खबर हटके- 7 साल लाश के साथ सोया डॉक्टर:शादी में लगा एंट्री टिकट, कीड़े पाल रहे जापानी; जानिए ऐसी ही 5 रोचक खबरें
एक डॉक्टर जो 7 साल तक लाश के साथ सोता रहा। वहीं, एक कपल ने अपनी शादी में एंट्री टिकट लगा दिया। 1. डॉक्टर 7 साल लाश के साथ क्यों सोता रहा? 2. कपल ने शादी में एंट्री के लिए टिकट क्यों लगाया? 3. जापान में लोग कीड़ों को पालतू क्यों बना रहे हैं? 4. चांद की धूल से पानी और ऑक्सीजन कैसे बन सकता है? 5. चाइना में वयस्क सूदर्स (चुसनी) क्यों यूज कर रहे हैं? लोग प्यार में क्या-क्या नहीं करते। कई बार तो मामला खून-खराबे तक पहुंच जाता है, लेकिन एक डॉक्टर प्यार की सनक में 7 साल तक लाश के साथ सोता रहा। इस डॉक्टर का नाम कार्ल टैंजलर है। इसका जन्म जर्मनी में हुआ था लेकिन बाद में नौकरी के लिए अमेरिका चला आया था। यहां उसे टीबी की एक मरीज ऐलेना से प्यार हो गया। डॉक्टर इलाज के लिए उसके घर जाता था। कुछ समय बाद ऐलेना की मौत हो गई। इसके बाद से ही डॉ. कार्ल की सनक भरी हरकतें शुरू हो गईं। कार्ल ने ऐलेना के माता-पिता की इजाजत से उसकी मकाननुमा कब्र बनवाई। इसमें एक गेट भी था जिसकी चाबी सिर्फ कार्ल के पास रहती थी। करीब 2 साल तक वो रात में कब्र के अंदर सोने जाता रहा। इसके बाद डिकंपोज बॉडी घर ले आया और उस पर मोम लगा कर गुड़िया जैसा आकार दे दिया। लाश से बदबू न आए इसके लिए महंगे से महंगे परफ्यूम इस्तेमाल करता रहा और करीब 7 साल गुजर गए। एक दिन ऐलेना की बहन को इसकी भनक लगी तो उसने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई। फिर भी डॉक्टर कॉर्ल बिना सजा के छूट गया, क्योंकि इस तरह के अपराध की कोई सजा थी ही नहीं। शादी में लोग गिफ्ट्स लेकर तो जाते ही हैं। बहुत से लोग रुपए भी देते हैं, लेकिन एक कपल ने अपनी पूरी शादी मेहमानों से स्पॉन्सर करवा ली। इसके लिए उसने शादी में एंट्री टिकट लगा दिया। अमेरिकी आंत्रप्रेन्योर मार्ले जैक्स और स्टीव लार्सन ने शादी की प्लानिंग के दौरान पाया कि छोटी-छोटी चीजों पर भी बहुत ज्यादा खर्चा हो रहा है। शादी के लिए उन्हें कर्ज लेना पड़ सकता था, लेकिन वे ऐसा नहीं करना चाहते थे। ऐसे में उन्हें शादी में एंट्री के लिए टिकट लगाने का ख्याल आया। इन्विटेशन कार्ड में लिखा गया- ‘गिफ्ट मत लाइए, अपना खर्च खुद उठाइए।’ शादी में दो तरह के एंट्री टिकट रखे गए। पहला टिकट 57 डॉलर, यानी करीब 5 हजार रुपए का रखा गया। इसे लेने वाला शादी के दिन होने वाले सभी फंक्शन और डिनर में शामिल हो सकता था। इसके अलावा 997 डॉलर, यानी करीब 87 हजार रुपए का VIP टिकट रखा गया। इसे लेने वाला शादी से एक दिन पहले और एक दिन बाद तक के कार्यक्रमों और पार्टी में शामिल हो सकता था। एक टिकट पर सिर्फ एक ही व्यक्ति शादी में शामिल हो सकता था। इस तरह कपल ने 1.32 लाख डॉलर से ज्यादा की रकम इकट्ठा की। भारत में यह रकम करीब 1.16 करोड़ रुपए होती है। धूमधाम से शादी करने के बाद बची हुई रकम दान कर दी गई। घर में कुत्ते, बिल्ली, तोता वगैरह पालना तो आम बात है, लेकिन जापानी लोग कीड़े पाल रहे हैं। जापानियों का पंसदीदा पालतू जीव 'बीटल' नाम का कीड़ा है। कीड़े पालतू जानवरों की तरह ही बेचे जा रहे हैं। इतना ही नहीं दुकानों पर कीड़ों के लिए स्पेशल फूड भी मिल रहा है। कुछ की कीमत 20 हजार येन यानी करीब 12 हजार रुपए तक है। हाल ही में राजधानी टोक्यो में कीड़ों की एक बड़ी प्रदर्शनी लगाई गई। इसे ‘द ग्रेट इंसेक्ट एग्जीबिशन’ नाम दिया गया था। किसी आम पालतू जानवर की तरह ही ये कीड़े भी जापानी लोगों की रोजमर्रा की जिंदगी का हिस्सा हैं। वे इनके साथ खेलते हैं और देखभाल करते हैं। भारत समेत अधिकतर दुनिया में बच्चों को कीड़े-मकोड़ों से दूर रहने के लिए कहा जाता है। वहीं, जापान में बच्चों को छुटपन से ही कीड़ों के साथ खेलने को बढ़ावा दिया जाता है। बच्चों के लिए बहुत सारी किताबें भी लिखी जाती हैं। नतीजा ये है कि बच्चे कीड़ों से डरने के बजाय उन्हें पसंद करते हैं। सालों से दुनिया भर के तमाम देश चांद पर इंसानी बस्ती बसाने के बारे में बात करते आए हैं। इसके लिए चांद पर ऑक्सीजन और पानी का इंतजाम बेहद जरूरी है। ऐसे में कई तरह के एक्सपेरिमेंट भी अलग-अलग देशों में चल रहे हैं। इसी तरह के एक एक्सपेरिमेंट में चांद की धूल से पानी, ऑक्सीजन और रॉकेट फ्यूल बनाने का दावा किया है। साइंस जर्नल ‘जूल’ में छपी एक रिसर्च के मुताबिक चीन के वैज्ञानिकों ने चंद्रमा की धूल में मौजूद पानी की थोड़ी मात्रा को निकालने का प्रोसेस डेवलप किया है। इससे कार्बन मोनो ऑक्साइड और हाइड्रोजन गैस भी बनती है, जिसका उपयोग ईंधन के रूप में किया जा सकता है। वैज्ञानिकों का मानना है कि इस प्रक्रिया से ऑक्सीजन भी बनाई जा सकती है। हांगकांग की चाईनीज यूनिवर्सिटी के रिसर्चर लू वांग ने बताया कि चांग'ई 5 मिशन में चांद की सतह से लाई गई धूल के अलावा नकली चंद्र धूल के नमूनों का उपयोग करके इस प्रोसेस का परीक्षण किया है। इससे हमारी चांद पर कॉलोनियां बनाना और आसान हो जाएगा। हालांकि, अभी रिसर्च और टेस्टिंग की जरूरत है। चंद्रमा की मिट्टी में पानी की खोज हो चुकी है नासा ने 2020 में चंद्रमा की सतह पर पानी की खोजा था। यह पानी मुख्य रूप से बर्फ के रूप में है। आंकड़ों से पता चला है कि चंद्रमा की 1 घन मीटर मिट्टी में 12 औंस यानी करीब 355 ml के बराबर पानी मौजूद है। इस खोज से यह भी पता चला था कि पानी चांद के सूरज की रोशनी वाले हिस्से में भी हो सकता है। यह सिर्फ ठंडे और अंधेरे इलाकों तक ही सीमित नहीं है। आपने छोटे बच्चों के मुंह में अक्सर सूदर्स (चुसनी) देखी होगी। इसकी मदद से बच्चों को शांत करने और सुलाने में मदद मिलती है। यही सूदर्स आपको अगर किसी चाइनीज वयस्क के मुंह में दिख जाए तो चौंकिएगा मत। न, न ये बचपन की लत नहीं है, बल्कि चाइना में आजकल ये ट्रेंड चल पड़ा है। यही वजह है कि 25-50 रुपए में मिलने वाले ये सूदर्स चीन में 10 से लेकर 500 युआन यानी 120 से 6000 रुपए तक बिक रहे हैं। हजारों लोग ई-कॉमर्स साइट्स से खास वयस्कों के लिए बने सूदर्स खरीद रहे हैं। दावा किया जा रहा है कि इससे तनाव कम होता है। एक यूजर ने ई-कॉम

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