एक्सईएन, अकाउंटेंट पर ठगी का आरोप, मामला सीएम तक पहुंचा

लुधियाना| नगर निगम की ओएंडएम ब्रांच में तैनात एक्सईएन और अकाउंटेंट पर एक फर्जी कंपनी में इन्वेस्टमेंट कराकर ठगी करने के आरोप लगे हैं। पीड़ित मोहन सिंह ने निगम में तैनात दोनों अधिकारियों पर कानूनी कार्रवाई करने के संबंध में सीएम को शिकायत भेजी है। जबकि शिकायत की कॉपी लोकल बाडीज मंत्री, चीफ सेक्रेटरी पंजाब, एडीजीपी विजिलेंस पंजाब सरकार, सेक्रेटरी लोकल बाडीज़, मेयर नगर निगम और निगम कमिश्नर आदित्य डेचलवाल को भेजी है। शिकायत में ये भी बताया है कि उक्त दोनों अफसरों ने नगर निगम में ही काम करने वाले मुलाजिमों और कांट्रेक्टरों के पैसे फर्जी कंपनी में लगवाए हैं और हर महीने 3.5 फीसदी से 4.5 फीसदी ब्याज देने का झांसा देकर ये सारा खेल खेला गया है। शिकायतकर्ता मोहन सिंह ने बताया कि दोनों अधिकारियों में से एक अपनी पत्नी के नाम पर चंडीगढ-राजपुरा रोड पर स्थित एक कंपनी के नाम पर एजेंसी लेकर ये भरोसा दिया कि उनके द्वारा की गई इन्वेस्टमेंट पर 3.5 फीसदी से 4.5 फीसदी ब्याज हर महीने मिलेगा। जबकि सारा पैसा कैश में लिया गया है और ब्याज भी कुछ महीनों तक उन्हें कैश में देते रहे। निगम में तैनात होने के नाते मुलाजिमों और कांट्रेक्टरों को विश्वास में लेकर फर्जी कंपनी में करोड़ों रुपए इन्वेस्ट करवा दिए हैं। जबकि अब पिछले काफी महीनों से इन अधिकारियों द्वारा ब्याज के पैसे भी नहीं दिए जा रहे हैं और बनती रकम भी वापिस नहीं दी गई है। उन्होंने बताया कि जिस कंपनी के नाम पर इन्होंने पैसे इन्वेस्ट करवाए थे, अब वो कंपनी फ्रॉड घोषित होने पर भाग भी चुकी है।

Aug 8, 2025 - 06:57
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एक्सईएन, अकाउंटेंट पर ठगी का आरोप, मामला सीएम तक पहुंचा
लुधियाना| नगर निगम की ओएंडएम ब्रांच में तैनात एक्सईएन और अकाउंटेंट पर एक फर्जी कंपनी में इन्वेस्टमेंट कराकर ठगी करने के आरोप लगे हैं। पीड़ित मोहन सिंह ने निगम में तैनात दोनों अधिकारियों पर कानूनी कार्रवाई करने के संबंध में सीएम को शिकायत भेजी है। जबकि शिकायत की कॉपी लोकल बाडीज मंत्री, चीफ सेक्रेटरी पंजाब, एडीजीपी विजिलेंस पंजाब सरकार, सेक्रेटरी लोकल बाडीज़, मेयर नगर निगम और निगम कमिश्नर आदित्य डेचलवाल को भेजी है। शिकायत में ये भी बताया है कि उक्त दोनों अफसरों ने नगर निगम में ही काम करने वाले मुलाजिमों और कांट्रेक्टरों के पैसे फर्जी कंपनी में लगवाए हैं और हर महीने 3.5 फीसदी से 4.5 फीसदी ब्याज देने का झांसा देकर ये सारा खेल खेला गया है। शिकायतकर्ता मोहन सिंह ने बताया कि दोनों अधिकारियों में से एक अपनी पत्नी के नाम पर चंडीगढ-राजपुरा रोड पर स्थित एक कंपनी के नाम पर एजेंसी लेकर ये भरोसा दिया कि उनके द्वारा की गई इन्वेस्टमेंट पर 3.5 फीसदी से 4.5 फीसदी ब्याज हर महीने मिलेगा। जबकि सारा पैसा कैश में लिया गया है और ब्याज भी कुछ महीनों तक उन्हें कैश में देते रहे। निगम में तैनात होने के नाते मुलाजिमों और कांट्रेक्टरों को विश्वास में लेकर फर्जी कंपनी में करोड़ों रुपए इन्वेस्ट करवा दिए हैं। जबकि अब पिछले काफी महीनों से इन अधिकारियों द्वारा ब्याज के पैसे भी नहीं दिए जा रहे हैं और बनती रकम भी वापिस नहीं दी गई है। उन्होंने बताया कि जिस कंपनी के नाम पर इन्होंने पैसे इन्वेस्ट करवाए थे, अब वो कंपनी फ्रॉड घोषित होने पर भाग भी चुकी है।

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