कुकरैल नदी के पुनर्जीवन में देरी पर डीएम लखनऊ सख्त:बोले- बरसात से पहले मिट्टी भराई, फेंसिंग और डिसिल्टिंग हर हाल में हो पूरी

लखनऊ की कुकरैल नदी को फिर से जीवंत करने के लिए ज़मीन पर काम शुरू हो गया है। जिलाधिकारी विशाख जी खुद मोर्चा संभालते हुए मंगलवार को सौमित्र वन से लेकर कुर्सी रोड तक नदी के किनारे-किनारे चल रहे कार्यों का स्थलीय निरीक्षण करने पहुंचे। उन्होंने साफ कहा"बरसात से पहले डिसिल्टिंग, स्लज निस्तारण और फेंसिंग का काम हर हाल में तय समय पूरा होना चाहिए।" वन विभाग से लेकर नगर निगम और सिंचाई विभाग तक को एक-एक दिशा निर्देश दिए गए। सौमित्र वन और शक्ति वन का लिया जायज़ा निरीक्षण की शुरुआत सौमित्र वन से हुई, जहां नगर निगम अधिकारियों ने बताया कि इसका निर्माण लखनऊ विकास प्राधिकरण करवा रहा है, जबकि इसके सामने ही शक्ति वन का निर्माण नगर निगम कराएगा। चीफ इंजीनियर महेश वर्मा ने जानकारी दी कि शक्ति वन का टेंडर हो चुका है। डीएम ने स्पष्ट निर्देश दिया कि शक्ति वन की भी सुरक्षात्मक बाउंड्री फेंसिंग जल्द पूरी होनी चाहिए और वृक्षारोपण की तैयारी युद्धस्तर पर हो। आरआर बंधा: स्लज हटाने और डिसिल्टिंग का काम प्रगति पर इसके बाद जिलाधिकारी ने आरआर बंधे के पास चल रहे डिसिल्टिंग कार्य का निरीक्षण किया। सिंचाई विभाग ने बताया कि सौमित्र वन से आरआर बंधे तक स्लज निकाला जा रहा है, और निस्तारण की जिम्मेदारी नगर निगम निभा रहा है। डीएम ने चेताया कि "यह काम बारिश आने से पहले हर हाल में पूरा होना चाहिए।" खुर्रम नगर में मशीनें बढ़ाने के निर्देश खुर्रम नगर बंधा पर डीएम ने नदी की स्थिति देखी और वहां प्रस्तावित डिसिल्टिंग, लेवलिंग, स्लज रिमूवल के लिए मैनपावर और मशीनें बढ़ाने को कहा। कुकरैल बैराज से लेकर झरहरा नाला तक किया निरीक्षण इसके अलावा जिलाधिकारी ने सी-मैप पुलिया, कुकरैल बैराज, झरहरा नाला और कुर्सी रोड पुलिया का भी दौरा किया। वन विभाग द्वारा तैयार DPR (डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट) पर भी विस्तार से चर्चा की गई। डीएम ने कहा कि डीपीआर में शारदा नहर से कुकरैल नदी में सालभर पानी पहुंचाने की योजना का ब्यौरा भी शामिल हो। इसके लिए सिंचाई विभाग को वार्षिक व मासिक जल प्रवाह की जानकारी अवध वन प्रभाग को देने के निर्देश दिए। जल्द अनुमोदन की तैयारी जिला उद्यान अधिकारी को निर्देशित किया गया कि डीपीआर को जिला गंगा समिति से अनुमोदित करवाकर जल्द से जल्द SMCG को भेजा जाए, ताकि आगे की कार्यवाही में देर न हो।

Jun 5, 2025 - 05:01
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कुकरैल नदी के पुनर्जीवन में देरी पर डीएम लखनऊ सख्त:बोले- बरसात से पहले मिट्टी भराई, फेंसिंग और डिसिल्टिंग हर हाल में हो पूरी
लखनऊ की कुकरैल नदी को फिर से जीवंत करने के लिए ज़मीन पर काम शुरू हो गया है। जिलाधिकारी विशाख जी खुद मोर्चा संभालते हुए मंगलवार को सौमित्र वन से लेकर कुर्सी रोड तक नदी के किनारे-किनारे चल रहे कार्यों का स्थलीय निरीक्षण करने पहुंचे। उन्होंने साफ कहा"बरसात से पहले डिसिल्टिंग, स्लज निस्तारण और फेंसिंग का काम हर हाल में तय समय पूरा होना चाहिए।" वन विभाग से लेकर नगर निगम और सिंचाई विभाग तक को एक-एक दिशा निर्देश दिए गए। सौमित्र वन और शक्ति वन का लिया जायज़ा निरीक्षण की शुरुआत सौमित्र वन से हुई, जहां नगर निगम अधिकारियों ने बताया कि इसका निर्माण लखनऊ विकास प्राधिकरण करवा रहा है, जबकि इसके सामने ही शक्ति वन का निर्माण नगर निगम कराएगा। चीफ इंजीनियर महेश वर्मा ने जानकारी दी कि शक्ति वन का टेंडर हो चुका है। डीएम ने स्पष्ट निर्देश दिया कि शक्ति वन की भी सुरक्षात्मक बाउंड्री फेंसिंग जल्द पूरी होनी चाहिए और वृक्षारोपण की तैयारी युद्धस्तर पर हो। आरआर बंधा: स्लज हटाने और डिसिल्टिंग का काम प्रगति पर इसके बाद जिलाधिकारी ने आरआर बंधे के पास चल रहे डिसिल्टिंग कार्य का निरीक्षण किया। सिंचाई विभाग ने बताया कि सौमित्र वन से आरआर बंधे तक स्लज निकाला जा रहा है, और निस्तारण की जिम्मेदारी नगर निगम निभा रहा है। डीएम ने चेताया कि "यह काम बारिश आने से पहले हर हाल में पूरा होना चाहिए।" खुर्रम नगर में मशीनें बढ़ाने के निर्देश खुर्रम नगर बंधा पर डीएम ने नदी की स्थिति देखी और वहां प्रस्तावित डिसिल्टिंग, लेवलिंग, स्लज रिमूवल के लिए मैनपावर और मशीनें बढ़ाने को कहा। कुकरैल बैराज से लेकर झरहरा नाला तक किया निरीक्षण इसके अलावा जिलाधिकारी ने सी-मैप पुलिया, कुकरैल बैराज, झरहरा नाला और कुर्सी रोड पुलिया का भी दौरा किया। वन विभाग द्वारा तैयार DPR (डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट) पर भी विस्तार से चर्चा की गई। डीएम ने कहा कि डीपीआर में शारदा नहर से कुकरैल नदी में सालभर पानी पहुंचाने की योजना का ब्यौरा भी शामिल हो। इसके लिए सिंचाई विभाग को वार्षिक व मासिक जल प्रवाह की जानकारी अवध वन प्रभाग को देने के निर्देश दिए। जल्द अनुमोदन की तैयारी जिला उद्यान अधिकारी को निर्देशित किया गया कि डीपीआर को जिला गंगा समिति से अनुमोदित करवाकर जल्द से जल्द SMCG को भेजा जाए, ताकि आगे की कार्यवाही में देर न हो।

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