आतंकवाद कभी भगवा नहीं हो सकता:मंत्री कपिल देव अग्रवाल बोले- हिंदू धर्म और सनातन संस्कृति को बदनाम करने की कोशिश
मुजफ्फरनगर में उत्तर प्रदेश सरकार के राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) कपिल देव अग्रवाल ने मालेगांव बम ब्लास्ट मामले में विशेष एनआईए कोर्ट के फैसले पर प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने अपने गांधीनगर स्थित आवास पर इस मुद्दे पर बात की। कोर्ट ने 2008 के मालेगांव विस्फोट मामले में साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर, लेफ्टिनेंट कर्नल प्रसाद पुरोहित सहित सभी सात आरोपियों को सबूतों के अभाव में बरी कर दिया है। अग्रवाल ने इस फैसले को सत्य की जीत बताया। मंत्री ने कहा कि 18 वर्ष पहले कांग्रेस सरकार ने मालेगांव ब्लास्ट को "भगवा आतंकवाद" का नाम देकर हिंदू धर्म और सनातन संस्कृति को बदनाम करने की कोशिश की। उन्होंने कहा, "आतंकवाद कभी भगवा हो ही नहीं सकता।" अग्रवाल के अनुसार, भगवा सूर्योदय की लाली, हनुमान जी का चोला, छत्रपति शिवाजी के ध्वज और अग्नि का रंग है। यह क्रांति, शांति, उन्नति और प्रगति का प्रतीक है, न कि आतंकवाद का। उन्होंने कांग्रेस पर साध्वी प्रज्ञा और अन्य आरोपियों को झूठे केस में फंसाकर जेल में यातनाएं देने का आरोप लगाया। मंत्री ने सुप्रीम कोर्ट और एनआईए कोर्ट का धन्यवाद करते हुए कहा कि निष्पक्ष फैसले ने कांग्रेस के झूठे नैरेटिव को बेनकाब कर दिया। अग्रवाल ने मांग की कि कांग्रेस पार्टी और उनके राष्ट्रीय अध्यक्ष को देश और सनातन धर्म से माफी मांगनी चाहिए। उन्होंने कहा, "साध्वी प्रज्ञा को 17 साल तक अपमानित किया गया, उन्हें आतंकवादी बनाकर प्रताड़ित किया गया।" मंत्री ने जोर देकर कहा कि इस फैसले ने साबित कर दिया कि हिंदू कभी आतंकवादी नहीं हो सकता। बीजेपी नेताओं ने इस फैसले को सनातन संस्कृति की जीत बताया है। इस बीच, विपक्षी नेताओं ने फैसले पर सवाल उठाए, लेकिन कोर्ट ने स्पष्ट किया कि आतंकवाद का कोई धर्म नहीं होता।

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