बरेली में बारिश से 90 साल पुरानी बिल्डिंग गिरी:बहेड़ी में सड़कें बनी तालाब, आंवला के CHC में भरा पानी, देखें तस्वीरें
बरेली में लगातार हो रही बारिश से आम जनजीवन पर असर पड़ा है। सुभाषनगर में बारिश की वजह से 90 साल पुराना मकान धराशायी हो गया। वहीं, जगह-जगह जलभराव की वजह से लोगों को निकलने में काफी परेशानी हो रही है। जोगी नवादा, सुभाषनगर और मढ़ीनाथ जैसे इलाकों में जलभराव की स्थिति बनी हुई है। खालसा स्कूल की गली, खन्ना बिल्डिंग के पीछे स्थित 90 वर्ष पुरानी एक जर्जर बिल्डिंग मंगलवार को अचानक धराशायी हो गई। यह बिल्डिंग प्रीतम लाल खुराना की थी, जो कई वर्षों से अपने नए मकान में रह रहे हैं। यह पुराना मकान मिट्टी और सुर्खी से बना हुआ था और सालों से बंद पड़ा था। दो दिनों से लगातार हो रही है बारिश स्थानीय लोगों का कहना है कि पिछले दो दिनों से लगातार हो रही बारिश के कारण यह बिल्डिंग कमजोर हो चुकी थी, जिसकी जानकारी पहले भी मकान मालिक को दी गई थी, लेकिन कोई कदम नहीं उठाया गया। बिल्डिंग का शेष हिस्सा अभी भी खड़ा है और वह भी कभी भी गिर सकता है। बहेड़ी में सड़कें बनी तालाब मंगलवार को हुई मूसलाधार बारिश से पूरा बहेड़ी जलमग्न हो गया। मेन रोड सहित मीना बाजार में पानी भर जाने से दुकानदारों और ग्राहकों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ा। बरसात के समय हर बार मीना बाजार में जलभराव होता है, जिससे व्यापारियों में रोष है। व्यापारियों का कहना है कि मीना बाजार में जलभराव की समस्या कई वर्षों से बनी हुई है लेकिन अब तक इस पर कोई ध्यान नहीं दिया गया। मीना बाजार व्यापार मंडल के पदाधिकारियों और व्यापारियों ने नगर पालिका से मांग की है कि समस्या का समाधान कराया जाए। जलभराव के कारण दुकानों में पानी घुस जाता है जिससे सामान तक खराब हो जाता है। खरीदारी करने आए ग्राहकों को भी भारी परेशानी उठानी पड़ी। आंवला के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में भरा पानी बरेली के आंवला में स्थित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र की हालत बेहद खराब है। इसकी इमारत पुरानी हो चुकी है और हर साल बरसात के मौसम में अस्पताल का स्टाफ बेहद परेशान रहता है। जितनी बारिश बाहर होती है, उतनी ही अस्पताल के अंदर होती है। प्रत्येक कमरे की छत टपकती है। बरामदे में डॉक्टर, स्टाफ और मरीजों को बैठने की जगह नहीं मिलती। पूरे अस्पताल में पानी टपकता है और सफाई कर्मचारी पानी निकालते-निकालते पूरा दिन बीता देते हैं। यही स्थिति जिले के अन्य स्वास्थ्य केंद्रों में भी बनी हुई है।

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