गंगा का जलस्तर 3 दिन में 38 सेंटीमीटर बढ़ा:चेतावनी स्तर से महज 1.02 मीटर नीचे, तटीय इलाकों में बाढ़ का खतरा

उन्नाव में पहाड़ी और मैदानी क्षेत्रों में हो रही लगातार बारिश और कानपुर बैराज से छोड़े जा रहे नियंत्रित जल के कारण गंगा नदी का जलस्तर तेजी से बढ़ रहा है। सोमवार को सुबह 8 बजे गंगा का जलस्तर 110.98 मीटर दर्ज किया गया। यह चेतावनी स्तर 112 मीटर से महज 1.02 मीटर नीचे है। बीते तीन दिनों में जलस्तर में करीब 34 सेंटीमीटर की बढ़ोतरी हुई है। इस बढ़ती स्थिति को लेकर प्रशासन के साथ-साथ तटीय क्षेत्रों में रहने वाले ग्रामीणों की चिंता भी बढ़ गई है। केंद्रीय जल आयोग के अनुसार, शनिवार शाम 6 बजे तक गंगा का जलस्तर 110.60 मीटर था। रविवार को सुबह यह बढ़कर 110.67 मीटर हो गया। शाम तक यह 110.70 मीटर तक पहुँच गया। सोमवार की सुबह इसमें अचानक तेजी दर्ज की गई। यह बढ़कर 110.98 मीटर पर पहुँच गया। इस रफ्तार को देखते हुए अनुमान है कि यदि जलस्तर इसी तरह बढ़ता रहा, तो अगले कुछ दिनों में यह चेतावनी सीमा को पार कर सकता है। गंगा का जलस्तर बढ़ने से गंगाघाट, शुक्ला गंज, बारा सिरौली, सफीपुर, बक्सर सहित कई तटीय और निचले इलाकों में कटान और जलभराव का खतरा बढ़ गया है। इन क्षेत्रों के ग्रामीणों की नींद एक बार फिर उड़ गई है। कई स्थानों पर ग्रामीणों ने घरों का सामान समेटकर सुरक्षित स्थानों की ओर पलायन शुरू कर दिया है। खेतों में खड़ी फसलें डूबने लगी हैं। इससे किसानों को भी भारी नुकसान होने की आशंका है। जिला प्रशासन ने कहा है कि हालात पर नजर रखी जा रही है। जलस्तर चेतावनी स्तर के करीब पहुंचने पर राहत एवं बचाव की कार्य योजना पहले से ही चालू कर दी गयी है। बढ़ते जलस्तर की सूचना के बाद सिंचाई विभाग और नगर पालिका की टीमें तटीय क्षेत्रों का निरीक्षण कर रही हैं। साथ ही ग्रामीणों को अलर्ट रहने की सलाह दी गई है।

Aug 4, 2025 - 12:42
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गंगा का जलस्तर 3 दिन में 38 सेंटीमीटर बढ़ा:चेतावनी स्तर से महज 1.02 मीटर नीचे, तटीय इलाकों में बाढ़ का खतरा
उन्नाव में पहाड़ी और मैदानी क्षेत्रों में हो रही लगातार बारिश और कानपुर बैराज से छोड़े जा रहे नियंत्रित जल के कारण गंगा नदी का जलस्तर तेजी से बढ़ रहा है। सोमवार को सुबह 8 बजे गंगा का जलस्तर 110.98 मीटर दर्ज किया गया। यह चेतावनी स्तर 112 मीटर से महज 1.02 मीटर नीचे है। बीते तीन दिनों में जलस्तर में करीब 34 सेंटीमीटर की बढ़ोतरी हुई है। इस बढ़ती स्थिति को लेकर प्रशासन के साथ-साथ तटीय क्षेत्रों में रहने वाले ग्रामीणों की चिंता भी बढ़ गई है। केंद्रीय जल आयोग के अनुसार, शनिवार शाम 6 बजे तक गंगा का जलस्तर 110.60 मीटर था। रविवार को सुबह यह बढ़कर 110.67 मीटर हो गया। शाम तक यह 110.70 मीटर तक पहुँच गया। सोमवार की सुबह इसमें अचानक तेजी दर्ज की गई। यह बढ़कर 110.98 मीटर पर पहुँच गया। इस रफ्तार को देखते हुए अनुमान है कि यदि जलस्तर इसी तरह बढ़ता रहा, तो अगले कुछ दिनों में यह चेतावनी सीमा को पार कर सकता है। गंगा का जलस्तर बढ़ने से गंगाघाट, शुक्ला गंज, बारा सिरौली, सफीपुर, बक्सर सहित कई तटीय और निचले इलाकों में कटान और जलभराव का खतरा बढ़ गया है। इन क्षेत्रों के ग्रामीणों की नींद एक बार फिर उड़ गई है। कई स्थानों पर ग्रामीणों ने घरों का सामान समेटकर सुरक्षित स्थानों की ओर पलायन शुरू कर दिया है। खेतों में खड़ी फसलें डूबने लगी हैं। इससे किसानों को भी भारी नुकसान होने की आशंका है। जिला प्रशासन ने कहा है कि हालात पर नजर रखी जा रही है। जलस्तर चेतावनी स्तर के करीब पहुंचने पर राहत एवं बचाव की कार्य योजना पहले से ही चालू कर दी गयी है। बढ़ते जलस्तर की सूचना के बाद सिंचाई विभाग और नगर पालिका की टीमें तटीय क्षेत्रों का निरीक्षण कर रही हैं। साथ ही ग्रामीणों को अलर्ट रहने की सलाह दी गई है।

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