पॉक्सो मामले में आरोपी को 20 साल की सजा:किशोरी से दुष्कर्म के मामले में कोर्ट ने लगाया 20 हजार का अर्थदंड

देवरिया जिले के लार थाना क्षेत्र में एक किशोरी के साथ दुष्कर्म के मामले में न्यायालय ने आरोपी को 20 वर्ष की सजा और 20,000 रुपये का अर्थदंड सुनाया है। यह घटना वर्ष 2020 की है जब लार थाना क्षेत्र के एक गांव में एक युवक ने किशोरी के साथ दुष्कर्म किया था। इस मामले में पुलिस ने धनंजय वर्मा उर्फ धन्नू वर्मा को गिरफ्तार किया था। आरोपी धनंजय सलाहाबाद वार्ड नंबर 06, थाना सलेमपुर, जनपद देवरिया का निवासी है। पुलिस ने मामले को गंभीरता से लेते हुए धारा 363/376 भारतीय दंड संहिता और पॉक्सो एक्ट की धारा 3/4 के तहत मुकदमा दर्ज किया था। लंबी सुनवाई के बाद 31 जुलाई 2025 को न्यायालय ने अपना फैसला सुनाया। विशेष लोक अभियोजक सच्चिदानंद राय ने बताया कि घटना के पांच वर्ष के अंदर सजा सुनाई गई है। उन्होंने कहा कि लार पुलिस ने विवेचना के साथ गवाहों को प्रभावी ढंग से पेश किया। दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद कोर्ट ने यह फैसला दिया। पुलिस और अभियोजन पक्ष की प्रभावी पैरवी के कारण आरोपी को कड़ी सजा मिली है। यह फैसला समाज में एक संदेश देता है कि ऐसे अपराधों के खिलाफ कानून सख्त कार्रवाई करता है।

Aug 1, 2025 - 03:58
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पॉक्सो मामले में आरोपी को 20 साल की सजा:किशोरी से दुष्कर्म के मामले में कोर्ट ने लगाया 20 हजार का अर्थदंड
देवरिया जिले के लार थाना क्षेत्र में एक किशोरी के साथ दुष्कर्म के मामले में न्यायालय ने आरोपी को 20 वर्ष की सजा और 20,000 रुपये का अर्थदंड सुनाया है। यह घटना वर्ष 2020 की है जब लार थाना क्षेत्र के एक गांव में एक युवक ने किशोरी के साथ दुष्कर्म किया था। इस मामले में पुलिस ने धनंजय वर्मा उर्फ धन्नू वर्मा को गिरफ्तार किया था। आरोपी धनंजय सलाहाबाद वार्ड नंबर 06, थाना सलेमपुर, जनपद देवरिया का निवासी है। पुलिस ने मामले को गंभीरता से लेते हुए धारा 363/376 भारतीय दंड संहिता और पॉक्सो एक्ट की धारा 3/4 के तहत मुकदमा दर्ज किया था। लंबी सुनवाई के बाद 31 जुलाई 2025 को न्यायालय ने अपना फैसला सुनाया। विशेष लोक अभियोजक सच्चिदानंद राय ने बताया कि घटना के पांच वर्ष के अंदर सजा सुनाई गई है। उन्होंने कहा कि लार पुलिस ने विवेचना के साथ गवाहों को प्रभावी ढंग से पेश किया। दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद कोर्ट ने यह फैसला दिया। पुलिस और अभियोजन पक्ष की प्रभावी पैरवी के कारण आरोपी को कड़ी सजा मिली है। यह फैसला समाज में एक संदेश देता है कि ऐसे अपराधों के खिलाफ कानून सख्त कार्रवाई करता है।

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