प्रयागराज के शहरी इलाकों में चल रहीं नावें:नहीं थमा गंगा-यमुना का उफान, 40 गांवों में कई दिनों से अंधेरा
प्रयागराज में गंगा-यमुना की लहरों का उफान थमा नहीं है। शहर और गांवों में बाढ़ के हालात बरकरार हैं। नदियों का जलस्तर स्थित हो रहा है। हालांकि, शहर के 10 मुहल्ले में एक मंजिल मकान पूरी तरह डूबे हैं। NDRF, SDRF, क्यूआरटी, बाढ़ चौकी टीमें रेस्क्यू ऑपरेशन चला रही हैं। शहर के छोटा बघाड़ा, बड़ा बघाड़ा, बक्शी बांध, सलोरी, राजापुर नेवादा, दारागंज, सदियापुर, करेलाबाग, शुक्ला मार्केट, बक्शी, बंधवा, शिवकुटी आदि इलाकों में नावें चल रही हैं। इन इलाकों में प्रशासन के साथ ही राजनीतिक दलों के नेता, छात्र संगठन समेत अन्य समाजसेवी खाने-पीने का सामान, दवाएं और जरूरत की चीजें पहुंचा रहे हैं। शहर के 10 से ज्यादा इलाकों में 100 से अधिक नावों से राहत पहुंचाई जा रही है। बलुआघाट बारादरी और उससे जुड़े 12 मुहल्लों में अभी भी पानी भरा है। थरवई, फाफामऊ इलाकों में उपकेंद्र में पानी भर जाने से 40 गांवों में कई दिनों से बिजली नहीं आई। गंगापार और यमुनापार के नैनी, अरैल, यमुना ब्रिज, छतनाग, बरदा, सुनौटी, झूंसी, गारापुर, पूर्वा, पूरा सूरदास, कजरिया, ढोल बजवा, कोहना, मुंशी का पूरा, विश्वकर्मा मार्केट, फाफामऊ, मनसईता, बहमलपुर, नवाबगंज आदि गांवों में पानी भरा है। शहर और देहात क्षेत्रों में बनाए गए राहत शिविरों में करीब 10 हजार लोग पनाह लिए हुए हैं। रेस्क्यू टीम रोज दो से तीन हजार लोगों को राहत शिविरों में पहुंचा रही है। शहर के जिन इलाकों में पानी भरा है, वहां ज्यादातर प्रतियोगी छात्र रहते हैं। घनी आबादी वाले इन इलाकों में अभी सैकड़ों परिवार छतों पर सामान रखे घरों में रुके हुए हैं। प्रयागराज में बाढ़ के हालातों की देखिए तस्वीरें

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