प्रयागराज में गंगा-यमुना का घटा जलस्तर:बाढ़ प्रभावित इलाकों में लोगों ने ली राहत की सांस,स्वास्थ्य विभाग की टीमें अलर्ट मोड पर

प्रयागराज में गंगा और यमुना नदियों का जलस्तर अब तेजी से कम होने लगा है, जिससे बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में रहने वाले लोगों ने राहत की सांस ली है। बीते कई दिनों से गंगा और यमुना नदियों का जलस्तर खतरे के निशान के ऊपर बना हुआ था, जिससे शहर के निचले इलाकों में बाढ़ की स्थिथि बन गयी थी और लोगों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा था। अब जलस्तर में आई गिरावट के बाद स्थिति धीरे-धीरे सामान्य हो रही हैं। 7 अगस्त की सुबह गंगा नदी का जलस्तर फाफामऊ में 84.19 मीटर दर्ज किया गया, जो खतरे के निशान से नीचे है। पिछले 24 घंटों में जलस्तर में 1.55 सेंटीमीटर की कमी दर्ज की गई है। इसी तरह छतनाग घाट पर गंगा नदी 83.41 मीटर पर बह रही है, जिसमें 1.46 सेंटीमीटर की गिरावट आई है। वहीं, बक्सी बांध एसटीपी के पास गंगा का जलस्तर 84.02 मीटर रहा, जो पिछले दिन की तुलना में 1.20 सेंटीमीटर कम है। यमुना नदी के जलस्तर में भी गिरावट दर्ज की गई है। वर्तमान में यमुना 84.08 मीटर पर बह रही है, जो खतरे के निशान से नीचे आ चुकी है। बीते 24 घंटे में यमुना के जलस्तर में 1.23 सेंटीमीटर की कमी आई है। दोनों नदियों के जलस्तर में गिरावट आने से बाढ़ प्रभावित इलाकों में लोगों ने राहत की सांस ली । बाढ़ के पानी उतरने के साथ ही शहर के निचले इलाकों—जैसे बेली, दरियाबाद, सलोरी, राजापुर,बघाड़ा,गोविंदपुर बेली गाँव और घूरपुर आदि में रहने वाले लोग अब अपने घरों की सफाई में जुट गए हैं। कई स्थानों पर जलभराव अब भी बना हुआ है, लेकिन धीरे-धीरे पानी की निकासी हो रही है। नगर निगम की टीमें भी प्रभावित क्षेत्रों में पहुंचकर सफाई अभियान चला रही हैं और कीचड़ हटाने का कार्य कर रही हैं। बाढ़ के दौरान लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा। कई लोगों ने राहत शिविरों में शरण ली थी, जबकि कुछ लोग अपने घरों की छतों या ऊपरी मंजिलों पर रहने को मजबूर थे। अब जैसे-जैसे पानी घट रहा है, वैसे-वैसे लोग वापस अपने घर लौट रहे हैं। हालांकि बाढ़ के कारण घरों में गंदगी और कीचड़ जमा हो गया है, जिससे संक्रमण फैलने का खतरा भी बना हुआ है। स्वास्थ्य विभाग की टीमें भी अलर्ट मोड पर हैं और प्रभावित क्षेत्रों में क्लोरीन युक्त पानी का छिड़काव किया जा रहा है, ताकि बीमारियों से बचा जा सके। स्थानीय प्रशासन ने लोगों से अपील की है कि वे उबला हुआ पानी पीएं और किसी भी बीमारी के लक्षण दिखने पर तुरंत अस्पताल से संपर्क करें। गंगा-यमुना के जलस्तर में कमी और बाढ़ की स्थिति में सुधार से प्रयागराज के लोगों को बड़ी राहत मिली है। हालांकि प्रशासन अभी भी सतर्क है और लगातार जलस्तर की निगरानी की जा रही है, ताकि किसी भी आपात स्थिति से निपटा जा सके।

Aug 7, 2025 - 11:13
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प्रयागराज में गंगा-यमुना का घटा जलस्तर:बाढ़ प्रभावित इलाकों में लोगों ने ली राहत की सांस,स्वास्थ्य विभाग की टीमें अलर्ट मोड पर
प्रयागराज में गंगा और यमुना नदियों का जलस्तर अब तेजी से कम होने लगा है, जिससे बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में रहने वाले लोगों ने राहत की सांस ली है। बीते कई दिनों से गंगा और यमुना नदियों का जलस्तर खतरे के निशान के ऊपर बना हुआ था, जिससे शहर के निचले इलाकों में बाढ़ की स्थिथि बन गयी थी और लोगों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा था। अब जलस्तर में आई गिरावट के बाद स्थिति धीरे-धीरे सामान्य हो रही हैं। 7 अगस्त की सुबह गंगा नदी का जलस्तर फाफामऊ में 84.19 मीटर दर्ज किया गया, जो खतरे के निशान से नीचे है। पिछले 24 घंटों में जलस्तर में 1.55 सेंटीमीटर की कमी दर्ज की गई है। इसी तरह छतनाग घाट पर गंगा नदी 83.41 मीटर पर बह रही है, जिसमें 1.46 सेंटीमीटर की गिरावट आई है। वहीं, बक्सी बांध एसटीपी के पास गंगा का जलस्तर 84.02 मीटर रहा, जो पिछले दिन की तुलना में 1.20 सेंटीमीटर कम है। यमुना नदी के जलस्तर में भी गिरावट दर्ज की गई है। वर्तमान में यमुना 84.08 मीटर पर बह रही है, जो खतरे के निशान से नीचे आ चुकी है। बीते 24 घंटे में यमुना के जलस्तर में 1.23 सेंटीमीटर की कमी आई है। दोनों नदियों के जलस्तर में गिरावट आने से बाढ़ प्रभावित इलाकों में लोगों ने राहत की सांस ली । बाढ़ के पानी उतरने के साथ ही शहर के निचले इलाकों—जैसे बेली, दरियाबाद, सलोरी, राजापुर,बघाड़ा,गोविंदपुर बेली गाँव और घूरपुर आदि में रहने वाले लोग अब अपने घरों की सफाई में जुट गए हैं। कई स्थानों पर जलभराव अब भी बना हुआ है, लेकिन धीरे-धीरे पानी की निकासी हो रही है। नगर निगम की टीमें भी प्रभावित क्षेत्रों में पहुंचकर सफाई अभियान चला रही हैं और कीचड़ हटाने का कार्य कर रही हैं। बाढ़ के दौरान लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा। कई लोगों ने राहत शिविरों में शरण ली थी, जबकि कुछ लोग अपने घरों की छतों या ऊपरी मंजिलों पर रहने को मजबूर थे। अब जैसे-जैसे पानी घट रहा है, वैसे-वैसे लोग वापस अपने घर लौट रहे हैं। हालांकि बाढ़ के कारण घरों में गंदगी और कीचड़ जमा हो गया है, जिससे संक्रमण फैलने का खतरा भी बना हुआ है। स्वास्थ्य विभाग की टीमें भी अलर्ट मोड पर हैं और प्रभावित क्षेत्रों में क्लोरीन युक्त पानी का छिड़काव किया जा रहा है, ताकि बीमारियों से बचा जा सके। स्थानीय प्रशासन ने लोगों से अपील की है कि वे उबला हुआ पानी पीएं और किसी भी बीमारी के लक्षण दिखने पर तुरंत अस्पताल से संपर्क करें। गंगा-यमुना के जलस्तर में कमी और बाढ़ की स्थिति में सुधार से प्रयागराज के लोगों को बड़ी राहत मिली है। हालांकि प्रशासन अभी भी सतर्क है और लगातार जलस्तर की निगरानी की जा रही है, ताकि किसी भी आपात स्थिति से निपटा जा सके।

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