किसानों की अधिग्रहित भूमि का मुआवजा मामला:मऊ में हिंदू जागरण समिति का प्रदर्शन, 4000 रुपए/ वर्ग मीटर की दर से भुगतान की मांग

मऊ जिले में वाराणसी से गोरखपुर जाने वाले भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग के लिए अधिग्रहित भूमि के मुआवजे में अनियमितता के मामले को लेकर हिंदू जागरण समिति ने कलेक्ट्रेट परिसर में प्रदर्शन किया। समिति ने सिटी मजिस्ट्रेट के माध्यम से केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी और भारत सरकार को ज्ञापन सौंपा। मामला घोसी तहसील क्षेत्र के मौजा चक फैजुल्ला की भूमि से जुड़ा है। यहां 1956 के अधिनियम के तहत सूचना जारी की गई थी और 2015 में भूमि अधिग्रहित की गई थी। भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचआई) द्वारा निर्धारित मुआवजे से असंतुष्ट किसानों ने जिलाधिकारी मऊ के यहां एक प्रकीर्ण वाद दाखिल किया था। न्यायालय कलेक्टर मजिस्ट्रेट जनपद मऊ ने वार्ड संख्या को ध्यान में रखते हुए भूमि का मुआवजा ₹4000 प्रति वर्ग मीटर के हिसाब से निर्धारित किया था। इस आदेश के विरुद्ध एनएचआई ने अपर जिला अधिकारी न्यायाधीश के कोर्ट में अपील दाखिल की। जिला जज ने इस अपील को खारिज कर दिया। इसके बाद एनएचआई ने हाई कोर्ट में अपील की। हाई कोर्ट ने एनएचआई को ₹1000 प्रति वर्ग मीटर अतिरिक्त धनराशि जमा करने के बाद जिला न्यायाधीश को दोबारा प्रकीर्ण वाद सुनने का आदेश दिया। एनएचआई ने 12 अगस्त 2024 को जिला न्यायाधीश के यहां पुनः प्रकीर्ण वाद दाखिल किया। जिला न्यायाधीश ने 3 जुलाई 2025 को इसे भी निरस्त कर दिया। हिंदू जागरण समिति ने अपने ज्ञापन में मांग की है कि जिलाधिकारी मऊ द्वारा 28 मई 2020 को जारी आदेश के अनुसार किसानों को ₹4000 प्रति वर्ग मीटर की दर से मुआवजा दिया जाए।

Aug 5, 2025 - 16:37
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किसानों की अधिग्रहित भूमि का मुआवजा मामला:मऊ में हिंदू जागरण समिति का प्रदर्शन, 4000 रुपए/ वर्ग मीटर की दर से भुगतान की मांग
मऊ जिले में वाराणसी से गोरखपुर जाने वाले भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग के लिए अधिग्रहित भूमि के मुआवजे में अनियमितता के मामले को लेकर हिंदू जागरण समिति ने कलेक्ट्रेट परिसर में प्रदर्शन किया। समिति ने सिटी मजिस्ट्रेट के माध्यम से केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी और भारत सरकार को ज्ञापन सौंपा। मामला घोसी तहसील क्षेत्र के मौजा चक फैजुल्ला की भूमि से जुड़ा है। यहां 1956 के अधिनियम के तहत सूचना जारी की गई थी और 2015 में भूमि अधिग्रहित की गई थी। भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचआई) द्वारा निर्धारित मुआवजे से असंतुष्ट किसानों ने जिलाधिकारी मऊ के यहां एक प्रकीर्ण वाद दाखिल किया था। न्यायालय कलेक्टर मजिस्ट्रेट जनपद मऊ ने वार्ड संख्या को ध्यान में रखते हुए भूमि का मुआवजा ₹4000 प्रति वर्ग मीटर के हिसाब से निर्धारित किया था। इस आदेश के विरुद्ध एनएचआई ने अपर जिला अधिकारी न्यायाधीश के कोर्ट में अपील दाखिल की। जिला जज ने इस अपील को खारिज कर दिया। इसके बाद एनएचआई ने हाई कोर्ट में अपील की। हाई कोर्ट ने एनएचआई को ₹1000 प्रति वर्ग मीटर अतिरिक्त धनराशि जमा करने के बाद जिला न्यायाधीश को दोबारा प्रकीर्ण वाद सुनने का आदेश दिया। एनएचआई ने 12 अगस्त 2024 को जिला न्यायाधीश के यहां पुनः प्रकीर्ण वाद दाखिल किया। जिला न्यायाधीश ने 3 जुलाई 2025 को इसे भी निरस्त कर दिया। हिंदू जागरण समिति ने अपने ज्ञापन में मांग की है कि जिलाधिकारी मऊ द्वारा 28 मई 2020 को जारी आदेश के अनुसार किसानों को ₹4000 प्रति वर्ग मीटर की दर से मुआवजा दिया जाए।

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