भारत-पाक मैत्री सम्मेलन 14 को, इस साल किसान और मजदूर संगठन भी होंगे शामिल
भास्कर न्यूज | अमृतसर हर साल 14 अगस्त को होने वाले भारत-पाकिस्तान मैत्री सम्मेलन में इस साल किसान, मजदूर संगठनों और शांति प्रेमियों को बड़े पैमाने पर शामिल करने का फैसला किया गया है। अमृतसर के विरासत विहार में आयोजित बैठक में यह निर्णय लिया गया। लोकगीत अनुसंधान अकादमी के अध्यक्ष रमेश यादव ने बताया कि यह 20वां भारत-पाक मैत्री सम्मेलन है, जिसमें देश-विदेश की कई प्रमुख हस्तियां हिस्सा लेंगी। इस दौरान "भारत और पाकिस्तान' के संबंधों पर सेमिनार का आयोजन किया जाएगा। 14 और 15 अगस्त की मध्यरात्रि शांति और दोस्ती के समर्थन में और युद्ध व आतंकवाद के खिलाफ मोमबत्तियां भी जलाई जाएंगी। भारत-पाकिस्तान मैत्री मंच के महासचिव सतनाम सिंह मानक ने कहा कि उन्होंने यह भी कहा कि हम दोनों देशों के बीच युद्ध के खिलाफ हैं और युद्ध किसी भी समस्या का समाधान नहीं है। उन्होंने यह भी कहा कि पिछले दिनों कश्मीर में आतंकवादियों द्वारा निर्दोष नागरिकों की हत्या की कड़ी निंदा करते हैं और पाकिस्तान सरकार से अपील करते हैं कि वह दहशतगर्द संगठनों का समर्थन बंद करे। लोकगीत अनुसंधान अकादमी के चेयरमैन सुरजीत जज ने बैठक को संबोधित करते हुए कहा कि पिछले 20 सालों से उक्त संगठन शांति और दोस्ती के लिए और भारत और पाकिस्तान के बीच व्यापार और लोगों की आवाजाही के लिए सीमाएं खोलने की मांग कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि प्रगतिशील लेखक सभा और पंजाब के अन्य सभी संगठन इस अपील के पक्ष में हैं और लेखक बिरादरी भी सेमिनार में बड़े पैमाने पर शामिल होगी। इस मौके पर मौजूद नेताओं ने यह भी मांग की कि पाकिस्तान अपनी धरती से ड्रोन के जरिए भारत में नशीले पदार्थ और हथियार भेजना बंद करे। उपरोक्त नेताओं के अलावा, इस बैठक को कीर्ति किसान यूनियन पंजाब के धनवंत सिंह खटरा कलां, काबल सिंह छीना, हरपाल सिंह, कीर्ति किसान यूनियन प्रकाश सिंह थोथी, रविंदर सिंह छज्जलवद्दी, पंजाब किसान यूनियन से बलबीर सिंह मुधाल, भारतीय किसान यूनियन सिद्धूपुर से बाबा करमजीत सिंह, करमजीत सिंह गिल, करमजीत कौर जस्सल, जसवंत सिंह रंधावा आदि ने संबोधित किया और इस सम्मेलन में शामिल होने का भरोसा दिया।

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