सावन के अंतिम सोमवार पर शिव मंदिरों में उमड़ी भीड़:मथुरा के 'चिंता हरण महादेव मंदिर' में भक्तों ने किया जलाभिषेक

मथुरा में सावन महीने के चौथे और अंतिम सोमवार पर शिव भक्तों की सुबह से ही शिवालयों में श्रद्धालुओं की लंबी कतारें लग गईं। हर ओर 'बोल बम', 'हर-हर महादेव' और 'बम बम भोले' के जयकारों से वातावरण गूंज उठा। महावन क्षेत्र में यमुना तट पर स्थित ऐतिहासिक चिंता हरण महादेव मंदिर में भक्तों का जनसैलाब उमड़ पड़ा। श्रद्धालु गंगा जल एवं कांवड़ लेकर मंदिर पहुंचे। भगवान शिव का जलाभिषेक किया गया। लोगों ने शिवलिंग पर दूध, बेलपत्र, चंदन और पुष्प अर्पित कर विशेष पूजा-अर्चना की। कई श्रद्धालु उपवास रखकर भजन-कीर्तन में लीन रहे। कुछ परिवार सामूहिक पूजन करते नजर आए। भक्तों की आस्था से मंदिर प्रांगण आध्यात्मिक ऊर्जा से भर गया। चिंता हरण महादेव मंदिर से जुड़ी एक पौराणिक कथा है। कहा जाता है कि यह वही पावन स्थान है, जहां माता यशोदा की चिंता हरने स्वयं भगवान शिव प्रकट हुए थे। कथा के अनुसार जब श्रीकृष्ण ने यमुना किनारे खेलते समय मिट्टी खा ली थी। यशोदा मां ने उनसे मुंह खोलने को कहा, तब उन्हें श्रीकृष्ण के मुख में सम्पूर्ण ब्रह्मांड के दर्शन हुए। यह दृश्य देख यशोदा मां गहन चिंता में पड़ गईं। तभी उनकी चिंता दूर करने हेतु महादेव वहां प्रकट हुए। उन्होंने मां यशोदा को आशीर्वाद देकर उनका संताप हर लिया। यशोदा मैया ने यमुना जल से महादेव का किया जलाभिषेक यशोदा मैया ने प्रसन्न होकर यमुना जल से महादेव का अभिषेक किया। उन्होंने शिव से बृजवासियों की रक्षा हेतु वहीं विराजमान रहने का आग्रह किया। तभी से यह स्थान चिंता हरण महादेव मंदिर के रूप में प्रसिद्ध है। मान्यता है कि यहां एक लोटा जल चढ़ाने से 1108 शिवलिंगों का पुण्य फल प्राप्त होता है। श्रद्धालुओं की भारी भीड़ को देखते हुए प्रशासन ने व्यापक सुरक्षा एवं सुविधा इंतजाम किए। मंदिर परिसर और आसपास पुलिस बल तैनात रहा। स्वास्थ्य विभाग की टीम और सफाई कर्मचारी भी निरंतर सक्रिय रहे। किसी प्रकार की अव्यवस्था न हो, इसके लिए मंदिर प्रबंधन समिति और स्वयंसेवक भी लगातार जुटे रहे।

Aug 4, 2025 - 12:41
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सावन के अंतिम सोमवार पर शिव मंदिरों में उमड़ी भीड़:मथुरा के 'चिंता हरण महादेव मंदिर' में भक्तों ने किया जलाभिषेक
मथुरा में सावन महीने के चौथे और अंतिम सोमवार पर शिव भक्तों की सुबह से ही शिवालयों में श्रद्धालुओं की लंबी कतारें लग गईं। हर ओर 'बोल बम', 'हर-हर महादेव' और 'बम बम भोले' के जयकारों से वातावरण गूंज उठा। महावन क्षेत्र में यमुना तट पर स्थित ऐतिहासिक चिंता हरण महादेव मंदिर में भक्तों का जनसैलाब उमड़ पड़ा। श्रद्धालु गंगा जल एवं कांवड़ लेकर मंदिर पहुंचे। भगवान शिव का जलाभिषेक किया गया। लोगों ने शिवलिंग पर दूध, बेलपत्र, चंदन और पुष्प अर्पित कर विशेष पूजा-अर्चना की। कई श्रद्धालु उपवास रखकर भजन-कीर्तन में लीन रहे। कुछ परिवार सामूहिक पूजन करते नजर आए। भक्तों की आस्था से मंदिर प्रांगण आध्यात्मिक ऊर्जा से भर गया। चिंता हरण महादेव मंदिर से जुड़ी एक पौराणिक कथा है। कहा जाता है कि यह वही पावन स्थान है, जहां माता यशोदा की चिंता हरने स्वयं भगवान शिव प्रकट हुए थे। कथा के अनुसार जब श्रीकृष्ण ने यमुना किनारे खेलते समय मिट्टी खा ली थी। यशोदा मां ने उनसे मुंह खोलने को कहा, तब उन्हें श्रीकृष्ण के मुख में सम्पूर्ण ब्रह्मांड के दर्शन हुए। यह दृश्य देख यशोदा मां गहन चिंता में पड़ गईं। तभी उनकी चिंता दूर करने हेतु महादेव वहां प्रकट हुए। उन्होंने मां यशोदा को आशीर्वाद देकर उनका संताप हर लिया। यशोदा मैया ने यमुना जल से महादेव का किया जलाभिषेक यशोदा मैया ने प्रसन्न होकर यमुना जल से महादेव का अभिषेक किया। उन्होंने शिव से बृजवासियों की रक्षा हेतु वहीं विराजमान रहने का आग्रह किया। तभी से यह स्थान चिंता हरण महादेव मंदिर के रूप में प्रसिद्ध है। मान्यता है कि यहां एक लोटा जल चढ़ाने से 1108 शिवलिंगों का पुण्य फल प्राप्त होता है। श्रद्धालुओं की भारी भीड़ को देखते हुए प्रशासन ने व्यापक सुरक्षा एवं सुविधा इंतजाम किए। मंदिर परिसर और आसपास पुलिस बल तैनात रहा। स्वास्थ्य विभाग की टीम और सफाई कर्मचारी भी निरंतर सक्रिय रहे। किसी प्रकार की अव्यवस्था न हो, इसके लिए मंदिर प्रबंधन समिति और स्वयंसेवक भी लगातार जुटे रहे।

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