बाढ़ पीड़ितों को इस बार कच्चा चना भी मिलेगा:गुड़ की जगह चीनी, जरकीन की जगह ढक्कनदार बाल्टी दी जाएगी
गोरखपुर में नदियों का जलस्तर बढ़ रहा है लेकिन अभी बाढ़ के हालात नहीं हैं। माना जा रहा है कि एक से दो दिन में गोला तहसील में ऐसी स्थिति आ सकती है। इसे देखते हुए प्रशासन की ओर से बाढ़ पीड़ितों की सुविधा के लिए इंतजाम किए गए हैं। इस बार राहत किट और बड़ा होगा। अब तक पीड़ितों को केवल भूना हुआ चना दिया जाता था लेकिन अब कच्चा चना भी दिया जाएगा। उसका अपने हिसाब से वे प्रयोग कर सकेंगे। राहत किट में इस बार गुड़ को स्थान नहीं मिला है। गुड़ पसीज जाता था इसलिए उसकी जगह 1 किलो चीनी दी जाएगी। पानी रखने के लिए जरकीन ( डिब्बा) दिया जाता था लेकिन इस साल ढक्करदार बालटी दी जाएगी। इसमें 18 लीटर पानी आ सकेगा। बाढ़ के पानी से घिरने के बाद शुरू होगा वितरण गोरखपुर में अभी कोई गांव बाढ़ के पानी से नहीं घिरा है। अभी तक कोई रास्ता भी बंद नहीं हुआ है। लेकिन सरयू नदी खतरे के निशान पर जल्द ही पहुंच सकती है। राप्ती नदी भी बढ़ रही है। पटना घाट के पास दोनों नदियों के मिलने पर वहां 18 से 20 गांव इससे प्रभावित हो सकते हैं। नदियों के बढ़ने की गति यही रही तो एक से दो दिन में ये गांव पानी से घिर जाएंगे। उसके बाद यहां राहत किट वितरण एवं अन्य सुविधाओं की जरूरत होगी। बड़ा होगा राहत किट इस बार राहत किट बड़ा होने वाला है। लगभग 3400 रुपये में एक किट की खरीदारी होगी। पहले केवल राहत सामग्री होती थी लेकिन अलग से वितरित होने वाली डिग्निटी किट को भी इसमें शामिल कर लिया गया है। डिग्निटी किट में सैनिटरी नैपकीन, कपड़े धोने का साबुन, तौलिया, सूती कपड़ा आदि शामिल होता है। इस बार इसमें 100 मिलीलीटर का डिटॉल या सैवलान जोड़ा गया है। 250 नावें तैयार, नाविकों को एलर्ट पर रखा गया आने वाले समय में बाढ़ की स्थिति को देखते हुए जिला प्रशासन ने नाविकों को तैयार रहने को कहा है। यहां 250 मझोली व बड़ी नावें तैयार हैं। जैसे ही गांव घिरेंगे, लोगों की सुविधा के लिए नाव लगा दी जाएगी। सबसे पहले इसकी जरूरत गोला तहसील में पड़ सकती है। यहां के बड़हलगंज ब्लाक के लगभग डेढ़ दर्जन गांव इससे प्रभावित हो सकते हैं।

What's Your Reaction?






