैं। प्रताप सिंह बताते हैं कि उनके समोसे में कम तेल और हाई क्वालिटी वाले मसालों का इस्तेमाल होता है। समोसों में चटपटे स्वाद के लिए साबुत मसाले लाकर पीसे जाते हैं। चुने हुए आलू का इस्तेमाल किया जाता है। खास बात यह है कि समोसों में हींग डाली जाती है। ये सेहत के लिए नुकसानदायक नहीं हैं। समोसे के साथ परोसी जाने वाली मीठी और खट्टी चटनी स्वाद को 4 गुना बढ़ा देती है। समोसे को खास बनाता है इसका मसाला प्रताप सिंह बताते हैं कि समोसों की पिट्ठी (मसाला) तैयार करने के लिए खास मसालों का मिश्रण बनाते हैं। इसमें धनिया, सौंफ, अमचूर, गरम मसाला, लाल मिर्च, हरी मिर्च, काला नमक, सफेद नमक और हींग शामिल हैं। ये मसाले न सिर्फ स्वाद बढ़ाते हैं, बल्कि समोसों को एक अनोखा जायका देते हैं। समोसे की बाहरी परत को कुरकुरा बनाने के लिए मैदा और रवा का यूज किया जाता है। दुकान पर रोजाना 400 से 500 समोसे बिकते हैं। जैसे ही समोसे तलने शुरू होते हैं, कस्टमर की भीड़ लग जाती है। मेरठ कॉलेज के पास होने की वजह से छात्रों के बीच ये समोसे काफी फेमस हैं। मौसम के हिसाब से मिठाइयों की बहार समोसों के अलावा भगतजी स्वीट्स अपनी पारंपरिक मिठाइयों के लिए भी मेरठ में खास पहचान रखती है। दुकान के मालिक प्रताप सिंह बताते हैं कि यहां घी में बनी बालूशाही, घेवर, मिल्क केक, रसमलाई और बर्फी जैसी मिठाइयां लोगों को खूब पसंद आती हैं। खासकर सावन के मौसम में घेवर की मांग सबसे ज्यादा होती है। यहां की खासियत यह है कि सभी मिठाइयों के लिए मावा दुकान पर ही ताजा तैयार किया जाता है। इससे मिठाइयों का स्वाद और क्वालिटी हमेशा बनी रहती है। दुकान पर कुल 5 कर्मचारी रोजाना मेहनत से समोसे और मिठाइयां तैयार करते हैं। पढ़िए कस्टमर क्या कहते हैं? -------------------------------- ये खबर भी पढ़ें... यूपी के जिला अस्पताल बनेंगे प्राइवेट जैसे, कैंसर-हार्ट का इलाज होगा, काबिल डॉक्टर तैनात होंगे हार्ट की बीमारी और कैंसर का इलाज यूपी के जिला अस्पतालों में होने लगे। न्यूरोलॉजी, न्यूरो सर्जरी, आंखों का इलाज, हड्‌डी और घुटना प्रत्यारोपण जैसी सेवाएं मिलने लगें। तो जाहिर सी बात है कि लोगों को बहुत ज्यादा राहत मिलेगी। लेकिन, अब ऐसा होने वाला है। यूपी के जिला अस्पतालों का रांची मॉडल पर कायाकल्प करने की तैयारी है। पढ़िए पूरी खबर...

What's Your Reaction?

like

dislike

love

funny

angry

sad

wow