लखनऊ में बारिश के बाद बढ़ा गोमती नदी का जलस्तर:नदी में दूषित झाग का पानी, प्रदूषण खतरे की आशंका बढ़ी

लखनऊ इन दिनों लगातार हो रही मूसलधार बारिश की चपेट में है। बीते 50 घंटे से रुक-रुक कर हो रही भारी बारिश ने जहां शहर की सड़कों और मोहल्लों को पानी से लबालब कर दिया है, वहीं गोमती नदी का जलस्तर भी बढ़ गया है। हालात की गंभीरता को देखते हुए सिंचाई विभाग ने गऊ घाट पर पानी को स्टोर करना शुरू कर दिया है, ताकि अचानक बहाव से कोई दिक्कत नहीं हो। जलभराव से जूझता लखनऊ बारिश का असर सबसे ज्यादा गोमतीनगर, चिनहट, इंदिरानगर, अलीगंज, फैजुल्लागंज और मलिहाबाद जैसे इलाकों में देखा गया, जहां जलभराव के कारण लोगों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा। कई घरों और दुकानों में पानी घुस गया, जिससे सामान खराब हो गया और लोगों को बिजली कटौती जैसी परेशानियों का भी सामना करना पड़ा। गोमती नदी में गंदगी और झाग की परत भारी बारिश के चलते शहर के अनेक पुराने और अस्थायी नालों से गंदा और अपशिष्ट जल सीधे गोमती नदी में गिर रहा है। इसके कारण नदी के किनारे झाग (फोम) की परतें दिखाई देने लगी हैं, जो नदी के प्रदूषित होने का संकेत है। यह स्थिति न केवल एक पर्यावरणीय संकट को जन्म दे रही है, बल्कि जल जनित रोगों के फैलने की भी आशंका को बढ़ा रही है। विशेषज्ञों के अनुसार, इस झाग का मुख्य कारण नालों का सीधा प्रवाह, बंद पड़े एसटीपी (सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट), और औद्योगिक कचरे का नदी में गिरना है। पिछले कुछ वर्षों में गोमती को साफ करने के लिए कई योजनाएं बनीं, लेकिन जमीनी स्तर पर इनका असर न के बराबर रहा है। सिंचाई विभाग की तैयारियाँ और बैराज संचालन सिंचाई विभाग के अफसरों ने बताया कि जलस्तर को नियंत्रित करने के लिए गोमती बैराज के गेट आवश्यकता अनुसार खोले जा रहे हैं। विभाग ने गऊ घाट जैसे संवेदनशील क्षेत्रों में पानी को अस्थायी रूप से रोका है ताकि निचले इलाकों में बाढ़ की स्थिति न बने।

Aug 4, 2025 - 12:41
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लखनऊ में बारिश के बाद बढ़ा गोमती नदी का जलस्तर:नदी में दूषित झाग का पानी, प्रदूषण खतरे की आशंका बढ़ी
लखनऊ इन दिनों लगातार हो रही मूसलधार बारिश की चपेट में है। बीते 50 घंटे से रुक-रुक कर हो रही भारी बारिश ने जहां शहर की सड़कों और मोहल्लों को पानी से लबालब कर दिया है, वहीं गोमती नदी का जलस्तर भी बढ़ गया है। हालात की गंभीरता को देखते हुए सिंचाई विभाग ने गऊ घाट पर पानी को स्टोर करना शुरू कर दिया है, ताकि अचानक बहाव से कोई दिक्कत नहीं हो। जलभराव से जूझता लखनऊ बारिश का असर सबसे ज्यादा गोमतीनगर, चिनहट, इंदिरानगर, अलीगंज, फैजुल्लागंज और मलिहाबाद जैसे इलाकों में देखा गया, जहां जलभराव के कारण लोगों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा। कई घरों और दुकानों में पानी घुस गया, जिससे सामान खराब हो गया और लोगों को बिजली कटौती जैसी परेशानियों का भी सामना करना पड़ा। गोमती नदी में गंदगी और झाग की परत भारी बारिश के चलते शहर के अनेक पुराने और अस्थायी नालों से गंदा और अपशिष्ट जल सीधे गोमती नदी में गिर रहा है। इसके कारण नदी के किनारे झाग (फोम) की परतें दिखाई देने लगी हैं, जो नदी के प्रदूषित होने का संकेत है। यह स्थिति न केवल एक पर्यावरणीय संकट को जन्म दे रही है, बल्कि जल जनित रोगों के फैलने की भी आशंका को बढ़ा रही है। विशेषज्ञों के अनुसार, इस झाग का मुख्य कारण नालों का सीधा प्रवाह, बंद पड़े एसटीपी (सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट), और औद्योगिक कचरे का नदी में गिरना है। पिछले कुछ वर्षों में गोमती को साफ करने के लिए कई योजनाएं बनीं, लेकिन जमीनी स्तर पर इनका असर न के बराबर रहा है। सिंचाई विभाग की तैयारियाँ और बैराज संचालन सिंचाई विभाग के अफसरों ने बताया कि जलस्तर को नियंत्रित करने के लिए गोमती बैराज के गेट आवश्यकता अनुसार खोले जा रहे हैं। विभाग ने गऊ घाट जैसे संवेदनशील क्षेत्रों में पानी को अस्थायी रूप से रोका है ताकि निचले इलाकों में बाढ़ की स्थिति न बने।

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