हर नागरिक, राष्ट्र का एक सैनिक: ले. जनरल चांदपुरिया

भास्कर न्यूज| लुधियाना शुक्रवार को पीसीटीई ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशन्स, लुधियाना में आयोजित प्रेरणादायक सत्र में लेफ्टिनेंट जनरल अजय चांदपुरिया, एवीएसएम, वीएसएम, जीओसी, वज्रकॉर्प्स ने युवाओं को राष्ट्र निर्माण में सक्रिय भूमिका निभाने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि युवा स्वयं को सशक्त बनाएं, जिम्मेदारी उठाएं और भारत को विकसित भारत@2047 की दिशा में ले जाने के लिए परिवर्तन के अग्रदूत बनें। ‘स्वयं-सशक्तिकरण और राष्ट्र निर्माण’ विषय पर बोलते हुए उन्होंने बदलते अंतरराष्ट्रीय परिदृश्य, सक्षम नेतृत्व के गुण और राष्ट्र निर्माण में भारतीय सेना की भूमिका पर जोर दिया। लेफ्टिनेंट जनरल चांदपुरिया ने कहा कि राष्ट्र निर्माण कोई विकल्प नहीं बल्कि सभी नागरिकों की साझा जिम्मेदारी है। उन्होंने युवाओं से आग्रह किया कि वे सकारात्मक बदलाव के वाहक बनें और अपने कौशल, अनुशासन व दृढ़ संकल्प से देश के विकास में योगदान दें। उन्होंने कहा कि भारतीय सेना केवल सीमाओं की सुरक्षा तक सीमित नहीं है, बल्कि देश के सामाजिक और आर्थिक उत्थान में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। बदलते समय में आत्मनिर्भरता, नेतृत्व और सामूहिक प्रयास की आवश्यकता पहले से कहीं अधिक है। अपने संबोधन के अंत में उन्होंने यह संदेश दिया कि हर व्यक्ति में एक सैनिक का गुण होना चाहिए कि चाहे वह सेना की वर्दी में हो या किसी अन्य क्षेत्र में कार्यरत। देश की प्रगति के लिए हर नागरिक को अपना योगदान देना होगा, और इसी सोच के साथ उन्होंने कहा, "हर नागरिक, राष्ट्र का एक सैनिक है।

Aug 9, 2025 - 07:26
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हर नागरिक, राष्ट्र का एक सैनिक: ले. जनरल चांदपुरिया
भास्कर न्यूज| लुधियाना शुक्रवार को पीसीटीई ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशन्स, लुधियाना में आयोजित प्रेरणादायक सत्र में लेफ्टिनेंट जनरल अजय चांदपुरिया, एवीएसएम, वीएसएम, जीओसी, वज्रकॉर्प्स ने युवाओं को राष्ट्र निर्माण में सक्रिय भूमिका निभाने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि युवा स्वयं को सशक्त बनाएं, जिम्मेदारी उठाएं और भारत को विकसित भारत@2047 की दिशा में ले जाने के लिए परिवर्तन के अग्रदूत बनें। ‘स्वयं-सशक्तिकरण और राष्ट्र निर्माण’ विषय पर बोलते हुए उन्होंने बदलते अंतरराष्ट्रीय परिदृश्य, सक्षम नेतृत्व के गुण और राष्ट्र निर्माण में भारतीय सेना की भूमिका पर जोर दिया। लेफ्टिनेंट जनरल चांदपुरिया ने कहा कि राष्ट्र निर्माण कोई विकल्प नहीं बल्कि सभी नागरिकों की साझा जिम्मेदारी है। उन्होंने युवाओं से आग्रह किया कि वे सकारात्मक बदलाव के वाहक बनें और अपने कौशल, अनुशासन व दृढ़ संकल्प से देश के विकास में योगदान दें। उन्होंने कहा कि भारतीय सेना केवल सीमाओं की सुरक्षा तक सीमित नहीं है, बल्कि देश के सामाजिक और आर्थिक उत्थान में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। बदलते समय में आत्मनिर्भरता, नेतृत्व और सामूहिक प्रयास की आवश्यकता पहले से कहीं अधिक है। अपने संबोधन के अंत में उन्होंने यह संदेश दिया कि हर व्यक्ति में एक सैनिक का गुण होना चाहिए कि चाहे वह सेना की वर्दी में हो या किसी अन्य क्षेत्र में कार्यरत। देश की प्रगति के लिए हर नागरिक को अपना योगदान देना होगा, और इसी सोच के साथ उन्होंने कहा, "हर नागरिक, राष्ट्र का एक सैनिक है।

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