"मैं मलखान सिंह पुत्र आसाराम अभी जिंदा हूं":हाथ में पंपलेट लेकर डीएम ऑफिस पहुंचा बुजुर्ग, कार्रवाई की मांग की

उत्तर प्रदेश के शामली में एक अजीबो गरीब मामला सामने आया है। बाबरी गांव के 72 वर्षीय मलखान सिंह हाथों में "मैं अभी जिंदा हूं" लिखा पैंपलेट लेकर कलेक्ट्रेट पहुंचे। उन्होंने जिलाधिकारी अरविंद कुमार चौहान को शिकायती पत्र सौंपते हुए बताया कि उन्हें सिस्टम में मृत दिखाया गया है। वृद्धा पेंशन शुरू करवाने की भी मांग की मलखान सिंह को इस बात का पता तब चला जब वे अपनी वृद्धा पेंशन लेने बैंक गए थे। बैंक कर्मचारियों ने उन्हें बताया कि रिकॉर्ड में उन्हें मृत दिखाया गया है। जिसके कारण उनकी पेंशन रोक दी गई है। मंगलवार को कलेक्ट्रेट पहुंचे मलखान ने अपने पैंपलेट पर लिखा था, "श्री मान जी, मैं मलखान सिंह पुत्र आसाराम अभी जिंदा हूं।" उन्होंने जिलाधिकारी से अपने जीवित होने का प्रमाण देते हुए उन लोगों पर कानूनी कार्रवाई करने की मांग की है। जिन्होंने उन्हें गलत तरीके से मृत घोषित किया। शामली में सिस्टम की लापरवाही के कारण ऐसे मामले अक्सर सामने आते रहते हैं। इस तरह की गलतियों का खामियाजा आम लोगों को भुगतना पड़ता है। मलखान सिंह पिछले कुछ समय से सरकारी दफ्तरों के चक्कर काट रहे हैं, लेकिन अभी तक उनकी समस्या का समाधान नहीं हुआ है। बुजुर्ग ने जिलाधिकारी से अपनी वृद्धा पेंशन शुरू करवाने की भी मांग की है। उनका कहना है कि उन्हें जीते-जी मृत घोषित करने वालों के खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए।

Aug 5, 2025 - 16:38
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"मैं मलखान सिंह पुत्र आसाराम अभी जिंदा हूं":हाथ में पंपलेट लेकर डीएम ऑफिस पहुंचा बुजुर्ग, कार्रवाई की मांग की
उत्तर प्रदेश के शामली में एक अजीबो गरीब मामला सामने आया है। बाबरी गांव के 72 वर्षीय मलखान सिंह हाथों में "मैं अभी जिंदा हूं" लिखा पैंपलेट लेकर कलेक्ट्रेट पहुंचे। उन्होंने जिलाधिकारी अरविंद कुमार चौहान को शिकायती पत्र सौंपते हुए बताया कि उन्हें सिस्टम में मृत दिखाया गया है। वृद्धा पेंशन शुरू करवाने की भी मांग की मलखान सिंह को इस बात का पता तब चला जब वे अपनी वृद्धा पेंशन लेने बैंक गए थे। बैंक कर्मचारियों ने उन्हें बताया कि रिकॉर्ड में उन्हें मृत दिखाया गया है। जिसके कारण उनकी पेंशन रोक दी गई है। मंगलवार को कलेक्ट्रेट पहुंचे मलखान ने अपने पैंपलेट पर लिखा था, "श्री मान जी, मैं मलखान सिंह पुत्र आसाराम अभी जिंदा हूं।" उन्होंने जिलाधिकारी से अपने जीवित होने का प्रमाण देते हुए उन लोगों पर कानूनी कार्रवाई करने की मांग की है। जिन्होंने उन्हें गलत तरीके से मृत घोषित किया। शामली में सिस्टम की लापरवाही के कारण ऐसे मामले अक्सर सामने आते रहते हैं। इस तरह की गलतियों का खामियाजा आम लोगों को भुगतना पड़ता है। मलखान सिंह पिछले कुछ समय से सरकारी दफ्तरों के चक्कर काट रहे हैं, लेकिन अभी तक उनकी समस्या का समाधान नहीं हुआ है। बुजुर्ग ने जिलाधिकारी से अपनी वृद्धा पेंशन शुरू करवाने की भी मांग की है। उनका कहना है कि उन्हें जीते-जी मृत घोषित करने वालों के खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए।

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