मदरसे को नवीन परती भूमि से बेदखली का आदेश:तहसीलदार कोर्ट ने सुनाया बड़ा फैसला, लाखों की वसूली के आदेश

श्रावस्ती जिले के बनगई बाजार स्थित मदरसा अनवारूल उलूम को लेकर तहसीलदार कोर्ट ने कड़ा रुख अपनाया है। कोर्ट ने मदरसे को ग्राम समाज की नवीन परती भूमि से बेदखल करने का आदेश दिया है। साथ ही प्रबंधक मेराज अहमद से 3.84 लाख रुपये की क्षतिपूर्ति और 10 हजार रुपये निष्पादन व्यय वसूलने के निर्देश भी दिए गए हैं। दो गाटा से हटाया गया कब्जा कोर्ट के आदेशानुसार मदरसा प्रबंधक को गाटा संख्या 1039 (0.0670 हेक्टेयर) और गाटा संख्या 1041 (0.1620 हेक्टेयर) की जमीन से हटाया गया है। यह दोनों भूखंड ग्राम समाज की नवीन परती भूमि श्रेणी में आते हैं। हाईकोर्ट से मिली थी अस्थायी राहत गौरतलब है कि इस मदरसे को 27 अप्रैल को प्रशासन ने सील कर दिया था। इसके बाद प्रबंधक ने हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की और दावा किया कि उनके पास 20 अप्रैल 1974 को जारी स्थायी मान्यता है। हाईकोर्ट ने 14 मई को सीलिंग हटाने का आदेश दिया था, जिसके बाद 28 मई को प्रशासन ने सील हटा दी थी। प्रशासनिक जांच में सामने आया कि मदरसे की भूमि के लिए कोई वैध आवंटन नहीं कराया गया था। इसके अलावा भूमि स्वामित्व से संबंधित कोई वैध दस्तावेज भी नहीं मिले। जिले में 192 मदरसे बिना मान्यता के श्रावस्ती जिले में कुल 297 मदरसे संचालित हो रहे हैं, जिनमें से केवल 105 को ही मान्यता प्राप्त है। शेष 192 मदरसे बिना मान्यता के चल रहे हैं। प्रशासन ने हाल ही में भिनगा, इकौना और जमुनहा क्षेत्रों में भी अवैध मदरसों के खिलाफ कार्रवाई की है।

Jun 5, 2025 - 05:01
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मदरसे को नवीन परती भूमि से बेदखली का आदेश:तहसीलदार कोर्ट ने सुनाया बड़ा फैसला, लाखों की वसूली के आदेश
श्रावस्ती जिले के बनगई बाजार स्थित मदरसा अनवारूल उलूम को लेकर तहसीलदार कोर्ट ने कड़ा रुख अपनाया है। कोर्ट ने मदरसे को ग्राम समाज की नवीन परती भूमि से बेदखल करने का आदेश दिया है। साथ ही प्रबंधक मेराज अहमद से 3.84 लाख रुपये की क्षतिपूर्ति और 10 हजार रुपये निष्पादन व्यय वसूलने के निर्देश भी दिए गए हैं। दो गाटा से हटाया गया कब्जा कोर्ट के आदेशानुसार मदरसा प्रबंधक को गाटा संख्या 1039 (0.0670 हेक्टेयर) और गाटा संख्या 1041 (0.1620 हेक्टेयर) की जमीन से हटाया गया है। यह दोनों भूखंड ग्राम समाज की नवीन परती भूमि श्रेणी में आते हैं। हाईकोर्ट से मिली थी अस्थायी राहत गौरतलब है कि इस मदरसे को 27 अप्रैल को प्रशासन ने सील कर दिया था। इसके बाद प्रबंधक ने हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की और दावा किया कि उनके पास 20 अप्रैल 1974 को जारी स्थायी मान्यता है। हाईकोर्ट ने 14 मई को सीलिंग हटाने का आदेश दिया था, जिसके बाद 28 मई को प्रशासन ने सील हटा दी थी। प्रशासनिक जांच में सामने आया कि मदरसे की भूमि के लिए कोई वैध आवंटन नहीं कराया गया था। इसके अलावा भूमि स्वामित्व से संबंधित कोई वैध दस्तावेज भी नहीं मिले। जिले में 192 मदरसे बिना मान्यता के श्रावस्ती जिले में कुल 297 मदरसे संचालित हो रहे हैं, जिनमें से केवल 105 को ही मान्यता प्राप्त है। शेष 192 मदरसे बिना मान्यता के चल रहे हैं। प्रशासन ने हाल ही में भिनगा, इकौना और जमुनहा क्षेत्रों में भी अवैध मदरसों के खिलाफ कार्रवाई की है।

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