गोरखपुर में तेंदुए का खौफ:मोहनापुर में घर में दुबके बच्चे, ऑर्डर मंगाने पर रात में नहीं आते डिलीवरी ब्वॉय
गांव की गलियां सूनी हैं। शाम होते ही दरवाजे बंद हो जाते हैं, खिड़कियों के पर्दे खींच दिए जाते हैं… और फिर शुरू होता है इंतजार अगले उजाले का। गोरखपुर के मोहनापुर इलाके में बीते 8 दिनों से तेंदुए का साया ऐसा मंडरा रहा है कि घर के छोटे-छोटे बच्चे अब हंसी-ठिठोली नहीं, डर के साए में सांस ले रहे हैं। 9 साल का समर्थ, जो पहले स्कूल से आकर गली में दौड़ने निकलता था, अब खिड़की से बाहर झांककर बस इतना पूछता है “मम्मी, तेंदुआ क्या होता है?” फिर थोड़ी देर बाद, “बाहर खेलने चलूं?” मां की आंखों में डर साफ दिखता है। वो जवाब नहीं देती, बस पास बिठाकर कहती है- “अब मत पूछो बेटा…” बचपन की हंसी अब ताले में बंद है शाम के 6 बजते ही घरों के गेट बंद कर दिए जाते हैं। कुछ घरों में अब तक गेट नहीं लगे, तो वहां चारपाई और तख्त लगाकर रास्ता रोका जा रहा है। बच्चे घर के भीतर खेलते-खेलते दरवाजे की दरारों से बाहर झांकते हैं। सड़क पर साइकिल चलाना, पास कि दुकान तक जाना अब बच्चों के लिए जोखिम जैसा लगता है। 10 साल का साक्षम कहता है “बहुत दिन से खेलने नहीं गए। मम्मी कहती हैं बाहर तेंदुआ है, हम डरते हैं…” दीवारों के पीछे से झांकता है बचपन मोहनापुर के बच्चे अब बाहर नहीं दौड़ते। वो अब दीवारों के पीछे से देखते हैं, खिड़कियों की सलाखों से ताकते हैं… और पूछते हैं “मम्मी, तेंदुआ चला गया क्या?” मां कुछ नहीं कहती… क्योंकि जवाब सिर्फ वक्त ही देगा। हर आहट अब खतरे जैसी लगती है बच्चों की निगाहें जहां मासूमियत लिए बाहर ताकती हैं, वहीं मां-बाप की आंखों में अब सिर्फ चिंता है। हर हल्की सी आहट, दूर कहीं कुत्तों के भौंकने की आवाज सब कुछ उन्हें चौकन्ना कर देता है। कई घरों में अब रात को बत्ती बुझाने के बाद भी कोई न कोई जागता रहता है केवल ये देखने के लिए कि कहीं तेंदुआ फिर से न दिख जाए। Blinkit स्टोर में भी डर मोहनापुर में हाल ही में खुला Blinkit का स्टोर पहले चौबीसों घंटे चलता था। अब रात 10 बजे के बाद बंद हो जाता है। डिलीवरी ब्वॉय दानिश अंसारी ने बताते हैं कि डर तो सच में लगता है। जब अंधेरा हो जाता है तो यही दुआ करते हैं कि उस दिशा से ऑर्डर न आए, जहां तेंदुआ देखा गया था। गांव में अब हर काम सूरज ढलने से पहले निपटा लेने की होड़ सी है। डर से डिलीवरी बॉय ने आने से किया इनकार इलाके में तेंदुए की दहशत इस कदर बढ़ गई है कि अब ऑनलाइन डिलीवरी सेवाएं भी प्रभावित होने लगी हैं। यहां रहने वाले मोहित यादव ने बताया कि उन्होंने एक दिन जोमैटो से खाना मंगवाया, लेकिन जब डिलीवरी बॉय को पता चला कि ऑर्डर मोहनापुर पहुंचाना है, तो उसने तेंदुए के डर से वहां आने से साफ इनकार कर दिया। मोहित कहते हैं कि अब हालात ऐसे हो गए हैं कि जरूरी सामान तक मंगवाने में डरने लगे हैं। वन विभाग ने इलाके में 5 कैमरे, 3 पिंजरे और ड्रोन से निगरानी शुरू की है। हर शाम पिंजरे में बकरी रखी जाती है। उम्मीद के साथ कि तेंदुआ फंस जाएगा। DFO विकास यादव ने बताया कि 10 से 15 किलोमीटर के दायरे में सर्च ऑपरेशन जारी है। हर संभव कोशिश हो रही है। अब तक नहीं पकड़ा गया तेंदुआ मोहानपुर इलाके में तेंदुआ पहली बार 29 जुलाई की सुबह सामने आया, जब एक महिला पर हमला हुआ और घटना के बाद CCTV फुटेज में रात करीब 3:59 बजे तेंदुआ कॉलोनी में घूमता दिखा। इसके बाद 31 जुलाई, 1 और 2 अगस्त को भी अलग-अलग जगहों पर उसकी गतिविधियां कैमरे में कैद हुईं। अब तक तेंदुआ एक महिला पर ही हमला कर चुका है। करीब आठ दिन बीत चुके हैं, लेकिन तेंदुआ अब तक पकड़ में नहीं आया है।

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