आग के पास तप रहा 6 महीने का बच्चा:प्रयागराज में बाढ़ का पानी कमरे में घुसा, एक तरफ भुट्‌टे की भट्‌ठी तो दूसरी ओर खुद का लाडला

UP बोर्ड (उप्र माध्यमिक शिक्षा परिषद) के सामने लगे ठेले पर निगाहें जाते ही कुछ पल के लिए लोग ठहर जाते हैं। ठेले पर एक तरफ आग पर पिता भुट्‌टा भूजता हुआ दिख रहा है तो दूसरी तरफ 6 महीने का उसका बच्चा पड़ा है। पिता उमेश और मां पूजा लोगों को भुट्टे बेच रहे हैं। बच्चा रोता है तो मां खुद ठेले पर बैठ जाती है और दूध पिलाती है। चुप होती है वह फिर नीचे उतरकर पति के काम में हाथ बंटाती है। बच्चे को कभी ठेले पर सुलाती है तो कभी चादर बिछाकर उसे जमीन पर ही सुला देती है। दरअसल, उमेश कुमार मीरजापुर जनपद के रहने वाले हैं। करीब 8 वर्षों से वह प्रयागराज के गंगानगर में किराए का एक कमरा लेकर रहते हैं। एजी आफिस के आसपास कभी भुट्‌टा तो कभी आम बेचते हैं। लेकिन बाढ़ का पानी अब कुछ दिनों से उमेश के कमरे में पहुंच गया। मजबूर होकर वह ठेले पर ही अपना धंधा और परिवार एक साथ लेकर चल पड़े। “मुझे सरकार से कोई शिकायत नहीं” पूजा कहतीं है कि रोजी रोटी की तलाश में मीरजापुर से यहां आई थी। यहां बाढ़ का पानी आने की वजह से बच्चे को लेकर ठेले पर आना पड़ा। सरकार से मुझे कोई शिकायत नहीं है। सरकार जो दे देगी वह ठीक वरना कोई बात नहीं। उमेश कुमार कहते हैं, आवास के लिए प्रयास किया था लेकिन नहीं मिल सका। अंतत: यहां आना पड़ा। बाढ़ की वजह से दिक्कतें बढ़ी हैं।

Aug 8, 2025 - 06:57
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आग के पास तप रहा 6 महीने का बच्चा:प्रयागराज में बाढ़ का पानी कमरे में घुसा, एक तरफ भुट्‌टे की भट्‌ठी तो दूसरी ओर खुद का लाडला
UP बोर्ड (उप्र माध्यमिक शिक्षा परिषद) के सामने लगे ठेले पर निगाहें जाते ही कुछ पल के लिए लोग ठहर जाते हैं। ठेले पर एक तरफ आग पर पिता भुट्‌टा भूजता हुआ दिख रहा है तो दूसरी तरफ 6 महीने का उसका बच्चा पड़ा है। पिता उमेश और मां पूजा लोगों को भुट्टे बेच रहे हैं। बच्चा रोता है तो मां खुद ठेले पर बैठ जाती है और दूध पिलाती है। चुप होती है वह फिर नीचे उतरकर पति के काम में हाथ बंटाती है। बच्चे को कभी ठेले पर सुलाती है तो कभी चादर बिछाकर उसे जमीन पर ही सुला देती है। दरअसल, उमेश कुमार मीरजापुर जनपद के रहने वाले हैं। करीब 8 वर्षों से वह प्रयागराज के गंगानगर में किराए का एक कमरा लेकर रहते हैं। एजी आफिस के आसपास कभी भुट्‌टा तो कभी आम बेचते हैं। लेकिन बाढ़ का पानी अब कुछ दिनों से उमेश के कमरे में पहुंच गया। मजबूर होकर वह ठेले पर ही अपना धंधा और परिवार एक साथ लेकर चल पड़े। “मुझे सरकार से कोई शिकायत नहीं” पूजा कहतीं है कि रोजी रोटी की तलाश में मीरजापुर से यहां आई थी। यहां बाढ़ का पानी आने की वजह से बच्चे को लेकर ठेले पर आना पड़ा। सरकार से मुझे कोई शिकायत नहीं है। सरकार जो दे देगी वह ठीक वरना कोई बात नहीं। उमेश कुमार कहते हैं, आवास के लिए प्रयास किया था लेकिन नहीं मिल सका। अंतत: यहां आना पड़ा। बाढ़ की वजह से दिक्कतें बढ़ी हैं।

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