जिम और अप्रमाणित सप्लीमेंट्स से बढ़ रहा हार्ट अटैक का खतरा, समय पर सीपीआर दे बचाई जा सकती है जान
भास्कर न्यूज | लुधियाना पंजाब एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी (पीएयू) में एक अहम स्वास्थ्य पहल के तहत जिम प्रेमियों और खिलाड़ियों में अचानक हृदयगति रुकने की रोकथाम विषय पर एक संयुक्त हेल्थ एडवाइजरी पोस्टर का लोकार्पण किया गया। यह पहल पीएयू, गुरु अंगद देव वेटरनरी एवं एनिमल साइंसेज यूनिवर्सिटी (गड़वासु) और दयानंद मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल (डीएमसीएच) के संयुक्त प्रयास से की गई। इस मौके पर पंजाब सरकार के स्वास्थ्य, चिकित्सा शिक्षा, परिवार कल्याण एवं चुनाव मंत्री डॉ. बलबीर सिंह मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहे। उन्होंने कहा कि यह पोस्टर एक जान बचाने वाला दस्तावेज है, जो वैज्ञानिक सलाह, अनुभव और युवाओं के प्रति संवेदनशीलता का परिणाम है। स्वास्थ्य मंत्री ने बताया कि इस एडवाइजरी का विचार पीएयू के कुलपति डॉ. सतबीर सिंह गोसल और डीएमसीएच के डॉ. बिशव मोहन से चर्चा के दौरान आया। उन्होंने युवाओं में बिना विशेषज्ञ सलाह के सप्लीमेंट लेने की प्रवृत्ति पर चिंता जताते हुए कहा कि यह जानकारी जागरूकता फैलाने और जान बचाने में मददगार सिद्ध होगी। आजकल की लाइफस्टाइल में कई लोग बिना सही वार्मअप किए ही एक्सरसाइज शुरू कर देते हैं, जिससे हार्ट अटैक का खतरा बढ़ जाता है। समय पर सीपीआर देने से जान बचाई जा सकती है। बिना जांचे सप्लीमेंट्स का सेवन खतरनाक हो सकता है, इसलिए अब सप्लीमेंट्स की गुणवत्ता भी चेक की जाएगी। जागरूकता ही बचाव है। इसको लेकर जिम वालों को भी अवेयर किया जाएगा। कार्यक्रम में पीएयू के नवनिर्मित जिम का उद्घाटन भी किया गया, जो पंजाब सरकार की वित्तीय सहायता से बना है। इस आधुनिक जिम में पुरुषों और महिलाओं के लिए अलग-अलग खंड, स्ट्रेंथ व कार्डियो प्रशिक्षण की सुविधाएं, कुल 64 अत्याधुनिक मशीनें लगाई हैं। पीएयू के कुलपति डॉ. गोसल ने कहा कि यूनिवर्सिटी अब केवल कृषि तक सीमित नहीं, बल्कि छात्रों के शारीरिक व मानसिक स्वास्थ्य को भी प्राथमिकता दे रहा है। गड़वासु के कुलपति डॉ. जतिंदर पाल सिंह गिल ने एडवाइजरी की वैज्ञानिक गहराई और विभिन्न विशेषज्ञों कार्डियोलॉजी, न्यूट्रिशन, गैस्ट्रोएंटरोलॉजी, नेफ्रोलॉजी की सलाह को इसकी खासियत बताया। डीएमसीएच के प्रिंसिपल व वरिष्ठ हृदय रोग विशेषज्ञ डॉ. गुरप्रीत सिंह वांडर ने इसे एक अनुकरणीय इंटर-इंस्टीट्यूशनल मॉडल बताया और उम्मीद जताई कि राज्य के जिम व कॉलेज इस मॉडल को अपनाएंगे। डॉ. बिशव मोहन ने कहा कि अधिकांश जिम से जुड़े कार्डियक केस सामान्य सावधानियों के अभाव में होते हैं जैसे शरीर की सीमा को समझना, वर्कआउट से पहले चेकअप, पर्याप्त पानी पीना व उचित आराम। कार्यक्रम में गर्भवती महिलाओं के लिए पोषण संबंधी एक दूसरा पोस्टर भी जारी किया गया, जिसे विशेषज्ञ डॉक्टरों, स्त्रीरोग विशेषज्ञों व डायटिशियनों ने मिलकर तैयार किया है।

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