गलाडा की रोक के बावजूद गिल और वेस्ट तहसीलों में अवैध कॉलोनियों की रजिस्ट्री जारी
भास्कर न्यूज| लुधियाना गलाडा द्वारा 36 अवैध कॉलोनियों की रजिस्ट्री पर रोक के बावजूद लुधियाना की गिल और वेस्ट तहसीलों में खुलेआम रजिस्ट्रियां हो रही हैं। इन कॉलोनियों को खुद गलाडा ने अवैध घोषित किया था और इनकी सूची एसडीएम को भेजी गई थी। इसके बावजूद कुछ कॉलोनियों की रजिस्ट्री हो चुकी है। बसंत एवेन्यू निवासी प्रेम बब्बर ने इस पर डिप्टी कमिश्नर और गलाडा के चीफ एडमिनिस्ट्रेटर हिमांशु जैन को शिकायत दी। शिकायत के बाद सदर थाना पुलिस ने गांव फुल्लांवाल में शिव मंदिर के पास खसरा नंबर 42/11/2 पर बनी अवैध कॉलोनी के खिलाफ केस दर्ज किया। एफआईआर में कॉलोनाइजर का नाम नहीं जोड़ा गया, जिस पर प्रेम बब्बर ने आपत्ति जताई। थाना प्रभारी अवनीत कौर ने बताया कि गलाडा की रिपोर्ट के आधार पर एफआईआर हुई है। कॉलोनी बिना मंजूरी के बसाई गई थी, जिसके चलते पंजाब अपार्टमेंट एंड प्रॉपर्टी रेगुलेशन एक्ट, 1995 के तहत मामला दर्ज किया गया। इस एक्ट में 5 से 10 साल की सजा या 25 लाख से 5 करोड़ तक जुर्माना हो सकता है। डीटीपी हरप्रीत सिंह बाजवा ने कहा कि गलाडा पुलिस को खसरा नंबर और गूगल मैप भेजता है, कॉलोनाइजर की पहचान पुलिस का काम है। प्रेम बब्बर ने बताया कि जिस कॉलोनी पर एफआईआर दर्ज हुई, उसकी रजिस्ट्री पर भी पहले से रोक थी, फिर भी तहसील में रजिस्ट्री हो चुकी है। उन्होंने कहा कि "फ्लावर एन्क्लेव" कॉलोनी की रजिस्ट्री में नाम अधूरा लिखकर सिस्टम को चकमा दिया जा रहा है। धांधरा रोड पर “स्मार्ट सिटी” कॉलोनी भी अवैध घोषित होने के बावजूद गिल तहसील में रजिस्ट्री हो रही है। प्रेम बब्बर ने विजिलेंस जांच की मांग करते हुए कहा कि इस गड़बड़ी से सरकार को करीब 18.06 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है। उन्होंने इसे सरकारी खजाने की खुली लूट बताया और कहा कि प्रशासन और तहसील अफसरों की मिलीभगत उजागर होनी चाहिए।

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