बिजनौर में बारिश से गिरा कच्चा मकान:मलबे में दबी तीन बहनें, 3 साल की बच्ची की मौत, दो घायल

बिजनौर के शहर कोतवाली क्षेत्र के गांव जंदरपुर में मंगलवार सुबह लगातार हो रही तेज बारिश के कारण एक कच्चा मकान गिर गया। इस हादसे में तीन साल की मासूम चाहत की मौके पर ही मौत हो गई। उसकी दो बहनें आयात (4) और अलीशा (2) घायल हो गईं। घटना सुबह करीब नौ बजे हुई। शाहिद का परिवार घर के अंदर बैठकर नाश्ता कर रहा था। अचानक मकान का एक बड़ा हिस्सा ढह गया। मलबे में शाहिद की तीनों बेटियां दब गईं। मोहल्ले में चीख-पुकार मचने पर आसपास के लोग मौके पर पहुंचे। उन्होंने मलबा हटाकर बच्चियों को बाहर निकाला। तीन वर्षीय चाहत की मौत हो गई। दोनों घायल बच्चियों का इलाज गांव में ही किया जा रहा है। शाहिद फेरी लगाकर मजदूरी करता है और इसी से अपने परिवार का गुजारा करता है। उसका कच्चा मकान लंबे समय से जर्जर अवस्था में था। आर्थिक तंगी के कारण वह मकान की मरम्मत नहीं करा सका था। हादसे के बाद से जंदरपुर गांव में शोक का माहौल है। घटना के बाद अब तक न तो कोई राजस्व टीम मौके पर पहुंची है। न ही किसी प्रकार की सरकारी मदद की घोषणा की गई है। स्थानीय लोगों ने प्रशासन से मांग की है कि शाहिद को तत्काल मुआवजा दिया जाए। साथ ही रहने के लिए सुरक्षित स्थान उपलब्ध कराया जाए।

Aug 5, 2025 - 16:38
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बिजनौर में बारिश से गिरा कच्चा मकान:मलबे में दबी तीन बहनें, 3 साल की बच्ची की मौत, दो घायल
बिजनौर के शहर कोतवाली क्षेत्र के गांव जंदरपुर में मंगलवार सुबह लगातार हो रही तेज बारिश के कारण एक कच्चा मकान गिर गया। इस हादसे में तीन साल की मासूम चाहत की मौके पर ही मौत हो गई। उसकी दो बहनें आयात (4) और अलीशा (2) घायल हो गईं। घटना सुबह करीब नौ बजे हुई। शाहिद का परिवार घर के अंदर बैठकर नाश्ता कर रहा था। अचानक मकान का एक बड़ा हिस्सा ढह गया। मलबे में शाहिद की तीनों बेटियां दब गईं। मोहल्ले में चीख-पुकार मचने पर आसपास के लोग मौके पर पहुंचे। उन्होंने मलबा हटाकर बच्चियों को बाहर निकाला। तीन वर्षीय चाहत की मौत हो गई। दोनों घायल बच्चियों का इलाज गांव में ही किया जा रहा है। शाहिद फेरी लगाकर मजदूरी करता है और इसी से अपने परिवार का गुजारा करता है। उसका कच्चा मकान लंबे समय से जर्जर अवस्था में था। आर्थिक तंगी के कारण वह मकान की मरम्मत नहीं करा सका था। हादसे के बाद से जंदरपुर गांव में शोक का माहौल है। घटना के बाद अब तक न तो कोई राजस्व टीम मौके पर पहुंची है। न ही किसी प्रकार की सरकारी मदद की घोषणा की गई है। स्थानीय लोगों ने प्रशासन से मांग की है कि शाहिद को तत्काल मुआवजा दिया जाए। साथ ही रहने के लिए सुरक्षित स्थान उपलब्ध कराया जाए।

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