पानी आने से हाईवे बंद:बिजनौर में कई नदियां उफान पर, दिल्ली-पौड़ी हाईवे पर डेढ़ से 3 फीट पानी
उत्तराखंड के पहाड़ी क्षेत्र में हो रही भारी बारिश के कारण बिजनौर जिले की कई नदियां उफान पर हैं। इससे जिले के कई इलाकों में बाढ़ जैसे हालात बन गए हैं। मालन नदी का तटबंध टूटने से करीब दो दर्जन गांवों में पानी घुस गया है। दिल्ली-पौड़ी हाईवे पर पानी आने से रोड को वाहनों के लिए बिल्कुल बंद कर दिया गया है। नहटौर क्षेत्र में गागन नदी का तटबंध भी टूट गया है। इससे नहटौर इलाके में भी पानी भर गया है। धामपुर से नहटौर रोड को यातायात के लिए बंद कर दिया गया है। प्रशासन अलर्ट मोड पर है। पिछले कई दिन से उत्तराखंड के पहाड़ी इलाकों और बिजनौर में बारिश हो रही थी। इसके चलते जिले की गंगा, मालन, सोनाली, गागन सहित करीब आधा दर्जन से ज्यादा नदियां उफान पर हैं। गंगा का जलस्तर लगातार उतार-चढ़ाव पर है। कल देर शाम को जहां तीन लाख 88 हज़ार क्यूसेक से अधिक था, वहीं सुबह यह घटकर दो लाख 86 हज़ार क्यूसेक पर पहुंच गया। दिल्ली-पौड़ी नेशनल हाईवे 34 पर बंगाली कालोनी के पास हाइवे पर पानी आने से हाईवे को पूरी तरह आवागमन के लिए बंद कर दिया गया है। हाईवे पर डेढ़ से 3 फीट तक पानी चल रहा है। कुछ जगहों पर सड़क साइड से कट भी गई है। इससे इस रोड पर चलने पर खतरा पैदा हो गया है। इसके चलते गुरुवार को सुबह 6 बजे पुलिस ने रोड को बंद कर दिया है। इस कारण दिल्ली का बिजनौर से संपर्क कट गया है। हजारों वाहन दोनों तरफ फंसे हुए हैं। पुलिस प्रशासन ने गुरुवार सुबह 6:00 बजे से हाईवे पर वाहनों का आवागमन पूरी तरह से बंद कर दिया है। धामपुर-नहटौर रोड भी बंद हो गई है। दोनों तटबंधों की मरम्मत के लिए प्रशासन, सिंचाई विभाग और अन्य विभागों के अधिकारी मौके पर पहुंच गए हैं। वे लगातार तटबंधों की मरम्मत के प्रयास कर रहे हैं। जलस्तर भले ही कुछ कम हो रहा है, लेकिन लोगों की समस्याएं अभी भी बरकरार हैं। लोगों को अब खाने-पीने और आने-जाने की भी दिक्कत हो रही है। सबसे ज्यादा परेशानी पशुओं को हो रही है पशुओं को चारा भी नहीं मिल रहा है।वहीं टीएसआई नितिन मलिक का कहना है कि हाईवे पर पानी आने की वजह से सुबह 6:00 बजे बैराज रोड से वाहनों का आगमन बंद कर दिया गया है।उधर से लेकर डीएम जसजीत कौर का कहना है कि जिला प्रशासन अलर्ट मोड पर है। सिंचाई विभाग और राजस्व विभाग सहित अन्य विभाग की टीम लगातार राहत और बचाव कार्य में जुटी हुई हैं। तटबंध की मरम्मत का काम भी किया जा रहा है।

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