सीसीटीवी में चोर कैद, फिर भी कोई गिरफ्तारी नहीं; 17 दिन में पांच बड़ी वारदातें, चौकी के पास भी हाथ साफ
अजय कुमार शुक्ला| लुधियाना शहर में गाड़ियों के टायर चोरी की वारदातें थमने का नाम नहीं ले रहीं। बीते 17 दिनों में 5 बड़े मामले सामने आए हैं। चोर हर बार कार के सभी टायर एक साथ निकाल रहे हैं। कई बार तो स्टेपनी भी निकाल ले जाते हैं। कई घटनाएं सीसीटीवी में कैद हैं। इसके बावजूद पुलिस किसी एक भी आरोपी को पकड़ नहीं पाई है। इससे लोगों में डर और नाराजगी दोनों बढ़ रहे हैं। हैरानी की बात ये है कि एक वारदात तो पुलिस चौकी से महज कुछ मीटर की दूरी पर हुई है। 22 जुलाई को उपकार नगर में क्रेटा के चार टायर चोरी। 28 जुलाई को सिविल सिटी में फॉर्च्यूनर के चारों टायर चोरी हो गए। 31 जुलाई की रात फिर सिविल सिटी में तीन अलग-अलग गाड़ियों के टायर चुरा लिए गए। 4 अगस्त को जनकपुरी की एक फैक्ट्री के अंदर खड़ी स्कॉर्पियो से चारों टायर चुरा लिए गए। इसके अलावा मई में सिविल अस्पताल की पार्किंग से ही कुछ चोर थार गाड़ी के चारों टायर व स्टेपनी भी चुरा ले गए थे। गुरुवार सुबह डीप नगर में महिंद्रा एक्सयूवी के चार टायर गायब मिले। ये वारदात कैलाश चौकी के पास हुई। इसके अलावा उपकार नगर, सिविल अस्पताल और इस्लामगंज में भी पहले कई घटनाएं हो चुकी हैं। डीप नगर के निवासी विक्की ने बताया कि अब सुबह उठकर सबसे पहले गाड़ी देखनी पड़ती है। टायर गायब मिलने का डर बना रहता है। {इलाकों में पुलिस पेट्रोलिंग बढ़ाई जाए {पीसीआर को हर घंटे चेक किया जाए {सीसीटीवी फुटेज से पहचान कर गिरोह को पकड़ा जाए निवासियों का आरोप है कि पुलिस की गश्त नहीं दिखती। एफआईआर भी देर से होती है। उन्होंने कहा कि जिस गली में चोरी हुई, वहां से कुछ कदम दूरी पर चौकी है। फिर भी चोर बेखौफ आकर वारदात कर गए। पुलिस को सीसीटीवी फुटेज भी मिल चुके हैं। इनमें चोर वारदात को अंजाम देते साफ नजर आ रहे हैं। फुटेज में दिख रहा है कि चोर ग्रुप में आते हैं, गाड़ी को जैक लगाकर ऊपर उठाते हैं और मिनटों में चारों टायर निकाल लेते हैं। इसके बाद ईंटों पर गाड़ी को छोड़कर फरार हो जाते हैं। घटनाओं का तरीका एक जैसा है, जिससे पुलिस को गिरोह के सक्रिय होने का शक है। शहर में रात के वक्त पीसीआर गाड़ियों की गश्त पर भी सवाल उठ रहे हैं। कई इलाकों में लोगों का कहना है कि रात को न तो पुलिस की कोई मूवमेंट दिखती है और न ही किसी चौक-चौराहे पर पूछताछ होती है। इससे चोरों के हौसले और बढ़ गए हैं। लोगों ने मांग की है कि पुलिस को रात्रि गश्त बढ़ानी चाहिए। साथ ही सीसीटीवी फुटेज के आधार पर आरोपियों की पहचान कर सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए। वरना शहर में वाहन मालिक चैन से नहीं रह पाएंगे। लोगों की मांग एडीसीपी कंवलप्रीत सिंह ने कहा कि सभी मामलों की जांच जारी है। जल्द आरोपियों को पकड़ लिया जाएगा। जब उनसे पीसीआर की मौजूदगी पर सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि वैसे तो पीसीआर एक्टिव है, फिर भी दोबारा इसकी एक्टिवनेस को चेक किया जाएगा कि कमी कहां रह रही है। कमी पाई गई तो संबंधित अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। डीप नगर, सिविल सिटी और जनकपुरी जैसे इलाके शहर के पॉश सेक्टर माने जाते हैं। वहां ऐसी घटनाएं होना पुलिस के लिए बड़ी चुनौती है। लोगों का कहना है कि जब सीसीटीवी में चोर कैद होने के बावजूद कार्रवाई नहीं होती, तो यह सीधे तौर पर सिस्टम की नाकामी है। अगर पुलिस जल्द कदम नहीं उठाती, तो आने वाले दिनों में ये गिरोह और ज्यादा एक्टिव हो सकते हैं।

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