स्वामी अवधेशानंद जी गिरि के जीवन सूत्र:संयमी व्यक्ति के जीवन में सुख-शांति, ऐश्वर्य, दिव्यताएं और श्रेष्ठताएं बनी रहती हैं
सागर के पास नदियां स्वयं चली जाती हैं, ठीक इसी प्रकार संयमी, श्रेष्ठ, शील संपन्न व्यक्ति के जीवन में ऐश्वर्य, दिव्यताएं और श्रेष्ठताएं स्वत: ही आने लगती हैं। कोई व्यक्ति अपने भीतर उच्च, नैतिक और आत्मिक गुणों को विकसित करता है तो उसे बाहरी जगत में सुख, शांति और सम्मान के लिए प्रयास नहीं करना पड़ता है, दिव्य गुण उसकी आंतरिक ऊर्जा और व्यक्तित्व के कारण उसकी ओर खींचे चले आते हैं। आज जूनापीठाधीश्वर आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी अवधेशानंद जी गिरि के जीवन सूत्र में जानिए सच्ची सफलता किन बातों पर निर्भर करती है? आज का जीवन सूत्र जानने के लिए ऊपर फोटो पर क्लिक करें।

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