लैंड पूलिंग पॉलिसी पर AAP नेता गुरप्रीत थराज का इस्तीफा:पहले दीदारेवाला भी छोड़ चुके पद, किसान विरोध से पार्टी में बढ़ी नाराजगी

पंजाब में लैंड पूलिंग पॉलिसी को लेकर उठ रहा विरोध अब आम आदमी पार्टी (AAP) के भीतर भी गहराने लगा है। जहां किसान संगठन और विपक्षी पार्टियां पहले से ही इस पॉलिसी का विरोध कर रही थीं, वहीं अब AAP के नेता भी इससे नाराजगी जताने लगे हैं। मोगा के बाघा पुराना विधानसभा क्षेत्र के वरिष्ठ नेता गुरप्रीत सिंह चहल थराज ने ब्लॉक प्रधान के पद से इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने इस नीति को किसानों के हितों के खिलाफ बताते हुए पार्टी नेतृत्व के प्रति अपनी नाराजगी जाहिर की है। गुरप्रीत सिंह चहल बाघा पुराना एरिया में युवाओं और गांव स्तर पर काफी पकड़ रखते हैं। जिसके चलते उनका इस्तीफा पंजाब सरकार के लिए बड़ा झटका है। पहले भी दीदारेवाला ने किया था इस्तीफा इससे पहले मोगा के योजना बोर्ड के चेयरमैन हरमनजीत सिंह दीदारेवाला ने भी इस्तीफा दे दिया था। उनका कहना था कि लैंड पूलिंग पॉलिसी किसानों की जमीनों और भविष्य के साथ खिलवाड़ कर सकती है। किसान संगठनों का आरोप है कि यह पॉलिसी किसानों को उनकी ही जमीन से बेदखल कर देगी और बड़े औद्योगिक प्रोजेक्ट्स को फायदा पहुंचाएगी। वहीं, विपक्षी पार्टियां इसे आम आदमी पार्टी सरकार की किसान विरोधी नीति बता रही हैं। AAP के अंदर नेताओं के इस्तीफे यह संकेत दे रहे हैं कि पार्टी के भीतर भी इस पॉलिसी को लेकर असहमति बढ़ रही है। अब देखना होगा कि पंजाब सरकार इस मुद्दे पर क्या रुख अपनाती है, क्योंकि किसानों और अपने ही नेताओं के बढ़ते विरोध ने सरकार के लिए मुश्किलें खड़ी कर दी हैं।

Aug 6, 2025 - 14:49
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लैंड पूलिंग पॉलिसी पर AAP नेता गुरप्रीत थराज का इस्तीफा:पहले दीदारेवाला भी छोड़ चुके पद, किसान विरोध से पार्टी में बढ़ी नाराजगी
पंजाब में लैंड पूलिंग पॉलिसी को लेकर उठ रहा विरोध अब आम आदमी पार्टी (AAP) के भीतर भी गहराने लगा है। जहां किसान संगठन और विपक्षी पार्टियां पहले से ही इस पॉलिसी का विरोध कर रही थीं, वहीं अब AAP के नेता भी इससे नाराजगी जताने लगे हैं। मोगा के बाघा पुराना विधानसभा क्षेत्र के वरिष्ठ नेता गुरप्रीत सिंह चहल थराज ने ब्लॉक प्रधान के पद से इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने इस नीति को किसानों के हितों के खिलाफ बताते हुए पार्टी नेतृत्व के प्रति अपनी नाराजगी जाहिर की है। गुरप्रीत सिंह चहल बाघा पुराना एरिया में युवाओं और गांव स्तर पर काफी पकड़ रखते हैं। जिसके चलते उनका इस्तीफा पंजाब सरकार के लिए बड़ा झटका है। पहले भी दीदारेवाला ने किया था इस्तीफा इससे पहले मोगा के योजना बोर्ड के चेयरमैन हरमनजीत सिंह दीदारेवाला ने भी इस्तीफा दे दिया था। उनका कहना था कि लैंड पूलिंग पॉलिसी किसानों की जमीनों और भविष्य के साथ खिलवाड़ कर सकती है। किसान संगठनों का आरोप है कि यह पॉलिसी किसानों को उनकी ही जमीन से बेदखल कर देगी और बड़े औद्योगिक प्रोजेक्ट्स को फायदा पहुंचाएगी। वहीं, विपक्षी पार्टियां इसे आम आदमी पार्टी सरकार की किसान विरोधी नीति बता रही हैं। AAP के अंदर नेताओं के इस्तीफे यह संकेत दे रहे हैं कि पार्टी के भीतर भी इस पॉलिसी को लेकर असहमति बढ़ रही है। अब देखना होगा कि पंजाब सरकार इस मुद्दे पर क्या रुख अपनाती है, क्योंकि किसानों और अपने ही नेताओं के बढ़ते विरोध ने सरकार के लिए मुश्किलें खड़ी कर दी हैं।

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