पीलीभीत के नेहरू पार्क में बारिश से गिरी रेलिंग:1.31 करोड़ की लागत से बने वाटर पार्क की घटिया निर्माण सामग्री का खुलासा

पीलीभीत शहर के केंद्र में स्थित नेहरू पार्क में 1 करोड़ 31 लाख रुपए की लागत से किए गए सौंदर्यीकरण और वाटर पार्क का निर्माण कार्य विवादों में है। हैंडओवर से पहले ही बारिश ने पार्क की निर्माण गुणवत्ता की पोल खोल दी है। बारिश के दौरान वाटर पार्क की रेलिंग और दीवार गिर गई। नेहरू पार्क का सौंदर्यीकरण कार्य शुरू से ही विवादास्पद रहा है। टेंडर प्रक्रिया पर सवाल उठे थे। निर्माण के दौरान भी शहरवासियों ने गुणवत्ता पर आपत्ति जताई थी। पार्क का निर्माण नगर पालिका की देखरेख में हो रहा था। इसके बावजूद मानकों की अनदेखी और घटिया सामग्री के उपयोग के आरोप लगते रहे। बारिश से गिरी रेलिंग और दीवार से स्पष्ट है कि निर्माण में मानकों का पालन नहीं किया गया। पार्क में जगह-जगह पानी भरने से जल निकासी व्यवस्था की कमियां भी सामने आई हैं। स्थानीय लोगों का कहना है कि अगर हैंडओवर से पहले ही निर्माण टूटने लगे तो भविष्य में पार्क की स्थिति और खराब हो सकती है। अधिकारियों और ठेकेदार पर कार्रवाई की मांग की प्रदेश सरकार में राज्यमंत्री संजय गंगवार के नगर पालिका प्रतिनिधि राकेश सिंह ने अधिकारियों से इसकी शिकायत की है। उन्होंने कहा कि इतनी बड़ी राशि खर्च होने के बावजूद काम की गुणवत्ता संतोषजनक नहीं है। उन्होंने जिम्मेदार अधिकारियों और ठेकेदार पर कार्रवाई की मांग की है। उन्होंने यह भी कहा कि सौभाग्य से घटना के समय पार्क में कोई मौजूद नहीं था, अन्यथा जानमाल का नुकसान हो सकता था। नेहरू पार्क शहरवासियों के लिए एक प्रमुख स्थल है। यहां लोग परिवार के साथ घूमने आते हैं। वाटर पार्क जैसी सुविधाओं की शुरुआत अच्छी पहल थी। लेकिन निर्माण गुणवत्ता पर ध्यान न देने से करोड़ों का यह प्रोजेक्ट जल्द ही बेकार हो सकता है। नगर पालिका प्रशासन ने मौके का निरीक्षण कर रिपोर्ट तैयार करने का आश्वासन दिया है।

Aug 6, 2025 - 14:44
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पीलीभीत के नेहरू पार्क में बारिश से गिरी रेलिंग:1.31 करोड़ की लागत से बने वाटर पार्क की घटिया निर्माण सामग्री का खुलासा
पीलीभीत शहर के केंद्र में स्थित नेहरू पार्क में 1 करोड़ 31 लाख रुपए की लागत से किए गए सौंदर्यीकरण और वाटर पार्क का निर्माण कार्य विवादों में है। हैंडओवर से पहले ही बारिश ने पार्क की निर्माण गुणवत्ता की पोल खोल दी है। बारिश के दौरान वाटर पार्क की रेलिंग और दीवार गिर गई। नेहरू पार्क का सौंदर्यीकरण कार्य शुरू से ही विवादास्पद रहा है। टेंडर प्रक्रिया पर सवाल उठे थे। निर्माण के दौरान भी शहरवासियों ने गुणवत्ता पर आपत्ति जताई थी। पार्क का निर्माण नगर पालिका की देखरेख में हो रहा था। इसके बावजूद मानकों की अनदेखी और घटिया सामग्री के उपयोग के आरोप लगते रहे। बारिश से गिरी रेलिंग और दीवार से स्पष्ट है कि निर्माण में मानकों का पालन नहीं किया गया। पार्क में जगह-जगह पानी भरने से जल निकासी व्यवस्था की कमियां भी सामने आई हैं। स्थानीय लोगों का कहना है कि अगर हैंडओवर से पहले ही निर्माण टूटने लगे तो भविष्य में पार्क की स्थिति और खराब हो सकती है। अधिकारियों और ठेकेदार पर कार्रवाई की मांग की प्रदेश सरकार में राज्यमंत्री संजय गंगवार के नगर पालिका प्रतिनिधि राकेश सिंह ने अधिकारियों से इसकी शिकायत की है। उन्होंने कहा कि इतनी बड़ी राशि खर्च होने के बावजूद काम की गुणवत्ता संतोषजनक नहीं है। उन्होंने जिम्मेदार अधिकारियों और ठेकेदार पर कार्रवाई की मांग की है। उन्होंने यह भी कहा कि सौभाग्य से घटना के समय पार्क में कोई मौजूद नहीं था, अन्यथा जानमाल का नुकसान हो सकता था। नेहरू पार्क शहरवासियों के लिए एक प्रमुख स्थल है। यहां लोग परिवार के साथ घूमने आते हैं। वाटर पार्क जैसी सुविधाओं की शुरुआत अच्छी पहल थी। लेकिन निर्माण गुणवत्ता पर ध्यान न देने से करोड़ों का यह प्रोजेक्ट जल्द ही बेकार हो सकता है। नगर पालिका प्रशासन ने मौके का निरीक्षण कर रिपोर्ट तैयार करने का आश्वासन दिया है।

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