देवरिया PWD विभाग में फर्जी बिल घोटाला:चार अधिकारियों पर कार्रवाई, 4.27 करोड़ के फर्जी आगणन का मामला

देवरिया जिले के लोक निर्माण विभाग (PWD) में करोड़ों रुपये के फर्जी बिल घोटाले का मामला सामने आया है। पथरदेवा में 17 जून 2021 को उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य और कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही के कार्यक्रम के नाम पर स्विस कॉटेज, बैरिकेडिंग, मंच और पंडाल लगाने का खर्च दिखाकर सरकारी धन का दुरुपयोग किया गया। जांच में पता चला कि निर्माण खंड, देवरिया के तत्कालीन अधिकारियों ने 4.27 करोड़ रुपये का त्रुटिपूर्ण और फर्जी आगणन तैयार किया। उन्होंने उच्च स्तर से इसकी स्वीकृति भी प्राप्त कर ली। इसके बाद फर्जी सप्लाई ऑर्डर बनाकर एक करोड़ रुपये के DCL की मांग की गई। मामला सामने आने के बाद शासन ने इसे भ्रष्टाचार मानते हुए चार अधिकारियों पर कार्रवाई की है। इनमें कमल किशोर (तत्कालीन अधिशासी अभियंता, निर्माण खंड, देवरिया) जो वर्तमान में निलंबित हैं, अनिल कुमार जाटव (तत्कालीन अधिशासी अभियंता, निर्माण खंड, देवरिया) जो वर्तमान में प्रांतीय खंड, देवरिया में हैं, अनूप सिंह (अवर अभियंता, निर्माण खंड, देवरिया) और साहब हुसैन (अवर अभियंता, निर्माण खंड, देवरिया) शामिल हैं। विभाग की साख को नुकसान पहुंचा है इन सभी के खिलाफ उत्तर प्रदेश सरकारी सेवक (अनुशासन एवं अपील) नियमावली, 1999 के तहत नियम-7 के अंतर्गत अनुशासनिक कार्रवाई शुरू कर दी गई है। जांच में यह साबित हुआ कि यह योजनाबद्ध भ्रष्टाचार है। इससे विभाग की साख को नुकसान पहुंचा है और शासन की छवि भी प्रभावित हुई है। शासन ने मामले में जांच अधिकारी और प्रस्तुतकर्ता अधिकारी की नियुक्ति कर दी है। वे सभी तथ्यों की पड़ताल कर दोषियों पर आगे की कार्रवाई तय करेंगे। यह मामला सरकारी आयोजनों में होने वाले खर्च की पारदर्शिता और जवाबदेही के सवाल उठाता है।

Aug 4, 2025 - 12:42
 0
देवरिया PWD विभाग में फर्जी बिल घोटाला:चार अधिकारियों पर कार्रवाई, 4.27 करोड़ के फर्जी आगणन का मामला
देवरिया जिले के लोक निर्माण विभाग (PWD) में करोड़ों रुपये के फर्जी बिल घोटाले का मामला सामने आया है। पथरदेवा में 17 जून 2021 को उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य और कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही के कार्यक्रम के नाम पर स्विस कॉटेज, बैरिकेडिंग, मंच और पंडाल लगाने का खर्च दिखाकर सरकारी धन का दुरुपयोग किया गया। जांच में पता चला कि निर्माण खंड, देवरिया के तत्कालीन अधिकारियों ने 4.27 करोड़ रुपये का त्रुटिपूर्ण और फर्जी आगणन तैयार किया। उन्होंने उच्च स्तर से इसकी स्वीकृति भी प्राप्त कर ली। इसके बाद फर्जी सप्लाई ऑर्डर बनाकर एक करोड़ रुपये के DCL की मांग की गई। मामला सामने आने के बाद शासन ने इसे भ्रष्टाचार मानते हुए चार अधिकारियों पर कार्रवाई की है। इनमें कमल किशोर (तत्कालीन अधिशासी अभियंता, निर्माण खंड, देवरिया) जो वर्तमान में निलंबित हैं, अनिल कुमार जाटव (तत्कालीन अधिशासी अभियंता, निर्माण खंड, देवरिया) जो वर्तमान में प्रांतीय खंड, देवरिया में हैं, अनूप सिंह (अवर अभियंता, निर्माण खंड, देवरिया) और साहब हुसैन (अवर अभियंता, निर्माण खंड, देवरिया) शामिल हैं। विभाग की साख को नुकसान पहुंचा है इन सभी के खिलाफ उत्तर प्रदेश सरकारी सेवक (अनुशासन एवं अपील) नियमावली, 1999 के तहत नियम-7 के अंतर्गत अनुशासनिक कार्रवाई शुरू कर दी गई है। जांच में यह साबित हुआ कि यह योजनाबद्ध भ्रष्टाचार है। इससे विभाग की साख को नुकसान पहुंचा है और शासन की छवि भी प्रभावित हुई है। शासन ने मामले में जांच अधिकारी और प्रस्तुतकर्ता अधिकारी की नियुक्ति कर दी है। वे सभी तथ्यों की पड़ताल कर दोषियों पर आगे की कार्रवाई तय करेंगे। यह मामला सरकारी आयोजनों में होने वाले खर्च की पारदर्शिता और जवाबदेही के सवाल उठाता है।

What's Your Reaction?

like

dislike

love

funny

angry

sad

wow